चन्दन:
चन्दन का इस्तेमाल और फायदे सिर्फ इसकी सुगंध तक ही सीमित नहीं है। हमारे पूर्वजों द्वारा इसे 'तरल सोना; कहा गया है। चन्दन रंग को हल्का या गोरा करने और चमकाने की क्षमता रखता है। यह त्वचा पर शांतिकारी प्रभाव छोड़कर उसे प्राकृतिक रूप से निखार देता है। धूप-झुलसाने वाली गर्मी, मुहाँसे, त्वचा दोष, स्क्रैप और चकत्ते होने पर इसे फेस-पैक की तरह इस्तेमाल करें।
हल्दी:
यह शुद्ध भारतीय मसाला आयुर्वेदिक त्वचा उपचारों में सालों से इस्तेमाल किया जा रहा है। इसमें धब्बों और हल्की लकीरों को साफ़ करने का गुण है। एंटी-ऑक्सीडेंट और सूजन-प्रतिरोधी होने के कारण हल्दी खून को साफ़ करती है और इसीलिए होने वाली दुल्हन के शरीर पर शादी से पहले हल्दी लगाई जाती है। यह दाग धब्बों से लड़ने में काफी हद तक सक्षम है। यह मुँहासे को कम कर झाईयों को हल्का करती है और साथ ही, उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को धीमा कर देती है।
घृतकुमारी (एलो वेरा):
अविश्वसनीय रूप से सुखदायक, नमीयुक्त और जलीय अवयवों से भरपूर घृतकुमारी त्वचा के लिए बेहद लाभकारी है। आयुर्वेद में एलोवेरा त्वचा विकारों, जैसे कि मुँहासों, दाग-धब्बों, सूरज से जलने पर, संक्रमणों, एलर्जी, चकत्तों, त्वचा के घावों, छालों, कीड़े के काटने पर या सूखी त्वचा इत्यादि को ठीक करने में प्रयुक्त होता है।
कुमकुमादि तेल:
कुमकुमादि तेल एक पारम्परिक आयुर्वेदिक घोल है जो कि 6 आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों से मिलकर बनता है। इसमें केसर, मंजिष्ठा, सरहरिद्र और दूध होता है। यह रंग को हल्का कर मुँहासे, दाने, लाल चकत्ते और झाईयों से आपको बचाता है और धूप के प्रभाव को कम करता है।