यहाँ कुछ औषधीय जड़ी बूटियाँ बताई जा रही हैं, जो आपको सामान्य जीवन की बीमारियों, जैसे कि मधुमेह, पथरी और सर्दी-ज़ुकाम से लड़ने में मदद करेंगी।
मधुमेह के लिए कालमेघ:
कालमेघ का पौधा मधुमेह को नियंत्रण में रखने में बहुत लाभदायक है, क्योंकि इसमें हाइपरग्लाईकैमिक तथा एंटी-हाइपरग्लाईकैमिक प्रक्रिया सक्रिय रूप से चलती रहती है। इसके अतिरिक्त, यह प्रतिरक्षा प्रणाली को भी दुरुस्त रखता है।
दिल की बीमारियों के लिए गुड़हल:
गुड़हल में मौजूद शक्तिशाली एंटीऑक्सिडेंट कोशिकाओं को संकुचित होने से रोकते हैं। यह फूल आपको दिल के दौरे पड़ने से भी बचाता है। जिन लोगों को उच्च रक्तचाप या गुर्दे की परेशानी है, यह उनके लिए अधिक लाभदायक है।
रक्त चाप के लिए धनिया:
धनिया विटामिन-ए, विटामिन-बी12, विटामिन-सी और विटामिन-के और फोलिक अम्ल का समृद्ध स्रोत है। इसमें चिकित्सकीय गुण भी मौजूद होते हैं। धनिया का जूस रक्तचाप को संतुलित रखता है और पाचन समस्याएँ, जैसे कि कब्ज, अपचन, मूत्राशय के बाहरी संक्रमण और पथरी आदि दूर करता है।
घुटने और जोड़ों के दर्द के लिए हड़जोत:
भारत में पाई जाने वाली एक अजीब-सी बेल है ' हड़जोत '। ये आयुर्वेद में बहुत प्रकार के दर्द, जैसे कि, जोड़ों के दर्द को ठीक करने में समृद्ध मानी जाती है। हड़जोड़ के पौधे का एक मुलायम सा तना और कुछ पत्तियाँ लें और इसकी चटनी बनाकर उसमें घी में मिलाएँ। इस चटनी को लगातार खाने से जोड़ों का दर्द कम हो जाता है।
सर्दी, जुकाम और बुखार के लिए तुलसी:
तुलसी के उपचार करने की शक्ति तो विश्वविदित है। यह श्वासनलिकाओं से बलगम को साफ़ कर सर्दी, ज़ुकाम, बुखार तथा अन्य साँस से जुड़ी परेशानियों को बढ़ने से रोकती है। यह रक्त में कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियमित रखती है। तुलसी की पत्तियाँ मुँह के अल्सर, मसूड़ों से खून आना और अन्य दाँत व त्वचा विकारों को ठीक करती हैं।