सूर्य भेदन एक ऐसा योगाभ्यास है जिसमें व्यक्ति दायीं नाक से साँस खींचकर बायें नाक से साँस को बाहर करता है। आपका दाँया नाक सूर्य नाड़ी का रास्ता माना जाता है जो कि सूर्य की ऊर्जा लिए हुए होता है, अतः नाक से साँस लेने से आपके शरीर के ऊर्जा केंद्र को सक्रिय करने में मदद मिलती है।
कुण्डलनी शक्ति को नियंत्रित करता है - सूर्य भेदन शरीर के कुण्डलनी शक्ति को जगाता है जिससे आपका दिमाग़ विभिन्न कार्यों को आसानी से करने में सक्षम होता है, इसके साथ ही इससे दिमाग़ काम मे अत्यधिक तनाव की स्थिति में भी शान्त रहता है।
सूर्य भेदन के समय नियन्त्रित श्वसन से शरीर मे प्राण शक्ति को बढ़ाने में मदद मिलती है। जैसे ही आप साँस को भीतर खींचते है तो ऑक्सीजन शरीर के अन्दर जाता है जिससे कि आपका शरीर और अधिक सक्रिय होता है।
पाचन रस को बढ़ाता है - जैसे ही सूर्य नाड़ी सक्रिय होता है ये जठरग्नि और साधक पित्त को भी व्यवस्थित कर देता है। इसका पहला रूप पाचन शक्ति को बढ़ाना है और दूसरा शरीर से विषाक्त तत्वों को बाहर करना है। जैसे ही आपका पाचन रस तेज़ी से बनना शुरू होता है ये वैसे ही आपकी मानसिक एकाग्रता भी बढ़ती जाती है।
अपने बायें नाक को बंद कर ले और दाहिनें नाक से साँस अन्दर खींचें।
अब साँस को पाँच सेकंड तक रोक के रखें, अपने मन मे 5 सेकंड तक गिनती करते रहें।
अब अपने दाहिनें नाक को बन्द कर लें और साँस को बायें नाक से धीरे-धीरे बाहर निकालें।
इन तीनों चरणों को रोज़ाना सुबह के समय 5-10 मिनट तक लगातार करें।
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