Diseases Search
Close Button

मासिक धर्म की समस्याएं और उनके लिए घरेलू उपचार

Search Icon

घरेलू उपचार यद्यपि नारित्व एक वरदान है, परन्तु यह वरदान गुणों व परेशानियों का अनोखा मिश्रण है। इन्ही परेशानियों में से एक सामान्यतः सभी महिलाओं मे समान रुप से होती है। वह है रजोनिवृति एवं मासिक धर्म सम्बन्धी विकृतियां। मासिक धर्म सम्बन्धी विकारों में ऐठन व दर्द होना, अनियमित रुप से रक्त आना कम या अधिक रक्त आना इत्यादि लक्षण दिखायी देते हैं।

डा0 दादी कहती है, पुराने समय में औरतों मे ये समस्याएं यदा-कदा ही होती थी और वे स्वस्थ भी होती थी। क्योंकि वे घर का सारा कार्य स्वयं अपने हाथों से करती थी। उनकी नियमित घरेलू दिनचर्या थी, साथ ही वे ताजा व शुद्ध भोजन करती थी। जिससे उनमें से कुछ को ही कब्ज की समस्या होती थी। आज आधुनिक युग की नारी एक जगह बैठे- बैठे काम करती है। तनावयुक्त रहती है एवं ऐसे खाद्य पदार्थ खातीं हैं, जिनमे पोषण कम होता है। वह एक अनियमित जीवनशैली जो मासिक धर्म में अनियमितता को जन्म देती है, उनका दैनिक जीवन मे प्रयोग करती हैं।

इस स्थिति मे और बुरा तब होता है, जब वे इन परेशानियों से निजात पाने के लिए अस्थायी आराम प्रदायक दवाइयों का सेवन करती है। इन दवाइयों का बीमारियों को समूल नष्ट करने से कोई लेना-देना नही है, अपितु इनका दीर्घकाल मे स्वास्थ्य पर दुष्प्रभाव होता है। आयुर्वेद के अनुसार अपर्याप्त पोषण वाले आहार, कमजोर पाचन तंत्र, इन अनियमितताओं के मुख्य कारण है। अपूर्ण रुप से पचा हुआ भोजन शरीर मे विषैले तत्वों को जन्म देता है। ये विषैले तत्व रक्त के माध्यम से धातुआें व रक्त नलिकाओं में पहुंचकर मार्ग अवरुद्ध कर देते हैं। ये परिस्थितियां वात व रक्त को दूषित कर देती हैं। बढ़ा हुआ वात, प्रवाह नलिकाओं के माध्यम से अशुद्ध रक्त व रज को निकालता है जिससे मासिक रक्त प्रवाह मे वृद्धि हो जाती है।

मासिक धर्म के समय अत्यधिक रक्त प्रवाह के साथ ही लंबे समय तक प्रवाह होना, शरीर मे दर्द व कमर के निचले हिस्से मे दर्द, जांघों में जलन, कमर के एक हिस्से में दर्द भी महसूस होता है। अत्यधिक रक्तस्राव के कारण एनेमिया के लक्षण हाथो का सुन्न होना, थकान, धडकन का तीव्र होना व चक्कर आना भी परिलक्षित होते है। यह संभव है कि आप इन समस्यओं को अपने जीवन का एक अभिन्न अंग मान चुकी हो परन्तु हमारी डा0 दादी के कुछ सरल व घरेलू उपचार प्रयोग करके आप अपनी इन परेशानियों का हल प्राप्त कर सकती है।

डॉक्टर दादी का उपचार

  • मासिक स्राव के पहले दिन से जीरे का बना क्वाथ (काढा) लिया जा सकता है। दो छोटे चम्मच जीरा लेकर 2 कप पानी मे मध्यम आँच पर, आधा शेष रहने तक उबाले। इसको छानकर पीयें स्वाद के लिए खांड या शहद मिला सकते है। इसे दिन मे दो बार तीन दिन तक पीने से विकृत लक्षण दूर होते है। हर मासिक चक्र के साथ लेने से यह लक्षणों की तीव्रता को कम करता है।

  • ताजा अदरक से बनी चाय या एक चम्मच सोंठ के चूर्ण को एक कप पानी में गर्म कर लेने से भी लक्षणों मे कमी आती है।

  • चुटकी भर हींग को घी मे भूनकर इस घी को एक कप मट्ठे छाछ मे मिलाकर दिन मे एक बार पीने से भी विकृत लक्षण दूर होते है।

  • आधा चम्मच पिसे हुए लहसुन के साथ एक लौंग दिन मे दो बार गुनगुने पानी के साथ ले सकते हैं। इसे खाने के साथ भी लिया जा सकता है।

  • घृत कुमारी का गूदा एक बड़ा चम्मच चुटकी भर काली मिर्च या दाल चीनी चूर्ण के साथ लिया जा सकता है। इसे दिन मे दो बार लें।

नोट :

इन नुस्खों को आजमाने से पहले किसी विशेषज्ञ की सलाह अवश्य ले लें। कृपया याद रखें, घरेलू उपचार को दवाओं के स्थान पर प्रयुक्त नहीं किया जा सकता। अगर इससे आपकी हालत में सुधार नहीं आता है, तो किसी चिकित्सक की मदद अवश्य लें।

To Know more , talk to a Jiva doctor. Dial 0129-4040404 or click on Our Doctors.

SHARE:

TAGS:

Our Happy Patients

  • Sunita Malik - Knee Pain
  • Abhishek Mal - Diabetes
  • Vidit Aggarwal - Psoriasis
  • Shanti - Sleeping Disorder
  • Ranjana - Arthritis
  • Jyoti - Migraine
  • Renu Lamba - Diabetes
  • Kamla Singh - Bulging Disc
  • Rajesh Kumar - Psoriasis
  • Dhruv Dutta - Diabetes
  • Atharva - Respiratory Disease
  • Amey - Skin Problem
  • Asha - Joint Problem
  • Sanjeeta - Joint Pain
  • A B Mukherjee - Acidity
  • Deepak Sharma - Lower Back Pain
  • Vyjayanti - Pcod
  • Sunil Singh - Thyroid
  • Sarla Gupta - Post Surgery Challenges
  • Syed Masood Ahmed - Osteoarthritis & Bp
Book Free Consultation Call Us