बवासीर (या हेमोर्रोइड्स) में गुदा की कोशिकाओं में अंदर व बाहर सूजन और जलन होती है, जिसके कारण आपको शौच के बाद बैठने या लेटने पर उस क्षेत्र में पीड़ा, खुजली, खून का आना जैसी समस्याएँ झेलनी पड़ सकती हैं।
यह सामान्यतया मध्यम उम्र के व्यक्तियों या बूढ़े लोगो में देखी जा सकती है, परन्तु अब यह बच्चों और नौजवानों में भी हो रही है, जिसका कारण खराब खान-पान और खराब पाचन तंत्र है।
आयुर्वेद की भाषा में पाइल्स को 'अर्श' या शत्रु कहा जाता है, जो कि त्रि-ऊर्जा (वात, पित्त और कफ) के असंतुलन से हो सकता है। शरीर में इन दोषों की मात्रा को संतुलित करके बवासीर का निवारण संभव है।
बवासीर मुख्यतया गर्भावस्था, मोटापे, अत्यधिक शारीरिक तनाव, ज्यादा वजन उठाने या कब्ज़ के कारण होता है। इनमें से, कब्ज को इसका मुख्य कारण माना जाता है।
कोशिश करें कि आप दिनभर में ज्यादा से ज्यादा तरल पदार्थ का सेवन करें, क्योंकि यह आपकी आँतों को सक्रिय रखता है। रोजाना 8-10 गिलास पानी पिएँ। इसके अलावा आप रसदार फल व सब्जियों का जूस भी पी सकते हैं।
फाइबर-युक्त आहार आपके पाचन तंत्र में भोजन का संचार ठीक रखता है और कब्ज को दूर करता है। यह वजन को नियमित रखने में भी आपकी मदद करता है। फाइबर समृद्ध खाद्य पदार्थों में मसूर, फल, जई, सेम ,जौ, और कच्ची सब्जियाँ आती हैं।
प्रोबायोटिक्स आपके शरीर में अच्छे जीवाणु पहुँचाते हैं, जो शरीर को स्वस्थ रखकर आपकी भूख और जीवाणुओं से लड़ने की क्षमता बढ़ाते हैं, तनाव से लड़ते हैं और आपको शरीर का चयापचय बढ़ाते हैं। यह आपकी पोषक तत्व ग्रहण करने की ताकत बढ़ाकर शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को भी मजबूत करते हैं।
समय पर भोजन ग्रहण करने से पाचन तंत्र स्वस्थ रहता है।
व्यायाम आपके शरीर को लचीला बनाता है, जिससे खाने को आँतों में पहुँचने में आसानी होती है और कब्ज भी नहीं होता । शारीरिक गतिविधियाँ आपके शरीर को मोटा होने से बचाती हैं तथा वजन भी नियंत्रण में रखती हैं। आप प्रतिदिन योग, तैराकी, या हलकी-फुलकी कसरत भी कर सकते हैं।
चिकनाई आपके पाचन तंत्र को कमजोर व धीमा कर सकती है, जिसकी वजह से कब्ज व बवासीर का खतरा बढ़ जाता है। इसीलिए, यह बेहतर रहेगा कि आप इसे कम से कम ही खायें।
खाने की छोटी-छोटी आदतों को सुधारकर आप अपने पाचन तंत्र को स्वस्थ और स्वयं को तन्दुरुस्त रख सकते हैं, जिससे बवासीर या पाइल्स खुद-ब-खुद ही नहीं होगा।
To Know more , talk to a Jiva doctor. Dial 0129-4040404 or click on Our Doctors.
SHARE:
TAGS:
Home Remedy to Strengthen The Pancreas
how to Balance Vata Dosha
HOW TO REDUCE PITTA IMMEDIATELY ACCORDING TO AYURVEDA
आयुर्वेद और पाचन शक्ति
अच्छी सेहत देने वाली दिनचर्या और रात्रिचर्या
Sweating: The Key to Eliminating Waste from Your Body
पित्ती (एलर्जी) का आयुर्वेदिक दृष्टिकोण
Herbal Remedies & Tips to Balance Vata Dosha
बढ़े हुए कोलेस्ट्रॉल के लिए आयुर्वेदिक उपाय
3 Herbs the Help Balance Kapha Dosha