हम यहाँ बालों को झड़ने से रोकने और बालों के विकास की गति बढ़ाने के 10 आयुर्वेदिक उपचार आपको बता रहे हैं:
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बालों में तेल लगाना या ऑइलिंग करना एक प्राचीन प्रक्रिया है, लेकिन आज भी लोग इसके अच्छे प्रभावों के लिए इसे पसंद करते हैं। हालाँकि, यदि आप बालों के झड़ने से परेशान हैं, तो सादा तेल आपके लिए पर्याप्त नहीं रहेगा। इसके लिए यदि आप आँवला, नीम और जटामांसी जैसी जड़ी बूटियों अवयवों से समृद्ध तेल चुनें और इससे अपने बालों की नियमित मालिश करें, तभी बेहतर रहेगा।
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भृंगराज और ब्राह्मी तेल भी बालों के झड़ने का इलाज करने में सहायक हैं। बालों की मरम्मत करने और इन्हें तेजी से बढ़ाने के लिए तीन महीने तक इस हर्बल तेल को नियमित रूप से अपनी खोपड़ी और बालों पर लगाएँ। आँवला तेल भी बाल गिरना कम करने और इनकी वृद्धि बढ़ाने के लिए एक उत्कृष्ट टॉनिक है।
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बालों के पुनर्विकास और वृद्धि के लिए रामदाना (अमरंथ) की पत्तियों और तने से निकाले गए रस को खोपड़ी और बालों के किनारो पर लगाएँ। इससे बालों का घनत्व भी बढ़ता है।
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काली मिर्च के बीज और नींबू के रस का एक गाढ़ा मिश्रण बनाकर गंजे भाग पर लगाना एक उपयुक्त घरेलू उपाय है। यह बालों को विकसित होने के लिए उत्तेजित करता है और उनकी ताकत को बढ़ाता है।
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नीम की पत्तियों से बना काढ़ा खोपड़ी पर लगाना बालों को झड़ने से बचाता है और बालों की जड़ों को मजबूत करता है।
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गंजे भाग पर प्याज का रस लगाने से काफी फायदे होते हैं। यह बालों की पुनर्वृद्धि को उत्तेजित करता है।
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पालक की तरह आयरन युक्त डार्क और पत्तेदार सब्जियाँ खाने से बालों की जड़, कूप, और बालों के किनारों को मजबूती मिलती है।
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गाजर विटामिन-ए से भरपूर होती है। बालों में शरीर की सबसे तेजी से बढ़ने वाली कोशिकाएँ होती हैं और विटामिन-ए कोशिकाओं के फिर से विकास के लिए अति-आवश्यक है। रोजाना गाजर का जूस पीने से बालों की वृद्धि की गति बढ़ती है।
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कोलेजन (बालों और त्वचा के विकास के लिए एक आवश्यक प्रोटीन) के विकास के लिए विटामिन-सी से भरपूर फल, जैसे संतरे और अंगूर अवश्य खाएँ।
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पैक भोजन और शीतल पेय के सेवन से बचें, क्योंकि इनमें भोजन परिरक्षित करने वाले तत्व होते हैं, जो बालों की जड़ों को नुकसान पहुँचा सकते हैं और समय से पहले बालों को सफ़ेद कर सकते हैं।