ग्रीन थेरेपी आपको प्राकृतिक तरीकों और सात्विक जीवनशैली के जरिये स्वस्थ रखती है। इन दोनों के लिए ही आपको कुछ समय प्रकृति के साथ बिताना पड़ेगा। शुरुआत पार्क इत्यादि में जाकर योग, ध्यान और व्यायाम करने से करें ताकि न केवल आप अपना वजन संतुलन में कर सकें बल्कि पूरा स्वास्थ्य सुधार सकें।
देखें और जानें, कैसे यह प्रक्रिया आपके स्वास्थ्यवर्द्धन में प्रभावशाली है:
तंत्रिका तंत्र को शांत और तनाव को कम करे:
हमारा वजन कम या ज्यादा होने के पीछे तनाव, चिन्ता और अवसाद तीन मुख्य कारण हैं। ये तीनों पाचक अग्नि को कम करके हमारे शरीर को पोषण देते हैं। ग्रीन थेरेपी हरे-भरे वातावरण और अच्छी भोजनशैली के द्वारा शरीर और मन का उपचार करके हमें शांत, स्थिर और सकारात्मक रखती है। जब हमारा मन शांत होता है, तो हम ज्यादा सक्रिय होकर व्यायाम कर पातें हैं जिससे हमारा शरीर फिट रहता है।
अमा को नष्ट कर चयापचय को उत्तेजित करे:
अमा अवांछित भोजन का अवशेष होता है जो शरीर में इकठ्ठा होकर आपको मोटा बना देता है। जब आप प्रकृति के सानिध्य में होते हैं, तब प्राकृतिक तत्व अमा को इकठ्ठा नहीं होने देते। इसके कारण आपका मन शांत रहता है और चयापचय भी ठीक रहता है। ग्रीन थेरेपी में योग और कार्डियो व्यायाम भी आता है, जो प्रतिदिन करने से त्रिदोष का संतुलन बना रहता है। यह उपचार अमा को खत्म कर देता है और मनोवैज्ञानिक लाभ भी पहुँचाता है।
स्वभाव को सात्विक बनाये:
ग्रीन थेरेपी से हमारे स्वभाव में सात्विकता बढ़ती है। ध्यान और योग के कारण हम खुद को और अपनी जिम्मेदारियों को समझने लगते हैं। इसके जरिए हम एक नियमित दिनचर्या को अपनाकर शरीर, पाचन तंत्र और तंत्रिका तंत्र को लय में रख पाते हैं। साथ ही, सात्विक भोजन हल्का होता है और आसानी से पच जाता है। इससे हमारा शरीर स्वस्थ और फुर्तीला बना रहता है।
ग्रीन थेरेपी (हरित चिकित्सा) हमारे शरीर की हर छोटी-बड़ी कमी को दूरकर हमें स्वस्थ रखती है।