दाद एक प्रकार का फंगल इंफेक्शन (संक्रमण) है जो फफूंदी जैसे परजीवी के कारण होता है। यह त्वचा, नाखूनों एवं स्कैल्प (सिर) को प्रभावित करता है। ये लाल या हल्के ब्राउन रंग के गोल आकार के होते हैं। दाद शरीर के जिस भाग पर होता है, उस भाग पर ख़ूब खुजली होती है और जब व्यक्ति खुजलाने लगता है तब यह और भी फैलने लगता है। यह गीलेपन, नमी और भीड़भाड़ वाली जगह पर ज़्यादा फैलता है। इसे टीनिया रिंगवार्म कहते हैं।
यह चेहरे की दाढ़ी वाले क्षेत्र और गर्दन पर सूजन और गोल निशान के रूप में होता है। इसमें खुजली के कारण कई बार बाल टूटने लगते हैं। यह नाई के पास बाल या दाढ़ी कटवाने के दौरान हो जाता है इसलिए दाढ़ी के दाद को ठंतइमते पजबी भी कहते हैं।
यह दाद स्कैल्प (Scalp) में होता है। यह मुख्यरूप से बच्चों को प्रभावित करता है। यह स्थिति सामान्य रूप से स्कूलों में फैलती है। इसके कारण सिर के कुछ हिस्से में गंजापन दिखने लगता है।
यह आंतरिक जांघों, जोड़ों और नितम्बों की त्वचा पर होता है। यह दाद किशोर लड़कों में काफी आम है।
पैर के दाद के संदर्भ में यह सबसे आम है। यह उन लोगों में अक्सर देखने को मिलता है, जो सार्वजनिक स्थान पर नंगे पांव जाते हैं। जहां संक्रमण का ख़तरा अधिक होता है, जैसे बाथरूम और स्विमिंग पूल।
त्वचा में लाल चकत्ते जिसमें खुजली, जलन एवं परतदार उभरा हुआ दाग।
दाग के बाहरी तरफ से किनारों पर लाल हो जाना एवं अंगूठी के समान दिखाई देना।
दाग ऊपर की ओर उभरा हुआ होना।
अत्याधिक पसीने से बचें।
अपनी निजी चीज़ें किसी से शेयर न करें।
संक्रमित भाग को रगड़े या खुरचे नहीं।
इसमें प्राकृतिक रूप से ।दजपनिदहंस गुण पाए जाते हैं। लहसुन का रस प्रभावित स्थान पर लगाएं, इसमें गंधक पाया जाता है।
इसके बीज को दही एवं नींबू के रस में मिलाकर कुछ समय के लिए रख दें, बाद में इसे लगाने से दाद नष्ट हो जाता है।
नारियल तेल प्रभावित स्थान पर लगाएं।
इसको प्रभावित जगह 15-20 मिनट लगाकर गुनगुने पानी से धो लें।
ताज़ा एलोवेरा का रस लगाएं।
तुलसी का स्वरस प्रभावित स्थान पर लगाएं, ऐसा करने से दाद से राहत मिलती है।
हल्दी का पेस्ट लगाने से भी दाद से छुटकारा मिलता है।
एलोवेरा के रस में नींबू मिलाकर दाद वाले स्थान पर लगाएं एवं 1 घण्टे बाद ताजे़ पानी से धो लें, दाद से राहत मिलेगी।
ऊपार बताए गए उपायों को प्रयोग करने के साथ-साथ रोग की गंभीरता के अनुरूप डॉक्टर की सलाह लेनी भी आवश्यक है।
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