कामकाजी माँओं और पिताओं को नमस्कार! यह बहुत आसान होता है कि आप अपने काम की परेशानियाँ घर पर ले आएँ। रात के खाने के समय कुछ ज़रूरी फोन कॉल या सुबह के नाश्ते के समय कुछ ईमेल्स का जवाब देना, वो भी तब जब आपके बच्चे अपने स्कूल के अनुभवों को आपसे साझा कर रहे हों, इससे पहले कि आप कुछ समझें आप साप्ताहिक छुट्टियों में भी काम कर रहे होते हैं, जबकि यह समय आपको अपने जीवनसाथी या बच्चों के साथ बिताना चाहिए। अंत में इसका परिणाम होता है भयानक तनाव। लेकिन परेशान मत होइए, यह हम सब के साथ होता है। बस आपको एक चीज़ करनी है और वह है तनाव पर नियंत्रण- एक ऐसी योजना जिससे आप अपने तनाव से निपट सकें। हम आपको कुछ खास आयुर्वेदिक उपाय बताते हैं जिससे आपको शांति मिलेगी।
आयुर्वेद न सिर्फ भोजन पर, बल्कि जो कुछ भी आप खाते हैं उस पर भी ज़ोर देता है। आयुर्वेद के मुताबिक सही आहार किसी के लिए भी बचाव का सबसे पहला उपचार है। पित्त या वात के बिगड़े हुए स्तर से निराशा, बेचैनी और गुस्सा महसूस होता है जो तनाव बढ़ाता है। तनाव को कम करने के लिए दोषों को संतुलित करने वाले आहार लेना चाहिए। हर व्यक्ति के अंदर अलग-अलग दोष होते हैं और त्रिदोषों के मुताबिक सही आहार लेना बहुत ज़रूरी होता है। आयुर्वेद से जुड़े किसी सलाहकार से मिलकर अपने त्रिदोषों के हिसाब से ऐसा आहार तय करें जो आपको फायदा पहुँचाए।
आयुर्वेद के मुताबिक सात्विक जीवनशैली का मतलब है शांतिदायक, सतर्क जीवनशैली। सात्विक जीवनशैली ऐसी जीवनशैली है जो आपकी गतिविधियों को सुविचारों से भरती है और सकारात्मकता की ओर ले जाती है। सात्विक का विलोम है तामसिक। एक ऐसा इंसान जो तामसिक जीवनशैली जीता है वह हमेशा कुंठित, नींद और आलस महसूस करता रहता है। सात्विक जीवनशैली के लिए ऐसी गतिविधियाँ चुनें जिसका आपकी जीवनशैली पर सकारात्मक असर पड़े। हम आपको सात्विक जीवनशैली के कुछ खास उपाय बताते हैं:
सात्विक जीवनशैली, सात्विक गतिविधियों और जीवन के हर क्षेत्र में संतुलन बनाने का मिश्रण है। सात्विक जीवनशैली अपनाने के असली फायदे आप अपनी आँखों से देखेंगे, तनाव मुक्त जीवन तो बस उन फायदों में से एक है।
आयुर्वेदिक मालिश से आपके शरीर को आराम मिलता है, यह आपके शरीर में रक्त का संचार बेहतर बनाती है और शरीर से विष को बाहर निकालती है। यह शरीर पर गहराई से काम करती है और शरीर की लसिका प्रणाली को बेहतर बनाकर गंदगी बाहर निकालती है। हाथों और पैरों के लिए शिरोधारा उपचार और अभ्यंग मालिश बहुत कारगर है, इससे मांसपेशियों का तनाव, दर्द कम होता है और यह उत्तकों को दोबारा बनने में प्राकृतिक रूप से मदद करते हैं।
सांस लेने की तकनीक जैसे समवृत्ति, नाड़ी शोधन, कपालभाति तनाव दूर करने के लिए बढ़िया योग हैं, इनको आप कहीं भी और कभी भी कर सकते हैं।
यह तीन आसान से उपाय अपनाकर अपने तनाव को कम होता महसूस करें। अगर आपको अनुभवी व्यक्ति की मदद चाहिए हो तो ऐसी संस्था में जाएँ जो भारत में आयुर्वेदिक उपचार उपलब्ध करवा रहे हों।
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