हिबिस्कस का पौधा या गुड़हल भारत में हर जगह आसानी से मिल जाता है। आयुर्वेद के अनुसार, गुड़हल के फूल के बहुत से स्वास्थ्य-सम्बन्धी फायदे होते हैं। यह फूल दो तरह का होता है - लाल गुड़हल और सफ़ेद गुड़हल। इसको कई सौंदर्य प्रसाधनों और उपचारों में भी प्रयोग किया जाता है।
तो चलिए, अब हम समझते हैं कि गुड़हल के फूल के फायदे क्या-क्या हैं:
मधुमेह के उपचार में गुड़हल बहुत उपयोगी है। आप गुड़हल की चाय बनाकर रोज पी सकते हैं, इससे मधुमेह नियंत्रित रहता है। जीवा डाइबिटीज टी की मदद से रक्त में शर्कर के स्तर (शुगर लेवल) को काबू में रखा जा सकता है और यह शरीर का चयापचय भी प्राकृतिक रूप से सुधारती है। इसके यही फायदे इसको एक जबरदस्त उपचार बनाते हैं।
खुजली होने या जलन पड़ने जैसे समस्याओं में भी गुड़हल आपको राहत दे सकता है। इसकी पत्तियों को पीसकर जलन या खुजली वाले स्थान पर इसको लगाएँ। इस लेप को लगाने के बाद कुछ ही मिनटों में आपको परेशानी से आराम मिल जाएगा।
यदि चेहरे पर बार-बार हो जाने वाले मुँहासे (पिम्पल्स) आपको परेशान करते हैं, तो गुड़हल के फूल को पानी में उबालें और इसे पानी में इसको अच्छे से फेंटे। अब इस घोल में थोड़ा-सा शहद मिलाकर मुँहासों पर लगाएँ। इससे आपके मुँहासे ख़त्म हो जाएँगे।
गुड़हल की चाय LDL कोलेस्ट्रॉल और रक्तचाप (ब्लड प्रेशर) को कम करने में बहुत मदद करती है। इसमें उपस्थित अवयव कोलेस्ट्रॉल का स्तर कम करते हैं। इसके लिए आप गुड़हल को पानी में उबाल कर इस पानी को पीजिये। इसके अतिरिक्त, गुड़हल के फूल की चाय आपके प्रतिरक्षा तंत्र (इम्यून सिस्टम) और चयापचय (मेटाबोलिज्म) को सही से कार्य करने में भी मदद करती है। यह कैंसर और यकृत (लिवर) की बीमारियों में भी फायदेमंद है। गुड़हल वजन घटाने में भी सहायक है। उदाहरण के लिए, जीवा स्लिम टी शरीर के अवरुद्ध चैनलों को खोलकर विषाक्त पदार्थों को शरीर से निकाल देती है और बढ़े हुए वजन को घटाने में मदद करती है।
आप इस आयुर्वेदिक और औषधीय पौधे की पत्तियों और फूलों का सेवन करके बहुत-सी स्वास्थ्य समस्याओं से छुटकार पा सकते हैं।
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