Get up to 15% OFF! On Authentic Ayurveda Products! Best Prices only on the brand store. Visit : www.store.jiva.com
Understand the root-cause of your problem, and begin your personalized treatment today.
क्या आपको गर्मी के मौसम में धूप, त्वचा पर होने वाले फोड़े-फुंसियां और प्यास से डर लगता है? आयुर्वेद की मदद से गर्मियों में होने वाली हर समस्या से निजात पाइए। प्राचीन संतों के ज्ञान को जानिए और गर्मी को मात दीजिए इससे पहले कि वो आपको हरा दे।
बसंत के बाद हमें धीरे-धीरे गर्मी के बढ़ने का एहसास होता है। यह गर्मी के मौसम के आने का संकेत होता है। यहाँ से तापमान बढ़ना शुरु होगा तब तक जब तक कि ये बिल्कुल ही तपने ना लगे। ऐसे में जब बाहर भयंकर गर्मी पड़ेगी तो क्या आप इस गर्मी में शरीर को संतुलित रखने के लिए तैयार हैं? पंखे, कूलर और ए.सी. चलाने के अलावा आपके पास खुद को शांत, संतुलित और ठंडा रखने का कोई विकल्प है?
तकनीक आपको आपके घर या दफ्तर के अंदर ठंडा रखने में मदद कर सकती है लेकिन कभी ना कभी तो आपको बाहर की गर्मी का सामना करना ही पड़ेगा। प्राकृतिक उपचार के सबसे पुराने विज्ञान आयुर्वेद के मुताबिक जब बाहर गर्मी बढ़ने लगे तो उसके साथ संतुलन बनाने का एक ही रास्ता है वह है शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक रूप से खुद को अंदर से ठंडा रखने के रास्ते तलाशना।
गर्मी आने पर इसके कई लक्षण दिखने लगते हैं जैसे शरीर का बहुत ज्यादा गर्म हो जाना, पानी की कमी, पसीना, त्वचा पर चकत्ते पड़ना,तेज धूप से त्वचा का झुलसना, मुँहासे, डायरिया और हाँ चिड़चिड़ापन और आलस भी। हमने नीचे कुछ आसान तरीके दिए हैं जिससे आप गर्मियों में मन और शरीर का संतुलन बनाए रख सकते हैं और गर्मी का मज़ा उठा सकते हैं ।
एक अच्छे दिन की शुरुआत करने का सबसे अच्छा रास्ता है ठंडे पानी से नहाना। यह पहला काम है जो आप सुबह करते हैं, तो इसे ही सबसे बेहतर बनाइए। ठंडे पानी से नहाइए। पुदीने की ताजा या सूखी पत्तियां लीजिए और उसे आधे घंटे तक उबालिए। अब इसके पानी को छानकर ठंडा होने के लिए रख दीजिए। नहाने के बाद इस पानी को अपने पूरे शरीर पर लगाइए खासतौर से उन जगहों पर जहां आपको ज्यादा पसीना आता हो। पुदीना त्वचा को ठंडा और ताजा रखता है साथ ही यह आपके दिमाग को शांति देता है।
इसके अलावा आप गुलाब की पंखुड़ियों या गुलाब के अर्क से बने तेल का इस्तेमाल भी नहाने के दौरान कर सकते हैं। अगर आप गुलाब की पंखुड़ियों का इस्तेमाल कर रहे हैं तो इसे अपने बाथटब या पानी में रात भर भीगने के लिए रख दें। गुलाब शरीर और मन को ताजगी से भर देता है। यह त्वचा को मुलायम, कोमल और चमकदार बनाता है। यही नहीं यह आपकी त्वचा को धूप में जलने से भी बचाता है।
ताजगी से भरा ठंडा स्नान करके अब आप तपा देने वाली गर्मी का सामना मुस्कुराहट के साथ करने को तैयार हैं।
हम आगे बढ़ें, उससे पहले ही आपको आगाह कर दें कि गर्मी में ठंडक पाने के लिए कभी भी ठंडे बोतलबंद जूस या कार्बोनेटेड पेय पदार्थ ना पिएं। यह ना सिर्फ आपका हाज़मा बिगाड़ेंगे बल्कि आपके शरीर की बीमारियों से लड़ने वाली प्रणाली को नुकसान पहुँचाएंगे। यही नहीं ठंडे या बर्फ से बने पेय पदार्थ पाचन तंत्र के लिए बहुत नुकसानदायक हैं क्योंकि ये जठराग्नि यानि पाचन तंत्र की क्रियाओं को रोक देते हैं। मथे हुए और सामान्य तापमान पर रखे गए ताजा फलों के रस और शरबत को पीना ही फायदेमंद है। अंगूर का रस, तरबूज शेक, लस्सी,बेल का शरबत और आम पना गर्मियों में ताजगी देने वाले और तंदुरुस्त रखने वाले पेय हैं। आपको गर्मियों में शरीर की नमी को बनाए रखने के लिए बहुत सारा ठंडा पानी भी पीना चाहिए। इस मौसम में शरीर को नम बनाए रखना बेहद जरुरी है।
आयुर्वेद में बहुत से फल और सब्जियां, जो मीठी, रसीली, खट्टी और कसैली होती हैं उन्हें खाने पीने की चीजों की लिस्ट में रखा गया है क्योंकि यह शरीर को ठंडा रखती हैं। खरबूजा, तरबूज, नाशपाती, चेरी, आम और अंगूर जैसे फल फायदेमंद हैं। सब्जियां जैसे ब्रोकली, तोरई और शतावरी में भी शरीर को ठंडा रखने के गुण होते हैं। अपने सलाद में खीरे का इस्तेमाल करें। गर्मी के मौसम में खट्टे और मसालेदार खानपान से बचें। शरीर को ठंडा रखने वाले मसाले जैसे पुदीना, सौंफ, चक्र फूल और इलायची का इस्तेमाल खाना बनाने में करें। आपको गर्म तासीर वाली चीजों जैसे टमाटर, काली मिर्च, मूली, प्याज, लहसुन और पालक खाने से बचना चाहिए।
गर्मियों में शरीर को तंदुरुस्त रखने का बेहतरीन व्यायाम है तैराकी। यह ना सिर्फ शरीर को ठंडक और आराम पहुंचाता है बल्कि रंगत सुधारने और मांसपेशियों को मजबूत बनाने में भी मददगार है। पार्क में सुबह और शाम की सैर इस मौसम में शरीर और मन दोनों को आराम पहुंचाती है। इसके अलावा आयुर्वेद में शरीर और मन को ठंडक, चमक और शांति पहुंचाने के लिए शीतली प्राणायाम करने की भी सलाह दी गई है।
तनाव और ज्यादा काम गर्मी के असर को ज्यादा बढ़ा देता है। समय पर काम निपटाने का तनाव, काम का दबाव, अपने लिए कम वक्त निकाल पाना और रोज लंबी दूरी तय करना गर्मी के मौसम में तनाव को ज्यादा बढ़ा देता है। आपको अपने काम की योजना बनानी चाहिए और समय पर काम खत्म करने का तरीका सीखना चाहिए। इससे आप अपने परिवार और दोस्तों के साथ ज्यादा वक्त बिता सकेंगे। काम के साथ-साथ आराम करना भी सीखना चाहिए। साप्ताहिक छुट्टियों में आराम और मजेदार काम करें। कुछ वक्त निकालकर जिंदगी का मजा लें और उससे मिलने वाली खुशियों को समझें। हो सके तो किसी हिल स्टेशन पर जाकर कुछ दिन शांति में बिताएं। दिमाग को तनाव से दूर रखें और खुद को आराम देने के लिए कुछ वक्त निकालकर ध्यान जरूर लगाएं।
गर्मी के मौसम में आपको सूर्य से खुद को बचाना चाहिए और दोपहर के वक्त बाहर जाने से बचना चाहिए। तेज धूप में झुलसने से खुद को बचाने के लिए एक अच्छी सनस्क्रीन का इस्तेमाल करें। जब आपको तपती हुई धूप का सामना करना पड़े तो त्वचा को सूखने से बचाएं और ठंडक पाने के लिए जीवा कुकुंबर वॉटर का इस्तेमाल करें।
शरीर को अंदर से ठंडा रखने के लिए रसीले फल जैसे खरबूजा, तरबूज और नाशपाती वगैरह खाएं या एक ग्लास नींबू पानी पिएं। ज्यादा से ज्यादा पानी पीना जरूर पिएं क्योंकि इससे आपके शरीर में पानी की कमी नहीं होगी। अपनी आंखों को सूरज की तेज रोशनी से बचाने के लिए धूप का चश्मा पहनें
आयुर्वेद के मुताबिक गर्मियों के मौसम को पित्त का मौसम माना गया है, जहां आग और पानी का शक्तिशाली सिद्धांत चरम पर होता है। पित्त दोष सूर्य की ऊर्जा से चलता और बढ़ता है। आयुर्वेद मानता है कि इस वक्त शरीर के अंदर और बाहर दोनों जगह पानी की कमी हो जाती है। पित्त को शांत करने में आयुर्वेद का सिद्धांत कहता है कि गर्मी के मौसम में वातावरण में जो चीज सबसे ज्यादा असर दिखा रही है उसके साथ संतुलन बैठाकर ही सेहतमंद तरीके से इस मौसम का मजा लिया जा सकता है ।
To Know more , talk to a Jiva doctor. Dial 0129-4040404 or click on ‘Speak to a Doctor
under the CONNECT tab in Jiva Health App.
Subscribe to the monthly Jiva Newsletter and get regular updates on Dr Chauhan's latest health videos, health & wellness tips, blogs and lots more.
Comment
Be the first to comment.