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मुँहासों के लिए सरल घरेलू उपचार

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मुहांसों के बारे में कौन नहीं जानता! खासकर किशोरावस्था में पूरे चेहरे पर, खुरदुरे और उभरे हुये यह दाने बहुत कष्टकारी होते हैं तथा चेहरे की सुन्दरता को ढक लेते हैं।

डॉक्टर दादी, जो कि कुशल घरेलू उपचार विशेषज्ञ हैं, कहती हैं कि युवकों और युवतियों को जब मुहासों की समस्या होती है तो वे पूरी तरह से हीन भावना से ग्रसित हो जाते हैं कि मानों उनकी जिन्दगी की सुन्दरता छिन गई है। मतलब अपने आपको कुरूप समझने लगते हैं, जो उनके अन्दर तनाव और चिन्ता का कारण बन जाता है।

लोग इस समस्या से निजात पाने के लिये आमतौर पर बाजारू क्रीमों, एण्टीबायोटिक्स और भिन्न-भिन्न रासायनिक मरहमों का प्रयोग किया करते हैं परन्तु इससे उनकी समस्या में कोई खास फर्क नहीं आता है, और कुछ समय बाद मुहांसे फिर चेहरे पर आ जाते हैं।

फिर, इस समस्या का पूर्ण एवं स्थायी निदान क्या हो सकता है? इस पर डॉक्टर दादी कहती हैं कि आयुर्वेद के पास इसका पूर्ण निदान है।

क्रीमों और एण्टीबायोटिकों का प्रभाव केवल ऊपरी और अस्थायी होता है, क्योंकि मुहांसों की समस्या कोई आम नहीं, यह एक जटिल समस्या होती है जिसको जड़ से उखाड़ना आवश्यक है।

इस रोग से पूरी तरह से मुक्ति पाने के लिए आयुर्वेद सात्विक आहार के साथ-साथ जीवनशैली में परिवर्तन करने तथा कुछ विशिष्ट औषधियों को लेने की सलाह देता है।

गर्मियों में अधिक ध्यान दें

गर्मियों में सूर्य की तेज रोशनी मुहासों को और बढ़ाने का काम करती है। साथ ही अन्य समस्यायें जैसे कि सनबर्न, लाली पड़ना और चिड़चिड़ापन आदि, मुहांसों वाली त्वचा की समस्या को और जटिल बना देती हैं। गर्मियों के मौसम में वैसे भी शरीर में पित्त की मात्रा बढ़ जाती है, जिससे शरीर में अपचन और विषाक्तता हो जाती है, जो कि मुहांसों के बनने का प्रमुख कारक होता है।

डॉक्टर दादी के उपचार

गर्मियों के मौसम में त्वचा को सूर्य के प्रकाश से निश्चित रूप से सुरक्षित रखना चाहिये। साथ ही, ठण्डी चीजें लें। पित्त-शामक आहार आपके पाचन को ठीक रखेगा और पित्त को भी सन्तुलित रखेगा। डॉक्टर दादी के निम्नलिखित नुस्खे आपके मुहांसों की स्थिति को पूर्ण नियंत्रित रखने के लिये प्रभावी हो सकते हैं

  • केसर, हल्दी, नीम, लाल चन्दन, तुलसी और मुल्तानी मिट्टी को समान भाग में लेकर दूध की क्रीम या दूध के साथ, त्वचा पर दिन में दो बार लगायें।

  • धनिया, सौंफ, तुलसी, हल्दी और आंवला को समान भाग में लेकर महीन पीसकर चूर्ण बना लें। इस मिश्रण को दोपहर और रात के खाने के 15 मिनट पहले आधा-आधा चम्मच जल के साथ लें।

  • एक चम्मच आंवले का चूर्ण सुबह-शाम पानी के साथ लें।

  • एक चम्मच हल्दी का चूर्ण और एक चम्मच सूखी नीम की पत्तियों का चूर्ण (ताजी पत्तियों को पीसकर भी लिया जा सकता है), गुलाबजल में मिलाकर पेस्ट बना लें। इसे दिन में दो बार चेहरे पर लगायें।

  • तुलसी और नीम की कुछ पत्तियां लेकर उन्हें 5 मिनट तक एक गिलास पानी में उबाल लें। इस पानी को रेफ्रिजरेटर में रख लें और इससे चेहरे को दिन में दो बार धोयें।

टिप्पणीः

इन नुस्खों को अपनाने के लिये आप स्वयं जिम्मेदार होंगे। ध्यान रखें, नुस्खों को दवाइयों की जगह पर नहीं लिया जा सकता है। अगर आपकी समस्या में कोई सुधार न दिख रहा हो तो किसी कुशल चिकित्सक की सलाह अवश्य लें।

To Know more , talk to a Jiva doctor. Dial 0129-4264323 or click on Our Doctors.

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