व्यायाम शायद वो आखिरी चीज है जो आपके दिमाग में आती है जब आप गठिया के बारे में सोचते हैं। जोड़ों और मांसपेशिओं में कष्टदायी दर्द होने पर व्यायाम कर पाना कहां संभव है, जब थोड़ा भी घूम पाना मुश्किल हो जाता है? खैर, विडंबना यह है कि गठिया के मामले में व्यायाम, उपचार का एक बहुत ही महत्वपूर्ण हिस्सा है।
अधिकाँश रोगियों के लिए दर्द वो बड़ा महत्वपूर्ण कारण है जिसकी वजह से वो व्यायाम करना छोड़ देते हैं हालांकि, नियमित और उचित अभ्यास की मदद से, वे इससे बड़ा लाभ उठा सकते हैं इसमें होने वाले निम्नलिखित लाभ शामिल हैं:
जोड़ों की का बेहतर काम करना
चलने-फिरने की बेहतर गति
दर्द पर नियंत्रण का बेहतर प्रबंधन
मांसपेशियों और हड्डियों की ज्यादा मजबूती
बेहतर ऊर्जा स्तर
वजन पर नियंत्रण और यहाँ तक कि वजन घटाना भी
आत्म-सम्मान में वृद्धि और जीवन के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण
यदि आपके पास व्यायाम के लिए उपयुक्त सुविधाएं उपलब्ध नहीं हैं तो यहाँ कुछ उपाय और सुझाव हैं जिनसे आपको घर में ही व्यायाम करने में मदद मिलेगी
धीरे और आराम से व्यायाम की शुरूआत करके अपनी क्षमता अनुसार इसे बढ़ाएं। व्यायाम में जल्दबाज़ी ना करें। वास्तव में, यदि आपने कुछ समय के लिए व्यायाम करना बंद कर दिया है, तो सलाह यही दी जाती है कि सरल तरीके से, हल्के यानि बुनियादी तरीके से व्यायाम शुरू करें। बाद में व्यायाम करने की सीमा बढ़ाएं।
अपने व्यायाम का बेहतर परिणाम पाने के लिए पहले अपनी मांसपेशियों सक्रिय करें यानि एक्टिव करें। ऐसे व्यायाम से शुरुआत करें जिनसे मांसपेशियों तक रक्त का संचार बढ़ने में मदद मिले। एक जगह खड़े होकर हाथों को एक-एक कर आगे-पीछे ले जाते हुए मार्च करें यानि टहलने का व्यायाम करें।
व्यायाम जिनमें अधिकांश मांसपेशियों का प्रयोग होता है जैसे कि नाचना,इससे जोड़ों को एक सामान्य तरीके से मुड़ने में मदद मिलती है और मांसपेशियों को भी आराम मिलता है। ये शरीर के लचीलेपन को भी बढ़ाने में मददगार होता है।
वजन उठाने और ऐसे ही व्यायाम मांसपेशियों को मजबूती देने में मदद करते हैं। और गठिया के रोगियों के लिए मजबूत मांसपेशियां जोड़ो को आराम देने और उनकी की रक्षा के लिए जरूरी होती हैं।
एरोबिक और मजबूती बढ़ाने वाले व्यायाम जैसे कि साइकिल चलाना, जोड़ों की सूजन को कम करने में मददगार होते हैं, इससे ह्रदय को मजबूती मिलती है, वजन पर काबू पाने और संपूर्ण स्वास्थ्य के सुधार भी मददगार साबित होती है। ज्यादा वजन जोड़ों पर दबाव डालता है और इसलिए वजन घटाने वाले व्यायाम आपके व्यायाम का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होने चाहिए, खासकर यदि आपका वजन अधिक है तो।
तेज और झटके से भरे व्यायाम जैसे की सख्त सतह पर दौड़ने या स्क्वॉश खेलने से बचें, ये व्यायाम प्रभावित जोड़ों यानि दर्द भरे जोड़ों पर और बुरा असर डालते हैं।
व्यायाम करते समय अपनी सांसें ना रोकें क्यूंकि ये व्यायाम का एक महत्वूर्ण हिस्सा है। व्यायाम के दौरान सामान्य रूप से सांस लेते रहें।
यदि आप लगातार थकान महसूस कर रहे हैं या व्यायाम के बाद लम्बे समय के लिए सूजन या दर्द महसूस करते हैं तो किसी डॉक्टर से सलाह लें।
याद से हमेशा आरामदायक कपड़े पहनें जिनसे आपको किसी शारीरिक कार्य में बाधा महसूस ना हो। अगर आप खड़े होकर व्यायाम कर रहे हैं तो ऐसे जूते पहनें जो समतल हों और आरामदायक हों।
भले ही आप अपने व्यायाम अभ्यास के परिणामों से बहुत खुश हों, फिर भी कुछ बुनियादी सावधानियां हैं जिन्हें लेकर आपको सतर्क रहना चाहिए, नीले लिखी गई परिस्थितियों में व्यायाम ना करें
जब आपकी सेहत ठीक ना हो, या जुकाम और बुखार से परेशान हों।
जब व्यायाम करने में दर्द महसूस हो, खासतौर पर जोड़ो में दर्द हो, तो व्यायाम ना करें
जब आपको व्यायाम के दौरान चोट लग गई हो
जब आम दिनों की तुलना में जोड़ों में ज्यादा दर्द हो
जब आप बहुत थके हुए हों
अगर व्यायाम की वजह से चक्कर आए या आंखों के आगे अंधेरा छा जाए तो व्यायाम ना करें
जब आपको सांस लेने में परेशानी हों या बीमार महसूस कर रहे हों
कृपया ध्यान रखें कि हर व्यक्ति के लिए व्यायाम की मात्रा और उसके रूप उनके जोड़ों के व्यायाम, उनकी स्थिरता, जोड़ों की सूजन, जोड़ों के दर्द और उनके जोड़ों के उपचार के आधार पर होते हैं। इसलिए व्यायाम शुरू करने से पहले डॉक्टर से संपर्क करने की सलाह दी जाती है।
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