आपको याद है आपका पहला फैमिली डाक्टर कौन था? निःसन्देह प्रत्येक भारतीय परिवार की पहली डाक्टर होती थी दादी, जी हां दादी मां।
साधारण ज़ुकाम या पेटदर्द की शिकायत से ले कर शुगर (मधुमेह) अथवा पीलिया तक की तकलीफ़ों में अक्सर दादी मां के चेहरे पर एक सदाजीवी मुस्कान और पूर्ण विश्वास के साथ अपने नुस्खे आजमाते देखा जा सकता है। अरे, दादी डंडा घुमाती है तो छोटी मोटी बीमारियां दुम दबा कर भाग जाती हैं। हम आपके लिये दादी मां की अद्भुत पिटारी से ऐेसे ऐसे अनमोल उपाय निकाल कर लाएगें कि रोज़मर्रा की छोटी छोटी बीमारियां आपकी दहलीज भी नहीं लांघ पायेंगी।
हमारे स्वास्थय पर नित्य प्रति होने वाले हमलों में ज़ुकाम बहुत ही आम आधात है। बच्चा, जवान या फिर वृद्ध कोई भी इसकी जकड़ मे आ सकता है। नाक पूरी तरह से बंद हो जाए अथवा बुरी तरह से बहने लगे, सांस लेना कठिन हो जाए। ऐसे में अक्सर हम क्या करते हैं?
आम लोगों की धारणा है कि ज़ुकाम को एक निश्चित समय तक तो रहना ही है। जिसके बाद वह स्ंवय ही ठीक हो जाता है। इसलिये वे किसी भी प्रकार का उपचार करना आवश्यक नहीं समझते। ज़ुकाम को अपने आप ठीक होने के लिए छोड़ देना अज्ञानता है। थोड़ी सी लापरवाही साधारण सी बीमारी को भयंकर बना सकती है। अगर आपकी शारीरिक प्रतिरोधक क्षमता मजबूत नहीं है तो आपको विषम परिस्थितियों का सामना करना पड़ सकता है।
यदि आप सोच रहे हैं कि एन्टीबायोटिक ही ज़ुकाम या संक्रमण (इन्फेक्शन) का एकमात्र तात्कालिक इलाज है तो आप गलत हैं। क्योंकि आप नहीं जानते कि प्रकृति ने हमें ऐसी जड़ीबूटियाँ दी हैं जो एन्टीबायोटिक जैसा कार्य करती हैं।
एन्टीबायोटिक जैसे तात्कालिक उपाय रोग के लक्षणों को हल्का करके आराम अनुभव तो करा सकते हैं परन्तु इसके दीर्धकालिक परिणाम शरीर को असंतुलित अवस्था मे धकेल देते हैं।
हम अक्सर समझ नहीं पाते कि ज़ुकाम का संबंध हमारी प्रकृति से है। इसलिए एन्टीबायोटिक लेना या लापरवाही बरतना दीर्घकालिक उपाय नहीं हैं। बल्कि दादी मां के अचूक और प्रमाणित नुस्खे आप के शरीर को व्याधिरहित, स्वस्थ और संतुलित जीवन प्रदान कर सकते हैं।
जो घरेलू उपचार हम आपको बता रहें हैं वे न केवल आपकी बीमारी को ठीक करेंगे बल्कि समय के साथ आपकी रोग प्रतिरोधक शक्ति का भी विकास करेंगे। ज़ुकाम के घरेलू उपचार 1. सोंठ (सूखी अदरक), काली मिर्च और पिप्पली इन सबका पाउडर बराबर मात्रा में ले कर मिश्रण बना लें। इस मिश्रण का आधा चम्मच पाउडर, एक चम्मच शहद के साथ मिला कर दिन में दो बार लें।
आधी चम्मच मुलैठी, आधा चम्मच काली मिर्च, आधा चम्मच हल्दी पाउडर और सात से दस तुलसी के पत्ते लेकर एक कप पानी में तब तक उबाले जब तक पानी आधा रह जाए। इसे दिन में दो बार हल्का गर्म करके सेवन करें।
चार लौंग और एक लहसुन की फांक (कटी हुई) को एक कप पानी में आधा होने तक उबाल लें। इसमें थोड़ा सा नमक मिला कर दिन में दो बार (हल्का गर्म) सेवन करें।
घरेलू नुस्खे पूर्ण उपचार या औषधि का स्थान नहीं ले सकते। इस लिए आराम न महसूस होने पर विशेषज्ञ की सलाह लेना अनिवार्य हैं।
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