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आयुर्वेद को मिला बढ़ावा: दवा-ध्यान से होगा शरीर, बुद्धि और मन के बीच संचुलन
आयुर्वेद के पारंपरिक ज्ञान और ध्यान की परिवर्तनकारी शक्ति को बढ़ावा देने के लिए जीवा आयुर्वेद और आई ट्रीट सेंटर ने हाथ मिलाया है।
दिव्या अग्रवाल, फरीदाबाद: आयुर्वेद के क्षेत्र में खास पहचान बना चुका ‘जीवा आयुर्वेद’ अब भारत से बाहर भी अपने सेंटर्स खोल रहा है। थाईलैंड के पहाड़ी क्षेत्र पाक थोग चाई और उत्तरी वन क्षेत्र चियांग माई में ये दोनों सेंटर खोले गए हैं। आयुर्वेद के पारंपरिक ज्ञान और ध्यान की परिवर्तनकारी शक्ति को बढ़ावा देने के लिए जीवा आयुर्वेद और आई ट्रीट सेंटर ने हाथ मिलाया है। पारंपरिक चिकित्सा को ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचने और वैश्विक पहुंच को बढ़ावे देने के लिए इस भारत के बाहर भी प्रचारित किया जा रहा है।
ये लोग रहे मौजूद
आयु को बढ़ाने वाला वेद आयुर्वेद अब भारत के साथ-साथ विदेशों में भी अपनी छाप छोड़ेगा। जीवा आयुर्वेद के संस्थापक डॉक्टर प्रताप चौहान (Dr. Pratap Chauhan), प्रसिद्ध आद्यात्मिक और ध्यान शिक्षिका बहन बीके शिवानी, विश्व हिंदू आर्थिक मंच के स्वामी विज्ञानंद और वीडियो कफ्रेंसिंग से आयुष मंत्रालय के चिकित्सा सचिव राजेश कोटेचा मौजूद रहे।
आयुर्वेद की बताई विशेषता
जीवा आयुर्वेद ने आई Treat सेंटर्स के साथ करार किया है। बताया गया है कि अब जीवा मेडिकेशन और मैडिटेशन दोनों को जोड़कर लोगों के शरीर, बुद्धि और मन को संतुलित करेगा। करीब 500 साल पुराना आयुर्वेद, जो भारत के समृद्ध संस्कृति, कला और विरासत को बयां करता है, आज घर-घर पंहुचा है। वक्ताओं मे कहा कि इसमें जीवा आयुर्वेद ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। यही योगदान अब जीवा विदेशो में भी पहुचाएगा।