उबटन:
क्या आप अभी भी अपनी त्वचा को साफ़ रखने और धोने के लिए एक अच्छे साबुन या फेस-वॉश की तलाश में घूम रहे हैं? यह सब छोड़ें और आयुर्वेदिक उपचारों, जैसे जड़ी-बूटियों, आटे और फलियों आदि की सहायता लें। आप इनको मुँह धोने, चेहरे या शरीर के लिए मास्क तैयार करने, मालिश और बॉडी को पॉलिश करने आदि के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं।
संवेदनशील त्वचा के लिए उबटन बहुत असरदार होता है, क्योंकि इनमें साबुन के विपरीत गुण होते हैं और यह त्वचा को सूखने से रोकता है। यह त्वचा को अंदर से पोषण देकर नमीयुक्त और साफ़-सुथरा बनाता हैं। अगर आप बहुत ही ज्यादा व्यस्त या थके हुए हैं, तो आप बना-बनाया उबटन भी इस्तेमाल कर सकते हैं। उसके लिए आप हमारा केसर उबटन लगाकर देखें, जो आपको साफ़-सुथरी व चमकती-दमकती त्वचा देगा।
अभ्यंग:
आयुर्वेदिक तेलों की सहायता से आप शरीर की मालिश करके उसे पोषण दे सकते हैं, इसी प्रक्रिया को अभ्यंग कहा जाता है। वेदों के अनुसार, अभ्यंग त्वचा को शुद्ध करके रंग को साफ करता है और त्वचा को अंदर से पोषण देता है। त्वचा की उम्र को कम करने का ये सबसे असरदार तरीका है। तो अगर अगली बार आप निखरी और सुन्दर त्वचा पाने के लिए एक अचूक रास्ता ढूंढ रहे हों, तो मसाज आयल से अपने शरीर की मालिश करके खुद को दमकती त्वचा प्रदान करें।
मुखलेपम्:
त्वचा की अवस्था को ध्यान में रखकर तैयार की गई आयुर्वेदिक चेहरे की चिकित्सा की एक विशेष पद्धति मुखलेपम् में सेसमे के तेल या हर्बल लेपों से चेहरे की अच्छे से मालिश की जाती है। यह संवेदनशील त्वचा वाले लोगों के लिए बहुत लाभदायक है, क्योंकि इसका लेप औषधीय पौधों, तेलों, फलों, जड़ी-बूटियों आदि के काढ़े से बना होता है। मुखलेपम् से आप अपने चेहरे का उपचार बहुत अच्छे से कर सकते हैं और इसमें रासायनिक सामग्री भी नहीं मिली होती है।
आप 0129-4040404 पर फोन करके जीवा पंचकर्म क्लीनिक पर अपना मुखलेपम् सत्र सुनिश्चित करा सकते हैं या घर पर ही बहुत आसानी से इस लेप को तैयार कर सकते हैं। बेसन और हल्दी को मिलायें और उसमें 3-4 चम्मच दूध डालें। अब इसे 10-15 मिनट तक के लिए अपने चेहरे पर लगाएँ और फिर हल्के गर्म पानी से धो लें। हम आपको विश्वास दिला सकते है कि इन त्वचा देखभाल पद्धतियों के पालन से आपको कभी मेकअप की जरूरत नहीं पड़ेगी।