गठिया के मरीजों के मामले में...
शरीर से विषैले पदार्थों को दूर करने वाली पंचकर्म की प्रक्रिया का प्रयोग दर्द को कम करने के लिए प्रभावी होता है। चूंकि गठिया एक बेहद गंभीर बीमारी है, इसलिए उपचार में रिजुविनेशन यानि नई ऊर्जा को भरने की प्रक्रिया का होना बहुत जरूरी है।
विभिन्न दिमागी-शारीरिक उपचार तकनीकों का एक साथ प्रयोग शरीर से विषैले पदार्थों को खत्म करने में और शरीर की प्रणाली में अवरोध को दूर करने में मदद करता है। इससे वात (जो गठिया दर्द का मुख्य कारण है) के संचार में मदद मिलती है। जिससे रोगी की समस्या उपचार योग्य बन जाती है
पंचकर्म से होने वाले फायदे:
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शरीर से विषैले पदर्थों को खत्म करता है।
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शरीर को दर्द से राहत देने में मदद करता है।
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रोगों से लड़ने की क्षमता को बढ़ाता है
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इससे शरीर में संतुलन पैदा होता है ,जो स्वास्थ्य को अच्छा रखने में मदद करता है।
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शरीर और दिमाग पर तनाव से पड़ने वाले बुरे प्रभाव को कम करता है।
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इससे शक्ति, उत्साह और मानसिक स्पष्टता में वृद्धि होती है
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दवाओं के असर को बढ़ाने में मदद मिलती है
गठिया के मरीजों के लिए बताए गए पंचकर्म:
बस्ती (दवा युक्त एनिमा)
इस प्रक्रिया का उपयोग मुख्य तौर पर शरीर से अशुद्ध और विषैले पदार्थों को बाहर निकालने के लिए किया जाता है। यह शरीर के ऊतकों को पोषण देकर उसको दोबारा बनाने का काम करता है, जिससे रोगों से लड़ने की उनकी क्षमता बढ़ती है, शरीर को स्वस्थ रखने में मदद मिलती है। इससे धमनियों को साफ करके शरीर में सही प्रकार से खून के दौड़ाव में मदद मिलती है, जिससे पूरी तरह दर्द में राहत मिलती है।
अभ्यंगा (पूरे शरीर की मालिश)
शरीर के मालिश की ये प्रक्रिया वात के विषैले पदार्थों को निकालने का काम करता है। नियमित रूप से अभ्यंगा प्रक्रिया करने से तनाव, थकावट और इसी तरह की बीमारियों से बचा जा सकता है। यह हमारे शरीर को पोषण देता है, नींद लाने में, शरीर को मजबूती देने में और पूरे शरीर को आराम देने के लिए एक अच्छे साधन के रूप में काम करता है।
पोटली (पोटली से मालिश)
हर्बल जूस युक्त दवाओं की ये मालिश शरीर से दर्द को खत्म करने में मदद मिलती है, मांसपेशियों को आराम, पित्त या कफ की परेशानी में राहत मिलती है। इस प्रक्रिया में जिन छोटी-छोटी हर्बल पोटली का उपयोग किया जाता है उसको बनाने में जड़ी-बूटियों और औषधियों को मिलाकर उपयोग किया जाता हैं। इन्हें औषधि वाले तेल में गर्म किया जाता है और पूरे शरीर पर इसकी मालिश की जाती है। यह उपचार ऑस्टियोआर्थराइटिस, स्पोंडिलाइटिस, और जोड़ों व मांसपेशियों के दर्द को आराम देने में बहुत असरदार होता है।
पीडिच्छिल (तेल से की गई मालिश)
यह उपचार शरीर के दर्द को कम करके एक नई ऊर्जा देने के लिए सबसे अच्छा माना जाता है। जोड़ों के दर्द को कम करने और गठिया रोग के इलाज के लिए इसका सुझाव दिया जाता है। पीडिच्छिल शरीर की बीमारियों से रक्षा करने का काम करता है और एक सेहतमंद जीवन के लिए रोगों से लड़ने की क्षमता को बढ़ाता है। पूरे शरीर की हल्के गर्म औषधीय तेल से मालिश करने से तनाव कम होता है, दिमागी रूप से शांति मिलती है और चिंताएं दूर होती हैं।
स्वेदना (भाप से स्नान करना)
जोड़ों के दर्द, गठिया, और मांसपेशियों के दर्द में इस प्रक्रिया की सबसे ज्यादा सलाह दी जाती है। यह शरीर की कोशिकाओं को मुलायम करने, विषैले पदार्थों खत्म करने और शरीर की प्रणालियों के संचार में मदद करता है।
पंचकर्म उपचार के लिए जीवा से संपर्क करें:
अगर आप जोड़ों के दर्द या किसी भी तरह के गठिया के दर्द से परेशान हैं तो पंचकर्म उपचार के लिए जीवा से संपर्क करें। हमसे संपर्क करने के लिए info@jiva.com पर मेंल करें और हम अपने चिकित्सालय( क्लीनिक) में आपकी सुविधा के अनुसार चिकित्सक से मिलने का दिन और समय तय कर देंगे।