जीवा क्षारसूत्र थैरेपी के फ़ायदे-
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सरल व सुरक्षित आयुर्वेदिक प्रक्रिया
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मिनिमल सर्जरी, हॉस्पिटलाइजेशन की कोई ज़रूरत नहीं
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दोबारा होने की संभावना कम
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पाइल्स, फिस्टुला और फिशर में प्रभावी
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व्यक्तिगत उपचार और दवाएं
क्षार सूत्र किस तरह से प्रयोग किया जाता है ?
क्षार सूत्र चिकित्सा में सर्वप्रथम विशेष औषधियों जैसे स्नुही, अपामार्ग क्षार व हल्दी के मिश्रण द्वारा लाइनेन धागा तैयार किया जाता है। इस धागे को सावधानीपूर्वक मस्से पर बांधा जाता है। लगभग एक सप्ताह में धागे से मस्सा खत्म हो जाता है साथ ही पस (मवाद) भी निकल जाता है। इसके उपरान्त पर्सनलाइज्ड़ मेड़िसिन्स के अलावा स्थानिक (लोकल) प्रयोग के लिए विशेष तेल भी दिया जाता है। इस प्रक्रिया में किसी भी प्रकार की चीर-फाड़ नहीं होने से यह कोई भी कॉम्पलिकेशन जैसे गुदा मार्ग का सिकुड़ना या चलने-फिरने में परेशानी उत्पन्न नहीं करता है। क्षार सूत्र पूर्णतः एक प्राकृतिक प्रक्रिया है जिसमें रोग के वापस होने की संभावना कम होती है साथ ही यह लम्बे समय तक आराम प्रदान करता है।
निम्न समस्याओं में लाभदायक-
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पाइल्स
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फिस्टुला
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फिशर
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गुदा मार्ग में दानें
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पायलोनिडल साइनस
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गुदा क्रिप्टाइटिस
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मेरी 3 साल पुरानी पाइल्स की समस्या को दूर करने में जीवा आयुर्वेद की क्षारसूत्र थैरेपी ने बहुत मदद की है -अनुज शिशुदिया, जींद, हरियाणा
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