गठिया को काबू में लाने के आयुर्वेदिक तरीके:
शरीर में जल/तरल की आपूर्ति नियमित रखें:
अपने दिन की शुरूआत गर्म पानी में नींबू मिलाकर नींबू पानी पीने से करें। नींबू में ऐसे तत्व भरपूर मात्रा में होते हैं, जो कि आपके शरीर को पूरा दिन नमीयुक्त रखेंगे। मानव शरीर में उपस्थित कार्टिलेज (उपास्थि) 70% जलीय अवयवों की बनी होती है। इसीलिए, यह जरूरी है कि आपके शरीर में भरपूर मात्रा में पानी हो। इससे शरीर के जोड़ों में चिकनाई बनी रहेगी।
मेथी के बीज :
वात दोष को दूर करने के लिए मेथी के दानों का सेवन अत्यंत लाभकारी है। ये अमा का प्राकृतिक अवरोधक है और अपक्षयी गठिया को रोकने के लिए सर्वश्रेष्ठ उपाय है। मेथी स्वाद में थोड़ी कड़वी जरूर होती है, पर इसकी सही मात्रा आहार में मिलाकर खाने से या गर्म सरसों के तेल में पिसे हुए मेथी के बीज़ मिलाकर दर्द कर रहे जोड़ों की मालिश करने से जोड़ों के दर्द में ख़ासा आराम मिलता है और जोड़ों को गर्माहट मिलती है।
हर्बल तेल से हल्की मसाज :
हर्बल तेल जैसे गर्म केस्टर आयल या तिल का तेल भी जोड़ों के दर्द में बहुत ही लाभकारी हैं।ख़ासकर, सर्दियों में इनकी मसाज करने से गठिया में तुरंत ही दर्द से छुटकारा मिलता है। हालाँकि, मालिश करते समय जोड़ो पर जोर न लगाएँ और हल्के हाथों से ही मसाज करें।
जल्दी उठना और जल्दी सोना:
आयुर्वेद में बताया गया है कि सभी प्रकार के दोष सामान्य नींद के चक्र के अव्यवस्थित होने से उत्पन्न होते हैं और इनसे तनाव, डर और चिंता बढ़ जाती है। तो अपनी जीवनशैली का ध्यान रखें और अच्छी आदतें बनायें, जैसे कि - समय से उठना, समय से सोना, पूरी नींद लेना, आदि। इससे आपके शरीर को आराम मिलेगा और आपकी अवस्था में सुधार आयेगा।
आयुर्वेद, जो कि पूर्णतः एक प्रकृति विज्ञान है, रोगों में लाजवाब रूप से प्रभावशाली है। यह बड़ी से बड़ी बीमारियों में बिना किसी दुष्प्रभाव के उपचार करने के लिए जाना जाता है। आप इसके उपचारों और सामान्य उपायों का घर पर प्रयोग करके जोड़ों के दर्द और अन्य ऐसी बीमारियों में स्वास्थ्य-लाभ प्राप्त कर सकते हैं। गठिया, इसके उपचार और आयुर्वेद के बारे में ज्यादा जानकारी के लिए जीवा आयुर्वेद में कार्यरत डॉक्टरों से सम्पर्क करें।