मॉनसून का मतलब है नया जीवन, हरियाली और नई ऊर्जा का संचार, साथ ही त्वचा की समस्याएँ भी। अपनी त्वचा को बारिश के मौसम के सकारात्मक असर का अनुभव कराइए। बस इस लेख में बताए गए कुछ आयुर्वेदिक उपायों को अपनाइए और इस मॉनसून में त्वचा को सुंदर बनाइए।
बारिश का मौसम। जब भी इसका ज़िक्र होता है तो हरियाली, बूंदों के टपकने की आवाजें, पानी में बच्चों की छपछप की बहुत सी खुशनुमा तस्वीरें आँखों के आगे घूम जाती हैं। लेकिन मॉनसून को लेकर सब कुछ अच्छा नहीं होता है- यह त्वचा के लिए एक बुरी ख़बर है। बारिश का मौसम त्वचा की परेशानियों को बढ़ाने जैसे खुजली, पित्ती, दाद, खाज और एक्ज़िमा के लिए कुख्यात है।
बारिश का मौसम पित्त को बढ़ाता है, हमारे शरीर को चलाने वाली ऊर्जा अग्नि से प्रभावित है और यह मुख्य रूप से पाचन तंत्र और भोजन को पचाने के लिए भी जिम्मेदार होती है। इस मौसम में पित्त का बढ़ना या उसका असंतुलन कई तरह के त्वचा के विकार देता है। भले ही त्वचा की बीमारियाँ तीनों दोषों के असंतुलन की वजह से होती हों, लेकिन आयुर्वेद मानता है कि मुख्य रूप में इसके पीछे का कारण पित्त होता है। पित्त का मतलब है गर्मी या अग्नि। इस तरह से वह सभी आहार या गतिविधियाँ जो शरीर में अग्नि तत्व को बढ़ाती हैं उनसे बचना चाहिए। इसमें गर्म, मसालेदार, तला हुआ, तैलीय और चिकनाईयुक्त आहार शामिल है। पित्त वाले आहार जैसे टमाटर, खट्टे फल, दही और सिरके से बचना चाहिए। गर्मी और धूप, चाय, कॉफी, शराब और धूम्रपान भी पित्त को बढ़ाते हैं।
हम समझते हैं कि आप अपने दिन की शुरुआत बिना चाय और कॉफी के नहीं करते हैं लेकिन उसको कम मात्रा में लें। कॉफी और शराब को न कहें क्योंकि यह पित्त और एसिडिटी बढ़ाने के लिए कुख्यात हैं। इनके बजाए पित्त को शांत करने वाली हर्बल चाय पिएँ।
बारिश के मौसम में बाहर रहने की वजह से कभी-कभी भीग जाना या फिर बारिश के पानी से तर हो जाना एक साधारण सी बात है। हालाँकि, बारिश का मजा लेने के चक्कर में अपनी त्वचा को लंबे वक्त तक बारिश में न भिगोए रखें। यह ज़रूरी है कि आप अपनी त्वचा को हमेशा साफ और सूखा रखें। गीली त्वचा पर फंगल संक्रमण होने का खतरा रहता है।
गेहूं की घास त्वचा के लिए एक टॉनिक जैसा है। यह शरीर की रक्षा प्रणाली को मजबूत बनाने में मदद करता है और मॉनसून में होने वाली त्वचा की समस्याओं को दूर भगाता है। शरीर की सेहतमंद रक्षा प्रणाली अच्छी सेहत और चमकदार त्वचा के तौर पर नज़र आती है। गेहूं की घास में अच्छी मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट और खून को साफ करने वाले तत्व होते हैं।
नहीं, हम उस चीज़ की बात नहीं कर रहे हैं जिसको पीकर नशा होता है। हम बात कर रहे हैं साफ और शुद्ध पानी की। दिन में कम से कम 8-10 गिलास पानी पिएँ। यह अलग बात है कि त्वचा की समस्याओं से बचने के लिए आपको इस मौसम में बाहर से सूखा रहना चाहिए, लेकिन यह भी महत्वपूर्ण है कि आप त्वचा की नमी को बनाए रखने के लिए अच्छी मात्रा में पानी पिएँ।
अपने शरीर और त्वचा को बेहतर बनाने के लिए ताजा भोजन करें, पैकेटबंद आहार से तौबा करें। पैकेटबंद, रेफ्रीजरेटेड और संसाधित आहार पर भरोसा न करें। पिज्जा, बर्गर या चिप्स मंगाने के बजाए घर का बना ताजा आहार लें। अच्छी मात्रा में फल और हरी सब्जियाँ खाएँ।
त्वचा पर एल्कोहल आधारित क्लीन्ज़र न लगाएँ
आपको त्वचा पर एल्कोहल आधारित क्लीन्ज़र लगाने से बचना चाहिए क्योंकि ये आपकी त्वचा को रूखा बनाते हैं। इसके बजाए हर्बल साबुन और क्लीन्ज़र के नियमित इस्तेमाल से शरीर से अतिरिक्त तेल, मैल और धूल हटाएँ, और हां इससे आपकी त्वचा कीटाणुओं से होने वाले संक्रमण से भी बची रहेगी। हम सलाह देते हैं कि आप जीवा सिट्रस लोशन लगाएँ, इस क्लीन्ज़र में नींबू और संतरे के हर्बल अर्क हैं।
ऐसी जड़ी बूटियाँ जो ठंडक पहुंचाती हैं उनका शरीर पर इस्तेमाल करना फायदेमंद रहता है जैसे सौंफ, खड़ी धनिया, आँवला मॉनसून में त्वचा को चमकदार बनाती हैं। आँवला लीवर को शुद्ध करता है और पाचन को ठीक करता है, साथ ही ये विटामिन सी और कई दूसरे मिनिरल्स का बढ़िया स्रोत है। नियमित रूप से इसका सेवन करने से त्वचा की रंगत में निखार आता है।
ऐलोवेरा जेल त्वचा के लिए बहुत फायदेमंद होता है क्योंकि यह खून साफ करता है। रोज़ खाली पेट 2 या 3 चम्मच ताजे ऐलावेरा जेल का सेवन करने से लाभ होता है। इसके अलावा आप ताजा ऐलोवेरा जेल को अपनी त्वचा पर भी लगा सकते हैं, इसमें एंटी एजिंग, एंटी टैनिंग,एंटी माइक्रोबायल और एंटी इन्फ्लेमेट्री गुण होते हैं।
अच्छे से पेट साफ होने का असर आपकी त्वचा पर भी नजर आता है। मलत्याग को आसान बनाने वाली औषधि जैसे त्रिफला पाउडर या कई दूसरी औषधियां जैसे आलूबुखारा, अंजीर और किसमिस भी फायदा पहुंचाते हैं। रात में सोने से पहले गर्म पानी या दूध के साथ एक चम्मच त्रिफला पाउडर का सेवन कर सकते हैं।
आप इन आसान उपायों को अपनाकर सुनिश्चित कर सकते हैं कि मॉनसून में आपको त्वचा की कोई समस्या न हो। अगर फिर भी आपको त्वचा से जुड़ी कोई पुरानी समस्या है तो आप पास ही के जीवा आयुर्वेदिक क्लीनिक से संपर्क कर सकते हैं।आयुर्वेदिक उपचार की मदद से हजारों ऐसे मरीज़ों को राहत मिली है जो त्वचा से जुड़ी गंभीर और पुराने विकारों से परेशान थे। त्वचा की समस्याओं के लिए जीवा आयुर्वेदिक रिसर्च इंस्टीट्यूट ने कई खास आयुर्वेदिक दवाइयाँ, चाय और पाउडर तैयार किए हैं। ज्य़ादा जानकारी के लिए संपर्क करें +91-129-4040404 या info@jiva.com पर।
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