समय बदल रहा है और पूरी दुनिया आयुर्वेद की ओर सिर्फ़ इलाज करवाने के लिए नहीं आ रही है। बीमारियों से मुक्त और सेहतमंद शरीर के लिए ज्य़ादातर लोग अब आयुर्वेदिक आहार को अपनाने लगे हैं। अगर आप बेडौल हो गए हैं और सेहत को लेकर कोई जोख़िम नहीं लेना चाहते हैं तो आयुर्वेदिक पोषण वाले आहार ही आपकी पहली ज़रूरत हैं।
आयुर्वेद के मुताबिक कफ का बढ़ना दरअसल कमजोर पाचन अग्नि यानि मंदाग्नि की वजह से होता है, यह भोजन को ठीक से पचा नहीं पाती। इसकी वजहसे बलगम जैसा तत्व बढ़ता है जिसे आम कहते हैं, यह पाचन तंत्र को धीमा कर देता है और ज्य़ादा वज़न से होने वाली परेशानियाँ,अधिक नींद आना और अवसाद पैदा करता है। इन परेशानियों को दूर करने के लिए ये पक्का करना ज़रूरी है कि आप कफ को संतुलित करने वाला और अमा को साफ करने वाला आहार लें और अच्छी जीवनशैली अपनाएँ। इसके बारे में हम जानेंगे लेकिन पहले ये जान लीजिए।
आयुर्वेद खुद में ही एक ऐसी प्रणाली है जिसका लक्ष्य ही सेहतमंद जिंदगी पाना है। चाहे दवाइयाँ हों, जीवनशैली से जुड़ी सलाह हो या सेहत से संबंधित निर्देश, आयुर्वेद हमेशा लंबे समय तक टिकने वाले परिणाम देता है। आयुर्वेद में अधकचरे उपाय नहीं हैं जिसका आप पर प्रयोगशाला के चूहे की तरह प्रयोग किया जाता है, इसमें झूठे और अव्यवहारिक लक्ष्य भी नहीं होते हैं। आयुर्वेद में वज़न कम करने और सेहतमंद रहने के व्यवहारिक तरीके हैं। यह किसी के लिए भी बहुत आसान होते हैं इसलिए ज्य़ादातर लोग अब वज़न कम करने के लिए आयुर्वेद अपनाते हैं।
बस आपको जीवनशैली में 5 आसान बदलाव करने की ज़रूरत है
हम अपने किचन के गंदे बर्तनों को धोने के लिए गर्म पानी का इस्तेमाल करते हैं। कई बार सिर्फ गर्म पानी से जब काम नहीं बनता तो हम नींबू का इस्तेमालकरते हैं।ठीक उसी तरह से शरीर से आम को हटाने के लिए गर्म पानी में शहद और नींबू मिलाने से यह ज्यादा फ़ायदेमंद हो जाता है। आम के साफ़ हो जाने पर शरीर के स्रोत खुलते हैं, कफ़ संतुलित हो जाता है और ऊर्जा पैदा होती है।
आजकल के दौर में हमारे घर, ऑफिस या कार में कुछ न कुछ खाने का सामान होती ही है। हर वक्त कुछ न कुछ खाने की आदत सेहत बिगाड़ती है और अपच को बढ़ावा देती है। दिन में तीन बार भोजन करना सेहत के लिए फायदेमंद है। रात में हल्का आहार लेना चाहिए क्योंकि इस वक्त जठराग्नि यानि पाचन की अग्नि कमजोर होती है। अगर भोजन के तीनों समय के बीच में भूख लग जाए तो पैकेट बंद चिप्स या फ्राइज़ खाने के बजाए ताजे फलों का जूस पिएँ। इससे आपका पाचन तंत्र बेहतर काम करेगा और शरीर की अतिरिक्त वसा कम होगी।
कभी-कभी उपवास रख लेने से भी लाभ होगा। इससे आपकी पाचन की अग्नि यानि जठराग्नि को आम या बिना पचे आहार को पचाने का समय मिलेगा। इससे पाचन तंत्र को फायदा पहुंचेगा और वज़न कम करने में मदद मिलेगी।
बढ़ा हुआ कफ,वज़न को बेवजह बढ़ाता है, यह आपको आलसी बनाता है और पाचन को धीमा करता है, तो इन सब परेशानियों से बचने के लिए कफ़ को संतुलित करना ज़रूरी है।
सही आहार दरअसल ऐसी चीज़ों का मेल होता है जो प्रकृति में हल्की,ताजी पकाई हुई, कम मसालेदार और गर्मा गर्म परोसी हुई होती हैं। ज्य़ादा ताजे फलों, सब्जियाँ और फलियाँ खाएँ, मिठाई कम खाएँ और शराब ना पिएँ।
चीज़, पास्ता, ब्रेड, तैलीय आहार और लाल माँस का सेवन कम से कम करें। यह भी ध्यान रखिए कि आप ज़रूरत से ज्य़ादा ना खा लें साथ ही ध्यान रखें कि आप क्या खा रहे हैं और कैसे खा रहे हैं। खानपान के लिए शांत और ठंडा वातावरण चुनें और जितनी भूख हो उतना ही खाएँ। पेट में थोड़ी जगह छोड़ देना बेहतर पाचन में मदद करेगा।
चहलकदमी और दौड़ कुछ आसान व्यायाम हैं जो आपको सेहतमंद रख सकते हैं।आप चाहें तो जिम भी जा सकते हैं। आयुर्वेद कहता है कि आपको व्यायाम में शरीर की 40 प्रतिशत ऊर्जा ही लगानी चाहिए। अगर आप इनमें से कुछ ना कर पाएँ तो घर पर ही 20 मिनट हल्का एयरोबिक या कार्डियो व्यायाम ही करलें। ये आपके कफ को संतुलित करेगा और आपको सेहतमंद रखेगा।
हमारा शरीर एक लय और संतुलन में काम करता है और स्रोत को साफ करता है। एक नियत समय पर उठने, व्यायाम करने, आहार लेने और सोने से इस लय को बनाए रखने में मदद मिलती है। सुबह उठने का सबसे अच्छा समय है सुबह 6 बजे का क्योंकि सुबह 10 बजे के बाद कफ मजबूत होने लगता है। इसी तरह से सूरज डूबने के बाद से रात 10 बजे तक का समय कफ़ की अधिकता का होता है, इसलिए आपको रात 10 बजे से पहले सो जाना चाहिए ताकि आपके शरीर को आराम मिले और आप सुबह जल्दी उठकर तरोताजा महसूस कर सकें।
आयुर्वेद में जीभ का साफ़ होना पेट में आम का ना होना दिखाता है। तो अपनी जीभ को हमेशा साफ़ रखें। मुँह को साफ़ रखने के बाकी तरीकों के अलावा रोज़ सुबह जीभ को साफ़ रखने से पाचन तंत्र की प्रणाली मज़बूत बनी रहती है।
अगर आप अपनी पाचन अग्नि को मजबूत बनाए रखना चाहते हैं तो भोजन से पहले अदरक का एक टुकड़ा चबाएँ। स्वाद को बढ़ाने के लिए इसमें एक चुटकी नमक और नींबू का रस मिलाएँ।
गर्म पानी के सेवन से आपका पाचन बेहतर होगा और मलत्याग में दिक्कत नहीं आएगी। इससे आपके खून का दौरा बेहतर होगा और शरीर से विषैले तत्व निकल जाएँगे। आप साधारण चाय के बजाए जीवा स्लिम टी का सेवन भी कर सकते हैं। यह आपके पाचन को बेहतर बनाएगी और वज़न कम करने में मदद करेगी।
अगर आप अपने बढ़ने वज़न को लेकर परेशान हैं तो जीवा आयुर्वेदिक डॉक्टर से संपर्क करें और सही निदान पाएँ। आपको सही जीवनशैली, खानपान की सलाह दी जाएगी और ज़रूरत पड़ी तो आयुर्वेदिक दवाइयाँ भी दी जाएँगी।
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