आँखों में जलन और सूखापन महसूस हो रहा है? ये आयुर्वेदिक नुस्ख़े देंगे आराम

क्या दिनभर स्क्रीन पर काम करते-करते आपकी आँखें थकी हुई लगती हैं? कभी जलन होती है, तो कभी सूखापन इतना बढ़ जाता है कि आँखें खोलना भी मुश्किल हो जाता है? ऐसा महसूस होना आज के डिजिटल दौर में बिलकुल असामान्य नहीं है। मोबाइल, लैपटॉप और एसी रूम्स की आदत ने हमारी आँखों की नमी और आराम दोनों छीन लिए हैं।
अगर यह परेशानी लगातार बनी रहे, तो यह आपकी आँखों की सेहत को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकती है। इसलिए ज़रूरी है कि आप समय रहते समाधान अपनाएँ — और इसमें आयुर्वेद आपकी आँखों को फिर से ठंडक, नमी और आराम देने में मदद कर सकता है।
अगर इस परेशानी को समय पर समझकर सही उपाय न किए जाएँ, तो यह आगे चलकर आँखों की रोशनी पर भी असर डाल सकती है। ऐसे में आयुर्वेद आपके लिए एक सुरक्षित और प्राकृतिक समाधान लेकर आता है।
आँखों में जलन और सूखेपन के कारण
आपके आँखों में जलन और ड्रायनेस की समस्या कई कारणों से हो सकती है:
- ज़्यादा देर तक स्क्रीन पर काम करना
- तेज़ धूप या धूल-मिट्टी में ज़्यादा समय बिताना
- नींद पूरी न होना या थकावट
- पर्याप्त पानी न पीना यानी डिहाइड्रेशन
- वात और पित्त दोष का असंतुलन
- ज्यादा मसालेदार और तला-भुना खाना
- धूम्रपान या शराब का सेवन
- आँखों की ठीक से सफ़ाई न करना
- कुछ दवाओं के साइड इफेक्ट
आयुर्वेद में आँखों की इस समस्या को कैसे समझा जाता है?
आयुर्वेद के अनुसार, आँखों का सीधा संबंध पित्त और वात दोष से होता है। जब पित्त बढ़ता है, तो यह आँखों में जलन और सूखापन पैदा करता है। वहीं वात दोष आँखों में सूखेपन, थकान और रुखापन लाता है।
आयुर्वेद में यह माना गया है कि अगर शरीर में आम (टॉक्सिन्स) जमा हो जाएँ और पाचन ठीक से न हो, तो यह भी आँखों की सेहत पर असर डाल सकता है।
आँखों की इस तरह की समस्या को आयुर्वेद 'अभिष्यंद' या 'शुष्काक्षिपुट' जैसे विकारों के अंतर्गत देखता है। इसका उपचार दोषों को संतुलित करने, आम को निकालने और आँखों की ताजगी बनाए रखने पर आधारित होता है।
आँखों में जलन और सूखापन – लक्षण क्या हो सकते हैं?
अगर आपको यह समस्या हो रही है, तो आप इनमें से कुछ लक्षण महसूस कर सकते हैं:
- आँखों में जलन या चुभन महसूस होना
- आँखों में खुजली होना
- आँखों से पानी निकलना या बिल्कुल सूखा लगना
- लालिमा या भारीपन
- धुंधला दिखना या फोकस करने में दिक्कत
- तेज़ रोशनी में आँखें खोलने में तकलीफ़
- आँखों को बार-बार मसलने की आदत
आयुर्वेदिक नुस्ख़े जो आँखों को दें राहत
अगर आपको आँखों में जलन और सूखापन बार-बार परेशान कर रहा है, तो ये आयुर्वेदिक घरेलू उपाय आपको राहत दे सकते हैं:
त्रिफला जल से आँखों की धुलाई
त्रिफला में हरड़, बहेड़ा और आँवला होता है जो आँखों की सफाई करता है और सूजन कम करता है। कैसे करें?
- 1 चम्मच त्रिफला चूर्ण को रातभर पानी में भिगो दें। सुबह छानकर उस पानी से आँखें धोएँ।
घृत में डूबे हुए रुई के पैड्स रखें
देशी गाय के घी में डूबे हुए कॉटन पैड्स को आँखों पर रखने से ठंडक मिलती है और जलन कम होती है। कैसे करें?
- घी को हल्का गुनगुना करें, कॉटन पैड भिगोएँ और आँखों पर रखें। 10 मिनट तक ऐसे ही आराम करें।
आँवला और शहद का सेवन करें
आँवला आँखों के लिए बहुत फायदेमंद होता है और शहद पाचन सुधारकर दोषों को संतुलित करता है। कैसे लें?
- 1 चम्मच आँवला जूस में आधा चम्मच शहद मिलाकर सुबह खाली पेट पिएं।
गुलाब जल का प्रयोग करें
गुलाब जल में कूलिंग प्रॉपर्टीज़ होती हैं जो आँखों को ठंडक और आराम देती हैं। कैसे करें?
- आँखों में 1-2 बूंद गुलाब जल डालें या कॉटन में भिगोकर आँखों पर रखें।
शतावरी चूर्ण का सेवन करें
शतावरी शरीर में पित्त को संतुलित करती है और नेत्र ज्योति को सुधारती है। कैसे लें?
- 1/2 चम्मच शतावरी चूर्ण को गुनगुने दूध के साथ लें।
गिलोय का काढ़ा पिएं
गिलोय शरीर की इम्यूनिटी बढ़ाकर आम को बाहर निकालता है। इससे आँखों की सूजन भी कम होती है। कैसे लें?
- गिलोय की स्टिक को पानी में उबालें और सुबह-शाम उसका काढ़ा पिएं।
आँखों को हेल्दी रखने के लिए क्या करें?
सिर्फ इलाज ही नहीं, आपकी कुछ आदतें भी बदलनी ज़रूरी हैं:
- स्क्रीन टाइम को लिमिट करें, हर 20 मिनट बाद 20 सेकंड के लिए 20 फीट दूर देखें (20-20-20 रूल)
- दिनभर में 2-3 बार आँखों पर ठंडे पानी की छींटें मारें
- धूप में जाते समय चश्मा पहनें
- पर्याप्त नींद लें, कम से कम 7-8 घंटे की
- ज्यादा मसालेदार और डीप फ्राइड खाना अवॉइड करें
- हाइड्रेटेड रहें – खूब पानी, नारियल पानी, बेल का शरबत पिएं
डॉक्टर से मिलना कब ज़रूरी है?
आँखों में जलन और सूखापन अगर कुछ दिनों तक हल्के स्तर पर रहे, तो घरेलू और आयुर्वेदिक उपायों से इसे ठीक किया जा सकता है। लेकिन अगर यह समस्या बार-बार हो रही है या लगातार बढ़ रही है, तो आपको इसे हल्के में नहीं लेना चाहिए।
अगर आपकी आँखों से बार-बार पानी बहता है, रौशनी में देखने में परेशानी होती है या आपको हर समय चश्मा उतारने-पहनने की ज़रूरत महसूस होती है, तो यह संकेत हो सकते हैं कि आपकी आँखों की रोशनी में बदलाव आ रहा है। इसी तरह, अगर आपको रात में गाड़ी चलाते समय आँखों में जलन या धुंधलापन महसूस हो रहा है, तो यह भी नेत्र रोग विशेषज्ञ से मिलने का समय है।
कभी-कभी आँखों में जलन किसी और गंभीर समस्या जैसे कंज़क्टिवाइटिस, यूवाइटिस या ड्राय आई सिंड्रोम की ओर इशारा कर सकती है। ऐसे में आँखों का विस्तृत परीक्षण ज़रूरी हो जाता है। अगर आपकी आँखों के किनारे बार-बार सूजते हैं, पलकों में दर्द होता है या मवाद निकलने जैसी स्थिति बनती है, तो आयुर्वेदिक या एलोपैथिक नेत्र विशेषज्ञ से तुरंत संपर्क करें।
अंतिम विचार
आँखें सिर्फ देखने का माध्यम नहीं, बल्कि आपके शरीर और मन की सेहत का दर्पण भी होती हैं। जब आपकी आँखों में जलन और सूखापन जैसे लक्षण दिखते हैं, तो यह संकेत होते हैं कि आपकी लाइफस्टाइल में कुछ बदलाव की ज़रूरत है। स्क्रीनों के ज़माने में यह समस्या आम हो सकती है, लेकिन इसे हल्के में लेना आपकी आँखों की रोशनी पर भारी पड़ सकता है।
आयुर्वेद में आँखों की देखभाल के लिए जो सरल उपाय बताए गए हैं — जैसे त्रिफला जल से धोना, गुलाब जल का प्रयोग, और आंवला का सेवन — ये सब मिलकर आपकी आँखों को फिर से आराम और नमी दे सकते हैं। साथ ही, दिनचर्या में छोटा-सा बदलाव जैसे स्क्रीन ब्रेक लेना, पर्याप्त नींद लेना और आँखों को ठंडे पानी से धोना, आपकी आँखों की हेल्थ को लंबे समय तक बनाए रखता है।
आपकी आँखों की देखभाल एक आदत होनी चाहिए — एक बार का इलाज नहीं।