त्वचा की रंजकता यानि कालापन एक ऐसी आम परेशानी है जो दाग पड़ने, काले धब्बे, काले घेरे और त्वचा पर साधारण कालेपन की वजह से होती है। यह खुजली के साथ भी हो सकता है। आयुर्वेदिक डॉक्टर से सलाह लेकर इस रोग की पहचान करवाएँ और इसका इलाज लें। त्वचा की रंजकता के कई कारण हो सकते हैं। चमकदार त्वचा आपकी सेहत का संकेत है और यह आत्मविश्वास को बढ़ाता है। तो चाहे आपकी त्वचा का रंग जो भी हो, कालेपन के लिए आयुर्वेदिक उपचार के ज़रिए आप अपने चेहरे और शरीर की चमक वापस हासिल कर सकते हैं।
सूर्य की रोशनी में ज्य़ादा समय बिताना त्वचा की रंजकता की वजह गर्मियों में सूर्य की रोशनी में ज्य़ादा समय बिताना हो सकता है। सूर्य की रोशनी में UV किरणें होती हैं जो त्वचा को नुकसान पहुँचाने और कालापन लाने के लिए ही जानी जाती हैं। खुले में तैराकी करने से भी सूर्य की रोशनी का असर पड़ता है। बहुत से लोग सोचते हैं कि स्विमिंग पूल के पानी में जो क्लोरीन होता है वो इसका कारण है, लेकिन नहीं सूर्य की रोशनी इसका सबसे बड़ा कारण है, लोग यही सोचते रह जाते हैं कि पानी तो त्वचा पर ठंडक का अहसास कराता है।
यह देखा गया है कि हार्मोन्स का असंतुलन भी त्वचा में कालापन लाता है। गर्भनिरोधक गोलियाँ और गर्भावस्था हार्मोन्स में असंतुलन लाते हैं जो मेलेनोसाइट्स बनाता है जिससे ज्य़ादा मेलेनिन बनता है,इससे त्वचा में कालापन आता है।
दवाइयों के बुरे असर से भी त्वचा पर रंजकता यानि कालापन आता है। दवाइयों का इस्तेमाल,एंटीबायोटिक्स, हार्मोन्स से जुड़ी दवाइयाँ या कीमोथेरेपी वाली दवाइयाँ भी त्वचा के कालेपन का कारण हैं।
चोटें भी त्वचा पर दाग छोड़ जाती हैं। जब जख़्म वाली जगह पर नई त्वचा आती है, तो उसकी रंजकता बाकी त्वचा के रंग से ज्य़ादा गहरी होती है।
मुँहासे, एक्ज़िमा या उससे मिलती जुलती दिक्कतें भी अपने पीछे त्वचा पर गहरे निशान छोड़ जाती हैं। दवाइयों के सेवन से यह समस्या कहीं ज्य़ादा बढ़ जाती है
त्वचा की रंजकता यानि कालेपन पर आयुर्वेद का नज़रिया आयुर्वेद कहता है कि त्वचा व्यन वात और भ्रजक पित्त से नियंत्रित होती है। भ्रजक पित्त त्वचा के रंग को नियंत्रित करता है। आयुर्वेद कहता है कि जब भ्रजक पित्त असंतुलित हो जाता है, तब त्वचा से संबंधित परेशानियाँ हो जाती हैं जिसमें त्वचा का कालापन भी शामिल है। आयुर्वेदिक उपचारों की ही तरह इसका इलाज है बिगड़े हुए पित्त को संतुलित करना। यह कई आतंरिक और बाहरी प्रयोगों से किया जाता है। हर्बल तरीकों का इस्तेमाल बिगड़े हुए दोषों को त्वचा की बाहरी और अंदरूनी रूप से ठीक करने के लिए किया जाता है।
अब जब आप त्वचा में रंजकता यानि कालेपन के कारणों को जान गए हैं, चलिए आपको रंजकता के आयुर्वेदिक उपचारों के बारे में बताते हैं।
कुमकुमादी तेल की कुछ बूंदों को हल्दी और एलोवेरा क्रीम में मिलाएँ। इस लेप को प्रभावित जगहों पर नहाने से आधे घंटे पहले लगाएँ। कुमकुमादी तेल में केसर और कई दूसरी असरदार जड़ी बूटियाँ होती है जो त्वचा की रंजकता यानि कालेपन को दूर करती है। जीवा कुमकुमादी तेल 6 आयुर्वेदिक जड़ी बूटियों के मिश्रण से बना है और यह पित्त को शांत करता है, इस वजह से त्वचा को चमकदार बनाता है, मुँहासे, दाग-धब्बे, चोट के निशान और झुर्रियों को मिटाता है।
आयुर्वेदिक में संपूर्ण शरीर की मालिश के फायदों के बारे में बताया गया है, जिसमें चंदन, शहद, हल्दी, गुलाब की पंखुड़ियों और पानी में दूध डालकर नहाना भी शामिल है। हो सकता है कि ऐसा कर पाना आपके लिए मुमकिन न हो, लेकिन आप कम से कम चौथाई चम्मच हल्दी,1 चम्मच शहद और दूध से बने लेप को तो लगा ही सकते हैं। पूरे शरीर के लिए यह लेप बनाना हो तो इसी अनुपात में ज्य़ादा मात्रा में यह सामग्री ले लें। इस लेप को 5-10 मिनट के लिए लगाकर रखें फिर साफ पानी से धो लें। इसमें थोड़े से अंगूर या संतरे का रस मिलाकर नहाने से त्वचा का पित्त दोष शांत होता है।
चूंकि बिगड़ा हुआ पित्त ही त्वचा की रंजकता यानि कालेपन का कारण होती है इसलिए यह ज़रूरी है कि लंबे समय तक आराम पाने के लिए आप इस दोष को शांत करें। ऐसा करने के लिए जीवनशैली में कुछ बदलाव करने की सलाह दी जाती है।
To Know more , talk to a Jiva doctor. Dial 0129-4040404 or click on ‘Speak to a Doctor
under the CONNECT tab in Jiva Health App.
SHARE:
TAGS:
Ayurvedic Hair Growth Secrets Revealed
5 Ayurvedic Secrets for Healthy & Shiny Hair
Scratching the Surface?
Understanding Doshas Ayurveda’s Secret To Healthy Skin
Ayurvedic Remedies for Hair Fall
Ayurvedic Remedies To Manage Eczema
Get Ayurvedic Treatment For Vitiligo
When To Worry About Varicose Veins?
How To Cure Scalp Psoriasis With Ayurveda?
5 Home Remedies for Acne and Black Circles