बारिश और कुछ भी नहीं गर्मियों से आराम दिलाने का माध्यम है। पानी की कुछ बूंदें और धरती से आती सौंधी खुशबू दैवीयता का अनुभव कराती है।
बारिश का मौसम एक ऐसा मौसम है जिससे कोई भी दूर नहीं रह सकता, लेकिन सुकून के साथ-साथ यह अपने साथ अनचाही बीमारियाँ भी लाती है। इनमें से कुछ को आसानी से ठीक किया जा सकता है, और बाकी जानलेवा भी साबित हो सकती है जैसे त्वचा का संक्रमण, पेट का संक्रमण, मलेरिया, पीलिया, हैजा, मियादी बुखार, दस्त, डेंगू और बुखार।
क्या आप जानते हैं कि ये परिस्थितियाँ क्यों जानलेवा साबित होती हैं? हाँ क्योंकि हम इन बीमारियों को बहुत हल्के में लेते हैं और हम समय रहते इससे बचने के उपायों को नहीं अपनाते। कभी-कभी एक छोटी सी परेशानी भी गंभीर परिणाम दिखाती है। सर्दी-जुकाम, त्वचा पर चकत्ते, मौसमी बुखार जैसी समस्याएँ हमारी ढिलाई की वजह से हो जाती हैं। इन्हें अनदेखा ना करें।
मान लीजिए आपके शरीर के किसी हिस्से में खुजली है और बजाए इसके कि आप उसको डॉक्टर को दिखाएं,आपने उसे ठीक न करने के बारे में सोचा, ये मानते हुए वो अपने आप ठीक हो जाएगा। लेकिन क्या आपने जानते हैं कि जख्म और खरोंच बारिश के मौसम में देर से ठीक होते हैं? और अगर आपने इसका इलाज नहीं किया या टिटनेस का इंजेक्शन 24 घंटों के अंदर नहीं लिया, तो संक्रमण का खतरा बढ़ जाएगा, ये संक्रमण आगे चलकर पूरे शरीर में फोड़े या मवाद में बदल जाएगा और आप इसको पूरे-पूरे दिन सह नहीं पाएँगे।
हम आपको कुछ उपाय बताते हैं जिससे आप बारिश के मौसम में होने वाली बीमारियों के लिए तैयार रहेंगे और उनसे निपट सकेंगे।
आपके शरीर की रक्षा प्रणाली कितनी मजबूत है? रक्षा प्रणाली और कुछ नहीं बल्कि बीमारियों के खिलाफ शरीर की प्रतिरोधक शक्ति है। यह शरीर को संक्रमण और विषाणुओं से लड़ने में मदद करती है। तो अपने शरीर की रक्षा प्रणाली को मजबूत बनाने के लिए आपको विटामिन सी का सेवन बढ़ाना होगा। जीवा आयुर्वेद गिलोय जूस आपके शरीर की रक्षा प्रणाली को मजबूती देगा और शरीर में खून का बनना तेज़ करेगा।
गली-नुक्कड़ों वाले व्यंजन ललचाते हैं, आपको उनसे दूर रहना है क्योंकि ऐसी जगहों पर व्यंजन खाने से आप बीमारियों को न्योता देते हैं। हम सब जानते हैं, पेट का संक्रमण और फूड पॉयज़निंग यानि खराब खाने से हुई बीमारी बारिश के मौसम में सबसे आम है क्योंकि इस मौसम में खराब और गंदगी वाला व्यंजन ही गलियों-नुक्कड़ों में मिलता है। इन सबसे बचें और अपने शरीर की रक्षा प्रणाली को मजबूत बनाएँ। दस्त, पेट में गैस और कब्ज होने पर जीवा डायजेस्टिव हेल्थ कॉम्बो का इस्तेमाल करें।
पानी पीने की मात्रा इस मौसम में बढ़ा दें ताकि शरीर में पानी की कमी ना हो। चाहें तो आप नींबू का रस, स्वच्छ पानी, जूस वगैरह भी पी सकते हैं। अगर आप सरकारी पेयजल व्यवस्था पर आँख मूंदकर विश्वास करते हैं और प्यूरिफायर या मिनरल वॉटर इस्तेमाल नहीं करते तो शुरू कर दीजिए या फिर साधारण नल के पानी को उबालकर पीने या खाना बनाने में इस्तेमाल करें।
यह बहुत ज़रूरी है कि आप बारिश के पानी में भीगने के बाद खुद को तुरंत ही सुखा लें, क्योंकि मुमकिन है कि आप इसके साथ-साथ रोगाणु या कीटाणु भी लेकर आए हों। ये दोनों संक्रामक होते हैं और आपके ज़रिए आपके परिवार में भी फैल सकते हैं। हालाँकि एक बार जब आप बारिश में भीगने के बाद घर आकर नहा लेते हैं तो जीवाणुओं या कीटाणुओं से प्रभावित होने का ख़तरा कम हो जाता है, खासतौर से मौसमी बुखार या सर्दी-जुकाम नहीं होता है।
जब भी आप कोई फल या सब्जियाँ खाएं सबसे पहले अपने हाथों को अच्छे से धो लें, यह पक्का कर लें कि हाथ साफ हो गए हैं और उसमें कोई जीवाणु या कीटाणु नहीं है।
यह उपाय आपको और आपके परिवार को बारिश के मौसम में होने वाली बीमारियों से बचाएगा। स्वस्थ रहें और इन तरीकों से इस खूबसूरत मौसम का मज़ा लें, वैसे भी रोकथाम किसी इलाज से बेहतर होता है। बचाव के तरीकों को अपनाएं, खुद को और अपने परिवार की सेहत का ख्याल रखते हुए बारिश के इस मौसम का आनंद लें।
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