हम बहुत सी प्रभावशाली आहार तालिकाओं (डाइट प्लान्स) का अनुसरण करना शुरू तो करते हैं, परन्तु किसी ना किसी कारण से ज्यादा समय तक ऐसा नहीं कर पाते।
आयुर्वेद सिर्फ भोजनशैली की जगह, हमारे पूर्ण शारीरिक और मानसिक विकास पर जोर देता है। अगर एक व्यक्ति भावनात्मक रूप से स्वस्थ है, तो वह खुद को शारीरिक रूप से भी स्वस्थ रख सकता है - ऐसा आयुर्वेद में माना गया है।
नीचे हमने वजन का ठीक प्रबंधन करने के पाँच नियम बताये हैं, जिससे आप एक स्वस्थ जीवन की ओर अग्रसर हो सकते हैं:
भोजन की दिनचर्या:
पाचन तंत्र आपको स्वस्थ रखने में अहम् भूमिका निभाता है। आयुर्वेद के अनुसार, हमें दोपहर में भारी भोजन करना चाहिए। इस समय पाचन क्रिया बहुत अच्छी होती है। रात को हल्का भोजन ग्रहण करना चाहिए और वो भी सोने से 2 घंटे पहले। इस प्रकार हमारा शरीर विषैले पदार्थों को बाहर कर हमें तरोताज़ा रख पाता है।
शयन:
अनियमित सोने से वजन में वृद्धि होती है। पूरी नींद न लेने से और भी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है, इसलिए कम से कम 8 घंटे सोना जरूरी है। रात को 10 बजे सोकर सुबह 6 बजे उठना सोने का सबसे अच्छा समय है।
व्यायाम:
आयुर्वेद में सुबह-सुबह कसरत करना सबसे अच्छा माना जाता है, क्योंकि इस समय वातावरण में नमी व प्राकृतिक तत्व की मात्रा सबसे अधिक होती है। यह मिलकर वातावरण में ठंडक और ताजगी फैलाते हैं। सुबह का 30-40 मिनट का व्यायाम आपको आलस से दूर रखता है और नए दिन के लिए तैयार करता है।
गर्म पानी:
गरम पानी वजन कम करने का प्राकृतिक तरीका है। बाहरी स्रोत, जैसे कि कीटनाशक, चिन्ता, प्रदूषण, डिब्बाबंद.पैकेटबंद खाना आदि शरीर में विषाक्त पदार्थों को एकत्रित कर देते हैं और 'अमा' बनाते हैं। यह चिपचिपा 'अमा' गर्म पानी में घुलकर इसके साथ बाहर आ जाता है। यदि आप हर आधे घंटे पर गर्म पानी पीते हैं, तो आपका वजन जादुई रूप से घटकर नियंत्रित हो जाएगा।
ध्यान:
वजन बढ़ने का एक कारण तनाव भी है। तनाव के हार्मोन वजन घटाने की शक्ति खत्म कर देते हैं। ध्यान लगाने से आप मोटापे के लिए जिम्मेदार हार्मोन्स को निष्क्रिय कर सकते हैं, जिससे वजन भी कम हो जाता है। तो बस, पाचन तंत्र और दिमाग को तंदरुस्त रखिये। वजन अपने आप कम हो जाएगा।