आमतौर पर ऐसी परिस्थितियों में दर्द से निजात पाने के लिए हम दर्दनाशक औषधियों का सेवन करते हैं, अपने शरीर को गर्म कपड़ों से ढकते हैं या दर्द वाले स्थान पर दर्दनाशक क्रीम लगाते हैं। परन्तु ये सभी केवल नाममात्र के लिए कुछ देर तक ही आराम देते हैं और कुछ ही समय पश्चात् फिर दर्द शुरू हो जाता है।
अत्यधिक दर्द होने का कारण रोग प्रतिरोधक संस्थान की गड़बड़ी, असंतुलित आहार या गलत जीवनशैली हो सकती है। वास्तव में, हड्डियों को आपके दैनिक जीवन में आने वाली हर परिस्थिति तथा सभी प्रकार के मौसम से निपटने के लिए अधिक स्वस्थ एवं मजबूती की आवश्यकता होती है।
आयुर्वेद के अनुसार, आम (विषाक्त पदार्थों) का संचय और वात का बढ़ना इसका मूल कारण माना जाता है। अधपचे भोजन के कारण आम बनता है, जो सारे शरीर में बहता है और कफ वाले स्थानों में यह संग्रहीत होता है। जब जोड़ों में वात के बढ़ने के साथ आम का संचय भी होता है तो यह एक रोग का कारण बनता है जिसे ‘आमवात’ का नाम दिया जाता है। जोड़ों में होने वाला दर्द इसी का एक लक्षण है। हमारी घरेलू चिकित्सा विशेषज्ञ, डॉक्टर दादी आपको जोड़ों के दर्द से निजात दिलाने के लिए कुछ सरल एवं प्रभावी घरेलू उपचार का सुझाव देती हैं।
डॉक्टर दादी का उपचार
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5 ग्राम मेथी के दाने को 250 मिली0 पानी में रात को (अथवा कम से कम 4 घंटे के लिए) भिगो दें। इसे उबालकर 150 मिली0 तक कर दें। इसे छानकर गरम-गरम दिन में एक या दो बार पिएं। यह जोड़ों के दर्द में बहुत असरकारक है। मेथी आम को जोड़ों से हटाकर वापस अांत्र में लाता है, जहां से इसे बाहर निकाल दिया जाता है।
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20 मिली0 तिल के तेल को धीमी आंच पर गरम कर लें। अब इसमें 2 ग्राम कटा हुआ लहसुन/अजवाइन मिला लें। इसके बाद इसे आंच से हटा दें और तेल को ठण्डा होने दें। इस तेल को प्रभावित स्थान पर लगायें। पूरे शरीर में तिल के तेल की मालिश भी वात को कम करने में सहायक है जिससे दर्द में भी आराम मिलता है।
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एक महीन सूती कपड़े में 100 ग्राम रेत लेकर पोटली बना लें। अब एक पैन में थोड़ी रेत डालकर रेत की पोटली को उसी के अन्दर रखकर गरम करें। अब इस सहनीय गरम पोटली से प्रभावित स्थान पर सिंकाई करें। हर बार सिंकाई करने से पहले पोटली को गरम जरूर कर लें। यह वात के असंतुलन से होने वाले जोड़ों के दर्द को कम करने में मदद करता है।
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सूखे अदरक (सोंठ) का चूर्ण, अश्वगंधा और हल्दी को समान मात्रा में लेकर पीसकर मिश्रण बना लें। इसे एक-एक चम्मच दिन में दो बार गुनगुने पानी से लें। यह जोड़ों की परेशानियों के लिए अत्यंत प्रभावकारी है।
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लहसुन की 10 कलियों को छीलकर उसमें एक-एक चम्मच सोंठ, काली मिर्च, जीरा, हल्दी, मेथी और हींग मिला लें। एक चम्मच मिश्रण को आधे चम्मच घी में मिलाकर हल्का पका लें। इसे गुनगुने पानी के साथ एक दिन में दो बार लें। यह जोड़ों में संचित आम को हटाता है और वात के असंतुलन को दूर करता है। अगर आपका शरीर गर्म प्रकृति का हो तो इसे न लें।
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त्रिफला चूर्ण आपके पेट को साफ करता है। रात को सोते समय त्रिफला (हरीतकी, विभीतकी और आमलकी) चूर्ण लेने से पेट साफ रहता है।
टिप्पणी :
इन नुस्खों को आजमाने से पहले किसी विशेषज्ञ की सलाह अवश्य ले लें। कृपया याद रखें, घरेलू उपचार को दवाओं के स्थान पर प्रयुक्त नहीं किया जा सकता। अगर इससे आपकी हालत में सुधार नहीं आता है, तो किसी चिकित्सक की मदद अवश्य लें।