क्या आपको या आपके किसी खास को घुटने या जोड़ों को बदलने की सलाह दी गई है? किसी भी फैसले पर पहुंचने से पहले ये ज़रूर पढ़िए।
आप अपने घुटनों की गतिविधियों को दोबारा पा सकते हैं और दर्द से छुटकारा भी मिल सकता है, वो भी प्राकृतिक तरीक से। जीवा का आयुनीक उपचार एक ऐसा कदम है जो ऑस्टियोअर्थराइटिस के मुख्य कारणों का इलाज करता है, वो भी पारंपरिक आयुर्वेद, आधुनिक रिसर्च और जीवनशैली की सलाह के साथ।
यह जोड़ों में परेशानी को बढ़ने से बचाता है और इसकी क्रियाओं को दोबारा वापस लाता है,वो भी बीमारी के सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए जिसमें दवाइयां, खानपान, जीवनशैली या मनोचिकित्सीय कारक शामिल हैं। यह किसी व्यक्ति के लिए उसकी खास स्वास्थ्य प्रोफ़ाइल के आधार पर बनाया जाता है और यही इसे विशेष बनाता है। यानि कि आपको जो उपचार दिया जाएगा वो किसी और को नहीं दिया जाएगा और न ही दिया गया होगा।
निदान यानि मुख्य कारणों को पहचानना, डॉक्टर आपकी सेहत प्रोफाइल और मुख्य कारणों को पहचानकर रोग का इलाज करते हैं। यह किसी भी वजह से हो सकता है जैसे वात का असंतुलन, चोट, व्यायाम की कमी, कमजोर पोषण, कमजोर पाचन, जीवनशैली से जुड़ी बीमारियाँ और भी बहुत से कारण हो सकते हैं। ऑस्टियोअर्थराइटिस के मरीज़ के लिए यह विशेष स्तर पहले से ही निर्धारित होता है।
उपचार की योजना मरीज की सेहत को ध्यान में रखकर तैयार की जाती है। शोधन, राहत और नई ऊर्जा पाने के नियमों का पालन किया जाता है। पंचकर्म की मदद से शरीर साफ होता है, दर्द से राहत दिलाने के लिए आयुर्वेदिक दवाइयों और उपचार की मदद ली जाती है। अंत में एक नई ऊर्जा से परिपूर्ण उपचार प्राकृतिक तौर से जोड़ों की गतिविधियों को ठीक कर देता है।
उपचार की योजना मरीज की सेहत को ध्यान में रखकर तैयार की जाती है। शोधन, राहत और नई ऊर्जा पाने के नियमों का पालन किया जाता है। पंचकर्म की मदद से शरीर साफ होता है, दर्द से राहत दिलाने के लिए आयुर्वेदिक दवाइयों और उपचार की मदद ली जाती है। अंत में एक नई ऊर्जा से परिपूर्ण उपचार प्राकृतिक तौर से जोड़ों की गतिविधियों को ठीक कर देता है।
जीवनंदा यानि जीवनशैली की सलाह, मरीजों को जीवनंदा को अपनाने की सलाह दी जाती है, यह जीवनशैली के ऐसे नियम हैं जो आसान दिनचर्या और प्रयोगों से उपचार को मजबूतबनाए रखते हैं। मरीजों को हवा यानि प्राण की ऊर्जा और योगासनों की मदद से शरीर और दिमाग को नई ऊर्जा देने के लिए तैयार किया जाता है, ताकि वो मजबूत बन सकें। ये दिशानिर्देश व्यक्तियों के शरीर के प्रकार के हिसाब से तैयार आहार जीवनशैली चुनने में भी मदद करते हैं।
आयुर्वेद की शरण में समय रहते आइए और ऑस्टियोअर्थराइटिस के उपचार का लाभ उठाइए,वो भी बिना किसी निशान, बिना किसी साइड इफेक्ट के और लंबे समय तक दर्द से छुटकारा पाने के लिए! जीना आयुनीक के बारे में आज ही जानिए कॉल करिए 0129-4040404 पर
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