क्या आप भी माइग्रेन से परेशान हैं या आपको पहले कभी माइग्रेन की समस्या हुई है? चलिए, हम इस बीमारी के मुख्य कारणों से आपको अवगत कराते हैं।
माइग्रेन के दर्द के पीछे बहुत से छुपे हुए कारक हैं। आज हम इन सब कारकों के बारे में आपको बताते हैं, ताकि आप अपने शरीर के बारे में कुछ अधिक जान सकें। इसके अतिरिक्त, हम आपको इस प्रकार की परेशानियों से बचने के कुछ आसान तरीके भी सुझाएँगे, ताकि आप इनसे लड़ सकें।
हार्मोनों में बदलाव
थकान
माँसपेशियों में खिंचाव
तनाव
सूर्य की तेज रोशनी या तेज़ सुगंध
यह दर्द आमतौर पर माथे के आस-पास, कमर के ऊपरी भाग, आँखों और माथे में होता है। कई बार माँसपेशियों में खिंचाव के कारण यह जबड़े और खोपड़ी की त्वचा में भी हो जाता है।
लेमन ग्रास से बनी चाय औषधीय स्तर पर लाभदायक होती है और यह सिर दर्द से आराम दिलाने में पूर्णतया सक्षम है।
एक छोटा चम्मच लेमन ग्रास (5 ग्राम)
1 कप पानी (250 मि.ली.)
एक कप उबलते हुए पानी में एक छोटा चम्मच लेमन ग्रास मिलायें और 10 मिनट तक के लिए इसको गर्म होने दें, ताकि काढ़ा बन जाये।
काढ़ा बनने के बाद पानी को अलग कप में निकालकर पी लें। इससे काफी आराम मिलेगा।
एक पूरी तरह बंद बैग में 5-6 बर्फ के टुकड़े भर लें।
अब अपने माथे को एक कपड़े से ढकें और कम से कम 20 मिनट के लिए उसके ऊपर ये बर्फ से भरा बैग रख दे।
20 मिनट बाद बैग हटा दें। अगर जरूरत लगे, तो 20 मिनट फिर से रख लें। ऐसा करने से निश्चित ही सिरदर्द में आराम मिलेगा।
बबून के फूल (कैमोमिल) में बहुत सारे औषधीय गुण होते हैं और इसे कई जगह इस्तेमाल किया जाता है। यह सिर-दर्द में भी उपयोगी है, जिसके निवारण के लिए एक घोल तैयार किया जाता है।
3 छोटे चम्मच सुखी बबून (30 ग्राम )
2 कप पानी (500 मिली लीटर)
एक छोटा चम्मच नींबू का रस (5 मिली लीटर)
एक बर्तन में थोड़ा पानी गर्म करें और जब यह उबलने लगे, तब उसमें 3 चम्मच बबून डाल दें।
इसे 15 मिनट तक उबलने दें। उसके बाद, इसको निचोड़ लें और एक छोटा चम्मच नींबू पानी मिला दें।
इस मिश्रण को दिन में पीजिये, निश्चित ही आराम मिलेगा।
अगर आपको माइग्रेन है, तो हाथीचक को अपने आहार में शामिल करना न भूलें। हाथीचक सिरदर्द को खत्म करने में बेहद लाभदायक होता है, ख़ासकर तब, जब दर्द का कारण यकृत/लीवर की परेशानियाँ हों।
इन तरीकों का पालन करने से निश्चित ही आप जिद्दी माइग्रेन से छुटकारा पा लेंगे। अपने माइग्रेन की ठीक से जाँच कराने और इसका जड़ कारक जानने के लिए आज ही जीवा के चिकित्सक से परामर्श लें।
To Know more , talk to a Jiva doctor. Dial 0129-4264323 or click on Our Doctors.
SHARE:
TAGS:
सात्विक, राजसिक, तामसिक: मन और उसके विभिन्न प्रकार
Ease Bipolar Disorder with Ayurvedic Remedies
Ayurvedic Home Remedies For A Good Night Sleep
Shirodhara Therapy - Relief from mental & physical stress
Overcoming grief of a lost loved one
Have You Tried These Yoga Positions for Stress Relief?
Beat stress the Ayurvedic way
AYURVEDIC TREATMENT FOR NEUROLOGICAL PROBLEMS
Exploring Anxiety Ayurvedic Treatment
अच्छी नींद के लिए आयुर्वेदिक घरेलू नुस्खे