शीतली प्राणायाम अधिक शारीरिक गर्मी के प्रभाव को कम करने के लिए बहुत अच्छा है। इस योगासन को करते समय वायु नम जीभ पर से होती हुई अंदर प्रवेश करती है। इसलिए वह ठंडी हो जाती है और फेफड़ों में खून के तापमान को कम करती है।
जब साँस बाहर निकालते हैं तो गर्म हवा गरमाई को बाहर ले जाती है। इस प्रकार शरीर का तापमान कम हो जाता है।
आलथी-पालथी मारकर आराम से बैठें, पीठ सीधी रखें और हथेलियों को अपने घुटनों पर रखें।
जीभ को बाहर निकालें और उसे दोनों ओर से मोड़ लें ताकि वह चिड़िया की चोंच के समान एक नली जैसी बन जाये।
इस नली में से वायु को अंदर की ओर खींचे और फेफड़ों को पूरी तरह से भरें।
मध्यपट पर पड़ने वाले दबावों को नाभि तक पहुंचना चाहिए।
अब जीभ को अंदर करें और मुंह बंद कर लें।
थोड़ी देर के लिए अपनी सांस को रोके रहें फिर धीरे-धीरे नाक से बाहर निकालें।
इस क्रिया को एक से पांच मिनट तक करते रहें।
यह क्रिया गर्मियों के लिए आदर्श है। शीतली प्राणायाम प्यास बुझाता है और शरीर को ठंडा रखता है। यह मन और शरीर दोनों को आराम और शांति प्रदान करता है।
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