Diseases Search
Close Button

बवासीर (हेमोर्रोइड्स) और कब्ज को दूर करने के 5 क़ुदरती तरीके

Search Icon

हेमोर्रोइड्स या बवासीर गूदे के इर्द-गिर्द फैली नसों में सूजन आने के कारण होता है। पीड़ा, रक्तस्राव और खुजली आदि इसके कुछ प्रारम्भिक लक्षण हैं। पाइल्स से अधिक मात्रा में रक्तस्राव होने से खून की कमी (एनीमिया) और कमजोरी होने की सम्भावना बढ़ जाती है।

कब्ज़ और हेमोर्रोइड्स सामान्य बीमारियाँ हैं, परन्तु पहले यह अधिकतर मध्यम उम्र के लोगों या वृद्धों में ही पाई जाती थीं। बदलते परिवेश और बदलते खान-पान से अब बच्चों का पाचन तंत्र भी कमजोर हो गया है, जिससे इस आयु वर्ग में भी अब बवासीर काफी लोगों को होने लगा है।

कब्ज़ पाइल्स का मुख्य कारण है, इसलिए अगर आप कब्ज को काबू करने मे सक्षम हैं तो बवासीर से भी बच सकते हैं। अगर आप अंग्रेजी दवाइयों या लैक्सटिव्स का सेवन ज्यादा करने लगते हैं, तो यह भी आपके लिए गलत हो सकता है। कोशिश करें कि कुदरती तरीकों से ही आपका बवासीर ठीक हो जाए और हेमोर्रोइड्स ख़त्म हो जाएँ।

नीचे दिए गए पाँच प्राकृतिक तरीके और उपचार आपको कब्ज व बवासीर से बचा सकते हैं:

फाइबर से भरपूर आहार:

मल की असंतुलित गति व आवृत्ति के कारण बवासीर हो सकता है, जिसे आप अच्छा (स्वास्थ्यवर्द्धक) खाना खाने से ही दूर कर सकते हैं। इसके लिए आपको फाइबर से भरपूर भोजन करने की आवश्यकता है। प्रतिदिन 30-35 ग्राम फाइबर आपके मल की गति को नियंत्रित रख सकता है। इसके अलावा कुछ फाइबर-युक्त भोजन, जो आपको स्वस्थ रख सकते हैं, निम्नलिखित हैं:

  • सब्जियों में आप ब्रोकली, अंकुरित मटर, गाजर, शलजम इत्यादि खा सकते हैं।

  • फल, जैसे कि केला, सेब, अनानास, नाशपाती, और रास्पबेरी खाकर स्वस्थ रहा जा सकता है।

  • साबुत अनाज में आप ब्राउन चावल, दलिया, ब्रान फ्लेक्स, काले सेम, बेक्ड सेम, मसूर और अन्य फलियाँ या जौ मिलाकर खा सकते हैं।

खुद को हाइड्रेटेड रखें:

आयुर्वेद के अनुसार, आँतों में सूखेपन से कब्ज हो सकता है। इसीलिए रोज कम से कम 8 या 10 ग्लॉस पानी पीना उपयुक्त माना गया है। ये कब्ज को दूर रखता है और मल-त्याग के दौरान तनाव से आपको बचाता है। तो ध्यान रहे - फाइबर से भरपूर आहार के साथ-साथ अच्छा तरल आहार भी आवश्यक है।

शारीरिक गतिविधि व व्यायाम:

आसान जीवनशैली बहुत सी बीमारी और समस्याओं का कारण है। इसके कारण आपको कब्ज जैसी समस्याओं को भी झेलना पड़ सकता है। इस परेशानी से बचने के लिए अनुशासित कसरत बहुत जरूरी है। यह आँतों के संचालन में एक अहम भूमिका निभाती है।

यदि आपके परिवार में पहले किसी को यह बीमारी रही हो, तो व्यायाम का ज्यादा अभ्यास ना करें। इससे आपके गुदा क्षेत्र पर जोर पड़ सकता है। ऐसे में योग, तैराकी आदि जैसी क्रियाओं को ज्यादा समय दें।

मल त्याग में देरी न करें:

अगर आप मल त्यागने में देरी करते हैं, तो आपका मल ज्यादा ठोस हो जायगा और इसके उत्सर्जन में आपको तकलीफ होगी।

हर्बल तरीके अपनाएँ:

ऐसे बहुत सारे प्राकृतिक और आयर्वेदिक उपाय हैं जो आपको कम समय में ज्यादा आराम दे सकते हैं। ऐसे में, इन्हीं तरीकों का प्रयोग करें। आपको जीवा आयुर्वेद के ब्लॉग में कई ऐसे तरीके मिल जाएँगे। साथ ही, हमारे अनुभवी डॉक्टरों से परामर्श ले कर भी आप बवासीर से दूर रह सकते हैं।

To Know more , talk to a Jiva doctor. Dial 0129-4040404 or click on Our Doctors.

SHARE:

TAGS:

Related Disease

Our Happy Patients

  • Sunita Malik - Knee Pain
  • Abhishek Mal - Diabetes
  • Vidit Aggarwal - Psoriasis
  • Shanti - Sleeping Disorder
  • Ranjana - Arthritis
  • Jyoti - Migraine
  • Renu Lamba - Diabetes
  • Kamla Singh - Bulging Disc
  • Rajesh Kumar - Psoriasis
  • Dhruv Dutta - Diabetes
  • Atharva - Respiratory Disease
  • Amey - Skin Problem
  • Asha - Joint Problem
  • Sanjeeta - Joint Pain
  • A B Mukherjee - Acidity
  • Deepak Sharma - Lower Back Pain
  • Vyjayanti - Pcod
  • Sunil Singh - Thyroid
  • Sarla Gupta - Post Surgery Challenges
  • Syed Masood Ahmed - Osteoarthritis & Bp
Book Free Consultation Call Us