बच्चे विकास के दौर में होते हैं और इसीलिए उनके अंदर गजब की ऊर्जा होती है। यह वह दौर है जिसमें वो आध्यात्मिक और भावनात्मक रूप से खिल रहे होते हैं इसलिए उनकी प्राकृतिक ऊर्जा को रचनात्मक काम करने की ओर दिशा देने की ज़रूरत होती है। स्कूल के आम दिनों में बच्चे अपनी कक्षाओं में होते हैं और वह अपनी पढ़ाई में व्यस्त रहते हैं लेकिन गर्मियों की छुट्टियों में जब कक्षाएँ नहीं लगती हैं, तब वह अपना ज्य़ादातर समय टीवी देखने और मोबाइल गेम्स खेलने में बिताते हैं। अभिभावकों को भी मालूम है कि यह आदत कितनी गलत है लेकिन यह उनके लिए भी एक दुखद बात के सिवा कुछ नहीं होता- बच्चों का समय किसी रचनात्मक काम में लगाने के उपाय खोजिए।
गर्मियों की छुट्टियों में बच्चे की प्राकृतिक ऊर्जा को सही दिशा देकर उनके समय और उनकी सक्रियता को रचनात्मक कामों में लगाने की ज़रूरत है। चूंकि समय अच्छा खासा होता है इसलिए बच्चे अपने अंदर मौजूद किसी छिपी हुई प्रतिभा को निखार सकते हैं और अपनी रचनाशीलता को नया आयाम दे सकते हैं। एक अभिभावक की तरह आप अपने बच्चे के पहले गुरू हैं। इस वजह से यह बहुत ज़रूरी है कि आप अपने बच्चे के अंदर की प्रतिभा को पहचाने और उसको सही मंच देकर विकसित होने का मौका दें। अभिभावकों के लिए गर्मियों की छुट्टियाँ एक ऐसा बेहतरीन समय होता है जिसमें वह अपने बच्चे के अंदर की प्रतिभाओं को पहचानकर उनको बढ़ावा दे सकते हैं।
अगर आप अपने बच्चे को किसी समर कैंप में नहीं भेजना चाहते हैं और आप चाहते हैं कि आप उसके साथ घर में ही समय बिताएँ, तो हम आपको 3 चीजें बताते हैं जिससे आपका बच्चा व्यस्त रहेगा और उसकी प्राकृतिक ऊर्जा और प्रतिभा को सही सही दिशा मिलेगी।
भाषा का ज्ञान रखने वाले बच्चों को पढ़ाई, लिखाई और शब्दों के इस्तेमाल में रुचि होती है। अगर आप देख रहे हैं कि आपका बच्चा पढ़ने, लिखने या पुस्तकालय जाने में रुचि दिखा रहा है, तो इसका मतलब यह है कि आपका बच्चा भाषाई ज्ञान का संकेत दे रहा है। इतिहास, भूगोल, विज्ञान- बहुत सारी विद्याएँ हैं जिसे आपका बच्चा सीख सकता है। बहुत सारे पुस्तकालय गर्मियों में रीडिंग सेशन और गर्मियों पर आधारित थीम इवेंट्स करते हैं जिसका मज़ा आपका बच्चा उठा सकता है। बच्चे के लिए यह और ज्य़ादा मजेदार बनाना हो तो आप दूसरे माता-पिताओं से भी अपने बच्चों को साथ लाने के लिए पूछ सकते हैं। यहाँ तक कि घर पर भी आप अपने बच्चे को भारतीय पौराणिक कथाओं की किताबें पढ़ने के लिए दे सकते हैं। यह कर्तव्य, सम्मान, जिम्मेदारी और साहस के मूल्यों वाली जीवंत कहानियों से भरी हुईं हैं।
ऐसे बच्चे जिनके अंदर दर्शन का ज्ञान होता है वह मानसिक रूप से तस्वीरें सोच लेते हैं और चित्रकारी में अच्छे होते हैं। उनके अंदर सोचने की और रंगों या चित्र के माध्यम से उसे ज़ाहिर करने की खास काबिलियत होती है। अपने बच्चे को कला और शिल्प की कक्षाओं से जोड़ें इससे उनकी रचनात्मकता निखरेगी और हो सकता है कि उनकी कोई अनोखी प्रतिभा सामने आ जाए। उनके लिए साधारण विकल्पों के अलावा चित्रकारी, डांस, गाना, मिट्टी के बर्तन बनाने जैसा काम कुछ अलग सा हो सकता है। गर्मियों की छुट्टियों के दौरान कई शहरों में स्वदेशी थीम पर आधारित मिट्टी के बर्तन बनाने की कक्षाएँ भी चलती हैं। इन गर्मियों की छुट्टियों में बच्चे को प्राकृतिक रूप से उनकी जड़ों से जुड़ने में मदद करें।
ऐसे बच्चे जिनके अंदर प्रकृति का ज्ञान होता है वो प्रकृति के बीच अपना समय बिताते हैं और घर से बाहर रहकर गतिविधियाँ करना पसंद करते हैं। प्रकृति का आनंद लेने के लिए आगे आना आपके बच्चे के लिए बहुत ज़रूरी है। इससे उसको टीवी, कम्प्यूटर और मोबाइल से निकलकर प्राकृतिक दुनिया को करीब से जानने का मौका मिलता है। आप अपने बच्चे के साथ पहाड़ों पर या किसी खुले जंगल की सैर पर जा सकते हैं, यह आपके बच्चे के लिए सीखने का एक मौका होगा। अगर हो सके तो बच्चे के अंदर खास आदत बैठाएँ, उन्हें अपने साथ किसी पार्क में टहलने के लिए लेकर जाएँ।
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