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मन के प्रकार

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सात्विक: सात्विक स्वभाव के लोग एक अच्छी याददाश्त के साथ बहुत तेज़ दिमाग के होते हैं। वो सहज रूप से स्वच्छ, व्यवस्थित और स्वास्थ्य के प्रति जागरूक होते हैं। वे शांत, सभ्य और दूसरों का ध्यान रखने वाले और विनम्र और अच्छे शिष्टाचार के साथ सभी के लिए मददगार होते हैं। वो खुद को सुधारने की कोशिश करते हैं, चाहे वो पहले से ही बुद्धिमान क्यों ना हो पर उनका ध्यान काम, आत्म सुधार और बौद्धिक या आध्यात्मिक कार्यों पर रहता है

ये लोग स्वभाव से बहुत सकारात्मक होते हैं, उदार, दयालु, खुले, निष्पक्ष और माफ कर देने वाले स्वभाव को दर्शाते हैं। ये खुशी-खुशी हर वो चीज बांटते हैं जो कुछ भी उनके पास हो और वो ऐसा करना पसंद करते हैं, और इसके बदले वो किसी चीज़ की उम्मीद नहीं करते। सात्विक लोग जीवन को एक अनुभव के तौर पर देखते हैं जिससे वो कुछ अच्छा सीख सकें, और वो पद का कभी घमंड नहीं करते, ना ही ईर्ष्या करते हैं

ये दूसरों पर हावी होने के लिए या अपनी बात मनवाने के लिए अपने पद या पैसे का दिखावा नहीं करते। उनका मन शांत और स्पष्ट होता है, और वो ईमानदार, विनम्र और शांत स्वभाव के होते हैं। ये लोग आध्यात्मिक और ईश्वर में पूरा विश्वास और भरोसा रखते हैं, अक्सर बिना स्वार्थ के सेवा करते हैं और धर्म से जुड़े कामों में शामिल होते हैं।

सात्विक स्वभाव के लोग हमेशा खुशी, उत्साह और आनंद को दर्शाते हैं यानि खुद तो खुशी और उत्साहित होते ही है और दूसरों पर भी अच्छा प्रभाव डालते हैं। ये लोग आदतों और काम के मामले में नियम से चलने वाले, संतुलित, लचीले और संयमित होते हैं। ये लोग कम नींद लेते हैं पर गंभीर और ताजगी से भरे होते हैं। भोजन के मामले में ये ताज़ा और हल्का भोजन लेना ही पसंद करते हैं यानि वो खाना जो ज़्यादा मसालेदार या बहुत मीठा ना हो।

राजसिक:

राजसिक स्वभाव के लोग ऊर्जा से भरे होते हैं, ये दूसरों को नियंत्रण में रखने और उनपर हावी होने की कोशिश करते हैं । ये बुद्धि के मामले में मध्यम और याददाश्त के मामले में कमजोर होते हैं। राजसिक गुण वाले लोग अपनी प्रतिष्ठा और शासन को बहुत महत्व देते हैं, ये हमेशा पद, ख्याति, शक्ति, पैसा और रुतबे को हासिल करने की कोशिश में रहते हैं। राजसिक स्वभाव के लोग कभी भी अपने पद और संपत्ति से संतुष्ट नहीं होते हैं- ये लोग और ज्यादा पाने और जो है उसका दिखावा करने की तलाश में रहते हैं । इसके अलावा, ये हमेशा अपनी इच्छाओं की संतुष्टि चाहते हैं, जैसे कि शारीरिक सुख, भोजन, संगीत, रंग, सुगंध, और मनोरंजन, लेकिन ये लोग इन सब चीजों से भी बहुत जल्दी ऊब जाते हैं।

राजसिक स्वभाव के लोग बहुत मुश्किल से बिना मतलब के किसी के लिए कुछ करते हैं। ये जो भी करते हैं उसके पीछे हमेशा कोई मंशा होती है या कोई उम्मीद छिपी होती है, ये परोपकार करने के बजाय उदारता का दिखावा करते हैं।

ये रिश्ते आपसी हित और सम्मान के लिए नहीं, बल्कि अपनी जरूरतों और इच्छाओं की पूर्ति के हिसाब से ही बनाते हैं। सोते वक्त भी इनके दिमाग में ख्य़ाल चलते रहते हैं जिसकी वजह से इनकी नींद पूरी नहीं हो पाती और ये तरोताजा महसूस नहीं करते। ये लोग मसालेदार, गर्म और नमकीन खाना पसंद करते हैं। ये कॉफी, चाय, शराब और तंबाकू जैसी चीज़ों का सेवन रोज़ाना करते हैं।

राजसिक स्वभाव 6 प्रकार के होते हैं:

असुर- इस स्वभाव के लोग अपनी उपलब्धियों और संपत्ति पर बहुत घमंड करते हैं, खुद ही अपनी तारीफ करते हैं, बहादुर लेकिन निर्दयी होते हैं

राक्षस- इस स्वभाव के लोग क्रूर, बर्दाश्त ना करने वाले, बहुत ज्यादा खाने-पीने और सोने वाले होते हैं

पिशाचिका- इस स्वभाव के लोग अशुद्ध, समय और खाने की परवाह न करने वाले, विपरीत लिंग को लेकर कामुक होते हैं।

सर्प - इस स्वभाव के लोग डरपोक, कायर, धूर्त, दूसरो से जलने वाले होते हैं

प्रेत - इस स्वभाव के लोग लालची, कपटी, होते हैं, इनके अंदर विवेक की कमी होती है

शकुन- इस स्वभाव के लोग भावुक,अधीर, निर्दयी होते हैं और इन्हें बहुत भूख लगती है।

तामसिक:

तामसिक गुण के लोगों में समझ की कमी होती है, ये लोग आलसी, डरपोक और कमजोर याददाश्त वाले होते हैं। ये लोग स्वभाव से उदासीन और असंवेदनशील होते हैं। ऐसे लोग दूसरों का आदर और सम्मान में कमी करते हैं। और असभ्य, कमजोर, मोटे, अनैतिक या हिंसक होते हैं। ये लोग आसपास के लोगों के लिए जिद्दी या हठी, और लापरवाह हो सकते हैं। तामसिक लोग शारीरिक रूप से या मानसिक रूप से सुधार करने की इच्छा नहीं रखते या कम ही इच्छा रखते हैं, या ऐसा करने के लिए उनके अंदर इच्छा शक्ति और अनुशासन की कमी होती है।

तामसिक व्यक्ति शारीरिक रूप से या मानसिक रूप से बोझ लगाने वाली किसी भी काम में शामिल नहीं होते हैं, और अगर संभव हो तो किसी भी काम को करने से बचते हैं। वे खाने, पीने, सोने, सेक्स या आलस्य में लिप्त रहते हैं, या इसके बारे में ही सोचते हैं। ये लोग बेईमान, बुरी आदतों के शिकार होते हैं और अपनी सेहत पर ध्यान नहीं देते। ये ज्यादातर अध्यात्म के बारे में समझने में ना तो कोई पहल करते हैं और ना ही रुचि लेते हैं। ये भगवान में कम या बिल्कुल विश्वास नहीं रखते। तामसिक स्वभाव के लोग अक्सर दुखी या उदास रहते हैं।

मुख्य रूप से तामसिक स्वभाव के लोग मतलब से ही किसी को प्यार करते हैं, इसलिए रिश्तों के मामले में वो दूसरों का फायदा उठाते हैं, वो धोखे से लेने के अलावा कुछ भी देने में विश्वास नहीं रखते। अक्सर ये अपनी नौकरी या परिस्थिति के बारे में शिकायत करते रहते हैं और उसे बदलने के लिए कोई कदम या उत्साह नहीं दिखाते।

तामसिक लोग गहरी नींद लेते हैं और उन्हें नींद से उठाना आमतौर पर आसान नहीं होता है और अक्सर सुस्त होते हैं। ये लोग बहुत ज्यादा भोजन करते हैं और मसालेदार, मीठा, भारी, बासी, ठंडा, पैकेट बंद चीजें खाते हैं। "फास्ट फूड" या "जंक फूड" और मांस उनके आहार का एक बड़ा हिस्सा होता है।

तामसिक स्वभाव के भी तीन प्रकार होते हैं:

पासवा- इस स्वभाव के लोग कम बुद्धि वाले, जानवरों जैसा व्यवहार करने वाले, नींद और शारीरिक सुख में डूबे रहने वाले और आज्ञा ना मानने वाले होते हैं

मत्स्य- इस स्वभाव के लोग अधीर, चरित्र में बदलाव करते रहने वाले, कायर, अतृप्त और ज्यादा शराब पीने वाले होते हैं

वानस्पतिय- ज्यादा भोजन करने वाले, शिक्षा,अन्य लोगों और आसपास में रुचि ना लेने वाले लोग होते हैं।

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