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शिरोधारा . मानसिक और शारीरिक तनाव से आराम

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शिरोधारा, पंचकर्म की शुद्धिकरण चिकित्सा में सबसे ज़्यादा असरदार और तरोताजा करने वाली पद्धतियों में से एक है। यह बेहद आराम पहुंचाने वाली पद्धति है, जो शरीरिक और मानसिक तनाव व थकान को बहुत हल्के-हल्के दूर करती है।

शिरोधारा, दो शब्दों से मिल कर बना है “शिरो” यानी कि सिर और “धारा” अर्थात् प्रवाह या धार। इसलिए शिरोधारा आराम पाने, तरोताजा होने और उपचार के लिए माथे पर निश्चित समय तक तेल की धार छोड़ना है। इस पद्धति का लक्ष्य चेतन में तरोताजा लाते हुए और स्वस्थ्य को बनाए रखते हुए शारीरिक व भावनात्मक संतुलन लाना है।

शिरोधारा की चार प्रकार की विशेष अवस्थाएं हैं तैलधारा, क्षीरधारा, तक्रधारा और जलधारा। यह शरीर के लिए एक प्रकार से बाह्य स्नेह है।

शिरोधारा कैसे कार्य करती है

जैसा कि आयुर्वेद में कहा गया है, शिरोधारा प्राथमिक रूप से वात नाड़ी संस्था या तंत्रिका तंत्र पर कार्य करती है। पांरपरिक रूप से शिरोधारा का इस्तेमाल नसों को आराम पहुंचाने, वात को संतुलित रखने, नसों को शक्ति प्रदान करने, ठहरे हुए भावों को निकालने और मानसिक शुद्धि के लिए किया जाता है। आयुर्वेदिक उपचार में इसे चेतना की उच्च अवस्था पाने के लिए महत्वपूर्ण साधन माना जाता है। माइग्रेन में आराम पाने के लिए शिरोधारा सबसे अच्छी पद्धतियों में से एक है।

शिरोधारा कैसे की जाती है

पहला चरणः

हल्के सुगम संगीत के साथ आपको आराम से बैठ जाने के लिए कहा जाता है। यह शांत वातावरण आपकी नसों के साथ-साथ आपको को भी आराम का अनुभव कराता है।

दूसरा चरणः

लयबद्ध तरीके से एक विशेष तापमान पर, खास ऊंचाई से दवा युक्त तेल की धार आपके माथे के बीचोंबीच गिराई जाती है। गुनगुना तेल, तंत्रिका तंत्र में बढ़े हुए वात को शांत करता है।

तीसरा चरणः

यह प्रक्रिया 30-35 मिनट तक चलती है और इसके बाद आयुर्वेदिक तरीके से सिर की मालिश की जाती है। नसों की कार्यप्रणाली को स्थिर करने के लिए चिकित्सक विशेष मर्म बिंदुओं पर कार्य करते हैं, इसमें मस्तिष्क को शांत, आनंद से भरपूर और स्पष्ट रखना शामिल है।

शिरोधारा के लाभ

  • तंत्रिका तंत्र को शांत रखने के साथ सशक्त करता है।

  • तनाव और उदासी से उबरने में मदद करता है।

  • गर्दन और कंधों को आराम पहुंचाता है।

  • लंबे समय से चली आ रही अनिद्रा और सिज़ोफ्रेनिआ (schizophrenia) में लाभदायक।

  • मस्तिष्क और भावों को आराम पहुंचाता है।

  • मस्तिष्क को तेज करता है और आध्यात्मिक जागरूकता को बढ़ाता है।

  • एंग्जाइटी, घबराहट और माइग्रेन से छुटकारा दिलाती है।

  • थकान, तनाव, हाइपरटेंशन और अस्थमा दूर करने में मदद करता है।

  • एकाग्रता और स्मरण शक्ति बढ़ाता है।

  • मस्तिष्क को रक्त प्रवाह बढ़ाता है।

शिरोधारा और पंचकर्म पद्धतियों पर अधिक जानकारी के लिए आप संपर्क कर सकते हैं 0129.4040404 या हमें ईमेल करें clinics@jiva.comपर।

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