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उचित आहार और जीवनशैली के अतिरिक्त, मधुमेह से बचने के लिए और इसका प्रबंधन करने के लिए भावनाओं का भी एक अलग महत्व है। नकारात्मक भावनाएं जैसे डर, क्रोध, घृणा, चिन्ता और तनाव आपके स्वास्थ्य पर घातक प्रभाव डाल सकते हैं। निराशा, नाउम्मीदी, और चिड़चिड़ेपन से भरा हुआ मस्तिष्क भी शरीर पर दुष्प्रभाव डालता है और मधुमेह जैसे रोगों को पनपने में मदद करता है।
आधुनिक मनोविज्ञान के अनुसार जिन लोगों के जीवन में कड़वाहट और विरोधाभास हो वे मीठा, आइसक्रीम और स्नैक्स खाना अधिक पसन्द करते हैं। परिणामस्वरूप उनका वज़न बढ़ जाता है, उनका पाचन तंत्र बिगड़ जाता है और अन्त में मधुमेह से ग्रसित हो जाते हैं। अधिक मीठा खाने से डिप्रैशन, भारीपन और आलस्य पैदा होता है। जब आप निराशा और आलसी होते हैं तो आप व्यायाम नहीं करते या शारीरिक परिश्रम से दूर रहते हैं और समस्याएं और जटिल हो जाती हैं। इसी प्रकार धीरे-धीरे आपको पता भी नहीं चलता और एक दिन आप मधुमेह के शिकार हो जाते हैं। दुनियाभर में मधुमेह फैलने का यह एक मुख्य कारण है।
डॉक्टर दादी कहती हैं पुराने दिनों में, लोग जीवन से अधिक अपेक्षा नहीं रखते थे, तब दर्द, कड़वाहट और निराशावाद कम था। लोग एक सादा जीवन जीते थे और साधारण इच्छाएं व आशाएं रखते थे। आज, जीवन को देखने के नज़रिए के बदलाव के साथ साथ, मधुमेह से बचाव करने के लिए प्रत्येक व्यक्ति को आहार और जीवनशैली में परिवर्तन लाने के लिए गंभीर कदम उठाने होगें।
नीचे डॉ. दादी के कुछ मूल्यवान घरेलू नुस्खे दिए गए हैं जोकि आपको मधुमेह से राहत दिलवाने में मदद कर सकते हैं। कृपया इन्हें पढ़ें और अपने दैनिक जीवन में उपयोग करें। यह साधारण, व्यावहारिक और प्रभावकारी हैं।
दिन में एक बार करेले के रस के दो चम्मच लें। आप अपने दैनिक भोजन में करेले को भी शामिल कर सकते हैं।
दिन में दो बार एक चम्मच करेले के रस के साथ एक चम्मच आंवले का रस लें।
एक चम्मच हल्दी पाउडर और एक चम्मच आंवला पाउडर का मिश्रण लें और दिन में दो बार गुनगुने पानी के साथ लें।
इस पाउडर का एक चम्मच पानी में मिलाएं और प्रतिदिन सुबह लें।
जामुन के बीजों का पाउडर बनाएं। इसका एक चम्मच दिन में दो बार पानी के साथ लें।
योग और प्राणायाम के द्वारा क्रोध और तनाव को नियंत्रित करना सीखें।
प्रतिदिन कम से कम 4 किमी पैदल तेज चलें।
कम से कम 15-30 मिनट प्रतिदिन मैडिटेशन करें।
इन नुस्खों को आजमाने से पहले किसी विशेषज्ञ की सलाह अवश्य ले लें। कृपया याद रखें, घरेलू उपचार को दवाओं के स्थान पर प्रयुक्त नही किया जा सकता। अगर इससे आपकी हालत में सुधार नही आता है, तो किसी चिकित्सक की मदद अवश्य लें।
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