Diseases Search
Close Button

अस्थमा के मरीज़ों के बेहतर साँस लेने के लिए आयुर्वेद द्वारा सुझाये गए कुछ ख़ास बदलाव।

Search Icon

वेदों के अनुसार असन्तुलित आहार तथा जीवनशैली अस्थमा के लक्षण को बढ़ावा देता है। भारी आहार, सूखा भोजन, ठण्डे पानी का सेवन, नमक की अधिकता, ठण्डे में रहना, ठण्डे पानी से नहाना, धूल में रहना, धुँआ, ठण्डी हवा आदि सभी कारक अस्थमा की समस्या को बढ़ाने वाले माने जाते हैं। अगर आप इस समस्या से छुटकारा पाना चाहते हैं तो आपको अपने जीवनशैली में कुछ बदलाव लाने की आवश्यकता है।

कफ़ को सन्तुलित करने वाले आहार का सेवन करें

ऐसा आहार जिसमें कि कफ़ को बढाने वाले तत्व मौजूद होते हैं वो शरीर मे म्यूकस के बनने में मदद करते हैं जो कि अस्थमा के अटैक को बढ़ावा देने के साथ ही इसकी स्थिति को और गम्भीर बना सकते हैं। कफ़ दोष को सन्तुलित करने के लिए दूध तथा इससे बने पदार्थों जिस की दही, पनीर, चीज़ आदि का सेवन ना करें। प्राकृतिक मसलों जैसे कि काली मिर्च, अदरख, सरसो के तेल आदि का भोजन पकाते समय उपयोग करें। वहीं मीठे पदार्थों जैसे कि शहद आदि का भी भोजन में प्रयोग करें। वहीं फलों में सेब तथा नाशपाती जैसे हल्के फलों का सेवन करें तथा केला, अनन्नास तथा तरबूज़ आदि फ़लों का सेवन ना करें।

ऐसे भोजन से बचें जो कि अस्थमा के अटैक को बढ़ावा देते हैं

अस्थमा के मरीज़ों को खट्टे खाद्द पदार्थों के सेवन से बचना चाहिए। अत्यधिक तले हुए तथा पैक किये हुए खाद्द पदार्थों के सेवन से भी बचना चाहिए क्योंकि ये आपके शरीर को भारीपन का अनुभव कराते है जिससे साँस लेने की तकलीफ़ बढ़ जाती है। इसके साथ ही आप अधिक भोजन ना लें। रात के समय मे हल्का भोजन लेना अस्थमा की समस्या को ख़त्म करने का प्रभावी नुस्खा माना गया है।

खाने के बाद तुरन्त ही ना सोयें

आपके रात के खाने और सोने के बीच मे कम से कम 2-3 घण्टे का अन्तर होना चाहिए। ये आपके शरीर को खाना पचाने के लिए पर्याप्त समय देता है जिससे कि आपको रात में भारी पेट नहीं सोना पड़ता है। यदि किसी कारणवश आप खाने के बाद 2-3 घण्टे नहीं रुक सकते तो कम से कम 1 घण्टे का अन्तराल जरूर रखें।

अस्थमा को सन्तुलित करना वाक़ई में एक चालाकी वाला काम है। आप ये कभी नहीं जान पाएंगे कि कौन सी गलती इसके अटैक को बढ़ावा दे सकती है। जहाँ दवाईयाँ अस्थमा से लड़ने में मदद करती हैं वहीं जीवनशैली में बदलाव लाकर भी आप इसके अटैक से काफ़ी हद तक बचे रह सकते हैं। यहाँ पर बताये गए बदलाव को अगर आप एक बार अपना लेते हैं तो आप खुद इस बात का अनुभव करेंगे कि आपके जीवन मे काफ़ी बदलाव आया है।

To Know more , talk to a Jiva doctor. Dial 0129-4040404 or click on Our Doctors.

SHARE:

TAGS:

Related Disease

Our Happy Patients

  • Sunita Malik - Knee Pain
  • Abhishek Mal - Diabetes
  • Vidit Aggarwal - Psoriasis
  • Shanti - Sleeping Disorder
  • Ranjana - Arthritis
  • Jyoti - Migraine
  • Renu Lamba - Diabetes
  • Kamla Singh - Bulging Disc
  • Rajesh Kumar - Psoriasis
  • Dhruv Dutta - Diabetes
  • Atharva - Respiratory Disease
  • Amey - Skin Problem
  • Asha - Joint Problem
  • Sanjeeta - Joint Pain
  • A B Mukherjee - Acidity
  • Deepak Sharma - Lower Back Pain
  • Vyjayanti - Pcod
  • Sunil Singh - Thyroid
  • Sarla Gupta - Post Surgery Challenges
  • Syed Masood Ahmed - Osteoarthritis & Bp
Book Free Consultation Call Us