आयुर्वेद के अनुसार शरीर, दिमाग और आत्मा तीनों एक पेड़ का हिस्सा हैं और इनका आपस में जुड़ा होना ही हमें प्रकृति और ब्रह्याण्ड के साथ शांति बनाकर रखने में मदद कर सकता है। इस सामंजस्य के टूटने पर शरीर में अनेकों बीमारियां घर कर जाती है।
आयुर्वेद में सही खाने को सही तरह से खाना बेहद ही जरूरी माना गया है। शरीर को अंदर से संतुलित रखने के लिए आयुर्वेद द्वारा सात्त्विक भोजन की सलाह दी जाती है। सात्त्विक भोजन खाने का शुद्ध रूप माना जाता है, जो स्वास्थ्य को ठीक और मन की शांति सुनिश्चित करता है। साथ ही, यह दिमाग और शरीर के बीच ऊर्जा का प्रवाह संचालित करता है, जिसके कारण चित्त शांत रहता है।
शरीर, मन और आत्मा को एक उत्तम समूह में पंक्तिबद्ध करने के लिए आयुर्वेद द्वारा कुछ खाद्य पदार्थ सुझाये गए हैं:
गाय के दूध से बना घी आयुर्वेद के अनुसार सर्वोत्तम है। यह मीठा, ठंडा और भारी होता है। घर में दूध से घी आसानी से निकला जा सकता है। घी को अपने खाने में मिलाकर खाएँ। आयुर्वेद के हिसाब से घी-युक्त खाना ही पूर्ण भोजन माना जाता है।
अनाज सात्त्विक भोजन का एक अहम् अंश है और इसीलिए, अंकुरित साबुत अनाज को आयुर्वेद में बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। कोशिश करें कि आप इसे अपने दैनिक आहार में जोड़ लें और इसे ब्रेड के साथ न लें।
सेब, अंगूर, संतरे, खजूर, बेरियाँ, आड़ू, केला आदि सभी सात्त्विक फलों में आते हैं, जबकि टमाटर राजसिक होता है और हिसाब से खाया जाना चाहिए। व्रत के दौरान सात्विक भोजन खाने की सलाह दी जाती है।
आयुर्वेद शहद को प्राकृतिक स्वीटनर या मीठा करने वाले भोज्य के रूप में स्वाकीर किया जाता है, परन्तु इसके निश्चित इस्तेमाल की सलाह दी जाती है। शुद्ध गन्ने का रस पिएँ और प्रोसेस्ड (संसाधित) चीनी का प्रयोग करने से बचें।
जैविक सब्जियाँ खाएँ। मशरूम, आलू, अदरक, लहसुन और गर्म मसाला सात्त्विक भोजन में नहीं आते, इसलिए इन्हें कम खाना चाहिए।
पूरी रात के लिए भीगे बादाम और बीज खाना फायदेमंद रहता है। भुना हुआ और नमकीन बादाम सात्विक भोजन में नहीं आता। तेलों में सेसमे का तेल, घी, नारियल का तेल आदि इस्तेमाल किया जाना चाहिए। सूखे मेवों में बादाम, अलसी के बीज, सेसमे के बीज और अखरोट का सेवन आयुर्वेद के हिसाब से अच्छा है।
आयुर्वेदिक के हिसाब से फलियाँ आसानी से पच जाती हैं, और इनमें पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन पाया जाता है।
आयुर्वेदिक आहार में जड़ी-बूटियों को अहम् स्थान देता है। इनमें से कुछ की सूची नीचे दी गई है। यह न केवल बीमारी ठीक करती हैं, बल्कि मानसिक शांति भी देती हैं:
अश्वगंधा तनाव और थकान को कम करके ध्यान केंद्रित करने में मदद करता है।
पवित्र तुलसी में अनेकों औषधीय गुण होते हैं।
केसर तीनों दोषो को ठीक करने की क्षमता रखती हैं।
वाचा को पीड़ाहर, नींद दिलाने वाली और मांसपेशी को आराम देने वाली औषधि के रूप में प्रयोग किया जाता है।
ब्राह्मी दिमाग को बढ़ाने में काम आती है और यह चिंता को कम करती है।
मण्डूकपर्णी विचाने और ध्यान लगाने की शक्ति बढ़ाने में बेहद असरदार है।
गिंको में कई औषधीय गुण होते हैं, जो कि ह्रदय, फेफड़े और गुर्दे की बीमारी को ठीक करने में फायदेमंद है।
To Know more , talk to a Jiva doctor. Dial 0129-4040404 or click on ‘Speak to a Doctor
under the CONNECT tab in Jiva Health App.
SHARE:
TAGS:
Ayurvedic Home Remedies For A Good Night Sleep
Shirodhara Therapy - Relief from mental & physical stress
Overcoming grief of a lost loved one
Have You Tried These Yoga Positions for Stress Relief?
Ease Bipolar Disorder with Ayurvedic Remedies
Beat stress the Ayurvedic way
AYURVEDIC TREATMENT FOR NEUROLOGICAL PROBLEMS
Exploring Anxiety Ayurvedic Treatment
अच्छी नींद के लिए आयुर्वेदिक घरेलू नुस्खे
Suicide Prevention - Saving lives with Ayurveda