आयुर्वेद के मुताबिक मधुमेह के 20 अलग-अलग प्रकार होते हैं, 4 वात की वजह से, 6 पित्त की वजह से और 10 कफ की वजह से होते हैं। किसी भी तरह की दवाइयाँ या उपचार इतने गहन स्तर पर मधुमेह से नहीं निपटते हैं। इस मामले में गहन अध्ययन और व्यक्तिगत उपचार का फायदा सिर्फ आयुर्वेद से ही मिल सकता है।
एक दवा और इंजेक्शन की सलाह देने के बजाए आयुर्वेद इस बीमारी की जड़ को साधता है, आपके मधुमेह के मुख्य कारण को पहचानता है, जो 20 अलग-अलग प्रकारों में से कोई भी हो सकता है। आपके मधुमेह के प्रकार को पहचानने के लिए हमारे आयुर्वेदिक डॉक्टर गहन निरीक्षण करते हैं जो खून की जांच से बढ़कर है, इसमें कई कारकों पर अध्ययन किया जाता है जैसे आपकी जीवनशैली, आनुवांशिक कारक, भौगोलीय पक्ष, आपके संबंध और मानसिक सेहत। यह तीन स्तरों पर किया जाता है: दर्शन, स्पर्श और प्रश्न।
मरीज़ के तीनों स्तरों पर गहन निरीक्षण के बाद डॉक्टर को न सिर्फ इस बीमारी को समझने बल्कि मरीज़ के इलाज में भी मदद मिलती है। हर व्यक्ति में रोग के निरीक्षण का परिणाम अलग-अलग होता है, जिसके हिसाब से उपचार में बदलाव किया जाता है। केवल वही समस्या का समाधान कर सकता है जो किसी व्यक्ति को बीमारी से उबरने और खुशहाल सेहतमंद जिंदगी जीने में मदद करे वो भी दवाइयों और इंजेक्शन पर निर्भर हुए बिना।
जीवा में हम पारंपरिक आयुर्वेद को अपनाते हैं जिसको हमने जीवा आयुनिक उपचार का सिद्धांत जो कि आधुनिक रिसर्च, साक्ष्य और प्रोटोकॉल पर निर्भर है, उसके जरिए मजबूत बनाया है।
मर्ज की एक दवा पर निर्भर होना छोड़िए। अपने मधुमेह के मूल कारणों को जानिए और व्यक्तिगत आयुनिक उपचार लीजिए। मिलने का समय या फोन पर डॉक्टर की सलाह लीजिए। फोन करें 0129-4040404 या अपनी जानकारी जैसे नाम, फोन नंबर ईमेल के जरिए हमें भेजें, हमारा ईमेल आईडी है clinics@jiva.com, मिलने का समय तय करके हम आपको खुद फोन करेंगे।
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