चरण 1
रात के समय मे भारी भोजन ना करें। रात को हल्का और ऐसा आहार लें जिसे पचाने में आसानी हो। ताँबे के किसी जग ता फ़िर बोतल को साफ़ पानी से अच्छे से धो लें। अब इसे 1 लीटर साफ़ पानी से भर दें। अगर आपकी इच्छा हो तो इसमें तुलसी की कुछ पत्तियाँ भी डाल सकते हैं। अब इस पानी को ढक कर किसी ऐसी जग़ह पर रख दें जहाँ से ये बच्चों और पालतू जानवरों की पहुँच से दूर रहे।
चरण 2
अब सुबह में ब्रह्ममुहूर्त में उठें और बिना मंजन किये तथा बिना बाथरूम गए आप इस जल का सेवन करें। आप अपने बिस्तर पर सुखासन में बैठ जाये और इस पानी को घूँट- घूँट में पियें। अगर आप इस 1 लीटर पानी को पूरा नहीं पी पा रहे है तो चिन्ता ना करें, आप इसकी शुरुआत 2 गिलास पानी के सेवन से करें। बाद में धीरे-धीरे इसे बढाते जाएं।
चरण 3
पानी पीने के बाद ना तो दोबारा सोयें और ना ही आराम करें। इसके बाद थोड़ी देर तक टहलें जब तक कि आपको बाथरूम जाने की आवश्यकता ना हो। इसके अतिरिक्त आप और भी पानी पी सकते हैं ताकि आपका शौच सही समय पर हो जाये। आप शौच के बाद ही सुबह के व्यायाम या फ़िर टहलने के लिए निकलें।
बचाव
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जो व्यक्ति डायरिया या फ़िर पेचिश की समस्या से जूझ रहे हैं उन्हें उषापान नहीं करना चाहिए।
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ज़बरदस्ती जल का सेवन ना करें। आप शुरुआत में सिर्फ़ 2 गिलास पानी से इसकी शुरुआत कर सकते हैं बाद में धीरे-धीरे इस मात्रा को बढ़ाते जाएं। आप ख़ुद पर अधिक जल के सेवन के लिए दबाव ना डालें।
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आयुर्वेद के अनुसार आपको जल का सेवन तभी करना चाहिए जब आपको प्यास लगी हो। अत्यधिक जल का सेवन हमे स्वास्थ्य लाभ नहीं पहुँचाता है।
4.बेहतर परिणाम के लिए पानी को हमेशा शुद्ध ताँबे से बने बर्तन में रखना चाहिए।
- वहीं अगर आपको उषापान को बन्द करना है तो अचानक ही इसे बंद ना करें। रोज़ाना पानी की मात्रा थोड़ा थोड़ा कम करते हुए इसे बन्द करें।
जीवा द्वारा निर्मित ताँबे का बोतल तीन अलग-अलग रूप में उपलब्ध है। इसे ख़रीदने के लिए store.jiva.com की वेबसाइट पर जाएं, या फ़िर कॉल करें- 0129-4200200