नीम का तेल इस प्राकृतिक जड़ी-बूटी का ही एक रूप है, जिसे कई कारणों से इस्तेमाल किया जा सकता है। इस तेल के कुछ फायदे हमने नीचे लिखे हैं, जिनमें हम इसको अपने दैनिक जीवन में इस्तेमाल कर सकते हैं।
मुँहासे से छुटकारा दिलाये:
नीम के तेल को जीवाणुरोधी (एंटी-बैक्टीरियल) और जलनरोधी (एंटी-इंफ्लेमेटरी) औषधि के रूप में जाना जाता है। यह बैक्टीरिया को बढ़ने से रोकता है, जिससे मुहाँसों में होने वाली खुजली, लाली और दर्द का कम हो जाता है। जीवा नीम फेस वाश एक शुद्ध हर्बल उत्पाद है जो मुहाँसों और फुंसियों को जड़ से खत्म करता है।
सोरायसिस के उपचार में सहायक:
त्वचा में बैक्टीरिया या रोगाणुओं के कारण होने वाली बीमारियों का नीम के तेल से इलाज किया जा सकता है। यह त्वचा को नमीयुक्त (मॉइस्चराइज़) करता है, सूखापन और खुजली को पूरी तरह से नियंत्रित करता है।
शरीर की दुर्गन्ध से लड़े:
हमारे खाने और उससे पैदा हुए बैक्टीरियाओं के कारण हमारे पसीने से दुर्गन्ध आती है। नीम के तेल से स्नान करने से इन बैक्टीरियाओं को मारकर, गर्मी में भी शरीर की बदबू से बचा जा सकता है। जीवा नीम सोप में उपयुक्त मात्रा में नीम के तेल और टी ट्री ऑयल होता है, जिससे आपको दुर्गन्ध से आजादी और पूरे दिन के लिए ताजगी मिले।
जुओं को ख़त्म करने में सहयोगी:
बच्चों के सिर में जूँ हो जाना एक आम बात है। लोग इनसे छुटकारा पाने के लिए ना जाने कितने ही प्रकार के रसायन और दवाएँ इस्तेमाल करते हैं। आप बस नीम के तेल को सिर में पूरी रात के लिए लगा कर छोड़ दीजिये और जूँ ख़त्म हो जाएँगी। यह जुओं से छुटकारा पाने का सबसे अच्छा प्राकृतिक तरीका है।
रूसी ख़त्म करे:
कई हर्बल शैम्पू उत्पादों में नीम के तेल को एक मुख्य अवयव की तरह प्रयोग में लाया जाता है। लगातार नीम के तेल या जीवा हर्बल शैम्पू का इस्तेमाल आपकी खोपड़ी में फफूंदी की वजह से होने वाले संक्रमण (फंगल इन्फेक्शन) को होने से रोकता है और सिर में रूखापन और खुजली को कम करके रुसी (डैंड्रफ) भी नहीं होने देता।