पंचकर्म चिकित्सा के विशेष प्रभाव के कारण आजकल यह पद्धति काफी प्रचलति है जिसे रोगी ही नहीं बल्कि स्वस्थ बने रहने के लिए निरोगी भी इसका लाभ उठा रहे हैं।
व्यस्त दिनचर्या या अन्य कारणों से व्यक्ति चिकित्सा केन्द्र में जाकर पंचकर्म उपचार नहीं ले पाता है। इसी परेशानी के समाधान के लिए जीवा आयुर्वेद ने इस चिकित्सा पद्धति का एक अंग ‘पोटली स्वेद’ चिकित्सा पैक निर्मित किया है जिसे घर पर ही कुछ सामान्य सावधानियाँ रखते हुए दिए गए दिशा-निर्देशों द्वारा आसानी से प्रयोग किया जा सकता है।
पोटली स्वेदन क्या है?
इस पैक में अत्यन्त प्रभावी औषधिय तेल है और साथ में कई जड़ी-बूटियों के मिश्रण से बनी विशेष पोटली है जिसे पूर्ण रूप से शास्त्रीय निर्देशानुसार तैयार किया गया है।
उपयोग-विधिः
पैक में दिए हुए तेल से हल्की मालिश कर गर्म पोटली से प्रभावित जगह पर उचित समय तक सिकाई करें। उपयोग की पूरी विधि आवश्यक सावधानियों सहित पैक के साथ उपलब्ध है।
लाभः
-
मांसपेशियों व जोड़ों के दर्द में सहायक
-
मांसपेशियों के ढीलेपन, सूजन व जकड़ाहट को कम करना
-
प्रभावित स्थान से विषाक्त पदार्थों को हटाना
-
जोड़ों की गति व लचीलापन बढ़ाना
-
नाडियों व मांसपेशियों को ताकत देना
कर्म प्रभावः
-
आयुर्वेदानुसार मांसपेशियों व जोड़ों में दर्द वात दोष के असंतुलन से होता है जो ठंड़े पदार्थों व वातावरण के सम्पर्क में बढ़ता है। अतः पोटली स्वेदन प्रक्रिया से उत्पन्न गर्माहट दर्द को दूर करती है।
-
रक्त संचार में सुधार कर हड्डियों व मांसपेशियों में पोषक तत्वों के अवशोषण को बढ़ाती है।
-
विषाक्त पदार्थ आम व अन्य मल द्रव्यों को प्रभावित जगह से दूर करती है।