इस दर्द को जीवनशैली में कुछ आसान बदलावों और कुछ प्राकृतिक बचावों से नियंत्रण में किया जा सकता है।
हल्का व्यायाम:
व्यायाम की कमी की वजह से कंधो और गर्दन में अकड़न व दर्द हो सकती है, जिसके कारण सर्वाइकल स्पोंडिलोसिस हो जाता है।
निम्न व्यायाम अगर नियमित रूप से किये जाएँ, तो गर्दन के दर्द को होने से रोका जा सकता है:
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सिर को दक्षिणावर्त एवं वामावर्त घुमाएँ। अब इसे बारी- बारी से ऊपर-नीचे करें। ऐसा दिन में 10-10 मिनट के लिए दो-तीन बार करें।
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अपने कंधों को दक्षिणावर्त एवं वामावर्त घुमाएँ।
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रोजाना साइकिल चलायें, क्योंकि इससे आपकी कमर सीधी बनी रहती है।
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किसी भी व्यायाम के करने से अगर दर्द होता है तो उस तुरंत बंद कर दें।
हल्दी:
हल्दी में सूजन को कम करने का ख़ास गुण होता है। इसकी यही ख़ूबी शरीर में रक्त-संचार को बढ़ाकर माँसपेशियों की अकड़न व दर्द को भी कम करती है।
यदि आप चाहें, तो इसको गर्म दूध और शहद के साथ मिलाकर भी पी सकते हैं।
मसाज / मालिश:
गर्दन और इसके आस-पास की माँसपेशियों की मालिश से तनाव कम होता है और इससे थकान (क्रोनिक फटीग सिंड्रोम) भी भागती है। यह जोड़ों की अकड़न को कम करता है और माँसपेशियों में खिंचाव की सम्भावना को कम करता है।
ठंडी- गर्म सिकाई:
गर्दन के दर्द से निजात पाने के लिए बारी-बारी से ठंडी-गर्म सिकाई करें। गर्म सिकाई परिसंचरण को बेहतर बनाता है और दुखती माँसपेशियों को भी ठीक करता है। दूसरी ओर, ठंडी सिकाई सूजन और जलन कम करती है। सूजे हुए जख्म पर गर्म सिकाई न करें और यदि परिसंचरण की कोई समस्या है, जैसे रक्त के थक्के बनना आदि, तो ठंडी सिकाई न करें।
तरीका:
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एक पतले तौलिए में एक गर्म पानी का बैग रखकर उससे गर्म सिकाई करें।
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एक पतले तौलिए में कुछ बर्फ के टुकड़े रखकर ठंडी सिकाई करें।
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प्रभावित क्षेत्र में 2-3 मिनट तक गर्म सिकाई करें।
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फिर एक मिनट के लिए ठंडी सिकाई करें।
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20 मिनट बाद दुबारा इस प्रक्रिया को दोहरायें। रोजाना दिन में कुछ बार इस प्रक्रिया को करें। ऐसा तब तक करें जब तक दर्द से आराम नहीं मिलता।
सेंधा नमक से नहायें:
सेंधा नमक में मौजूद मैग्नीशियम पी. एच. स्तर को नियंत्रत करता है, जिसके कारण सूजन, जलन और दर्द कम होता है। जिन लोगों को डायबिटीज, गुर्दे या किडनी की समस्या है, वह इसे न करें।
प्रक्रिया:
नहाने के गर्म पानी में 2 कप सेंधा नमक मिलायें और 20 मिनट तक इस घोल लो ऐसे ही छोड़ दें। इसके बाद आप इसी पानी से नहा सकते हैं। नियमित रूप से ऐसा करने से थकावट और सर्वाइकल स्पोंडिलोसिस जल्द ही दूर हो जायेगा।