आयुर्वेद में खूबसूरती की परिभाषा है शुभंग कर्णम यानि शरीर और मन के हर पहलू को सबसे अच्छे स्तर पर ले जाना। आयुर्वेदिक नजरिए से खूबसूरती त्वचा की गहराई तक जाने, कॉस्मेटिक सर्जरी, लाइपोसक्शन, फेस-लिफ्ट और व्यायाम से कहीं ज्यादा है।
खबसूरती को हेल्थ क्लब और हेयर सलून में खोजना बेकार है, अपने अंदर झांकिए और उसकी अंतहीन खूबसूरती देखिए।आयुर्वेद मानता है कि संपूर्ण खूबसूरती संतुलित शरीर, सेहत, मन और आत्मा में निहित है, साथ यह आपकी अंतरात्मा और बाहरी आत्म का गठजोड़ है।
बाहरी स्तर पर आयुर्वेद हमेशा से ही खूबसूरती को अच्छी सेहत और नियमित रूप से आयुर्वेदिक देखभाल को मानता रहा है। कॉस्मेटिक कामों से अलग यह खुद से जुटाई गई जानकारियों, सही खानपान और जीवनशैली की आदतों का मिश्रण है। अच्छी सेहत जब बनी रहती है तो ये आपके बुजुर्गियत के दौर में भी आपको मजबूत और सेहतमंद बनाए रखती है।
अंदरूनी खूबसूरती आपको आपके अंदर के आध्यात्मिक धन यानि आध्यात्मिक गुण, अंदरूनी शक्ति,भावनात्मक अवस्था और मानसिक क्षमताओं की ओर खींचती है। सच्ची खूबसूरती आराम और शांतिपूर्ण व्यवहार से निकलती है। जीवन की सकारात्मकता को गले लगाना, अपने आप को प्यार और स्वीकार करने के साथ-साथ, दूसरों को भी प्यार और स्वीकार करना, आत्मज्ञान को पाने में खुद को पूरी तरह से तल्लीन कर देना ही सच मेंअसली खूबसूरती होती है। शरीर-मन का संतुलन तीन दोषों यानि वात, पित्त और कफ को संतुलित करने से, सात धातुओं या शरीर के धातुओं जो पोषक रस, रक्त, मांस, मेद, अस्थि, मज्जा और शुक्र बनाते हैं उनसे, शरीर की अग्नि जो खाना पचाने में मदद करती है और शरीर की गंदगी जैसे पसीना और मल मूत्र से मिलता है । शरीर के इन तंत्रों का सटीक संतुलन शांति और खुशहाली के साथ आता है,जो अच्छी सेहत और जीवनशक्ति देता है।
ऊपर बताए गए शारीरिक तंत्र अच्छी जीवनशैली के साथ संतुलित रहते हैं।इसमें सही समय पर सही खानपान, व्यक्ति के हिसाब से जीवनशैली की सही आदतें, मौसम के हिसाब से आहार में बदलाव और आदतें, सोने के समय की निश्चितता,ध्यान लगाना, व्यायाम, मन और आत्मा की शुद्धता शामिल है। जब भी हम रोजमर्रा के इन कामों को नकारते हैं, अंसुलन की वजह से शरीर में विषैले तत्व इकट्ठा हो जाते हैं, बीमारियां घेर लेती हैं। आधुनिक व्यस्तता हमें असंतुलन की ओर ले जाती है, और प्रकृति से दूर होने को मजबूर करती है।
हममें से ज्यादातर लोग देर रात तक काम करते हैं, सुबह काम पर जाने के लिए जल्दी उठते हैं, जिससे हमारी नींद और आराम की ज़रूरतें पूरी नहीं हो पाती हैं। हमें शायद कभी ताज़ा, गर्म, पोषण से भरा हुआ खाना पकाने का समय नहीं होता है, हम तो ठंडा, माइक्रोवेव वाला, पैकेटबंद, बासी खाना खाते हैं। दिन के तीन आहार वो भी अपने परिवार के साथ बैठकर खाना असंभव हो जाता है।
हम कार और बसों में सफर करते हैं, प्रदूषण से भरी हवा में पूरे दिन सांस लेते हैं, मानकों से ज्यादा वाली ध्वनि के बीच रहते हैं, हम अप्राकृतिक रोशनी और एयरकंडीशन्ड जगहों पर काम करते हैं। असल में हम फास्ट फूड,कार्बोनेटेड और कैफीन वाले पेय, नींद की दवाइयों और धुंधली तस्वीरों वाले टीवीसेट पर जिंदा रहते हैं। कोई आश्चर्य नहीं होना चाहिए कि हमारा शारीरिक तंत्र असंतुलित हो और हमारी जिंदगी तेज़ी से तनाव,थकान, दिल संबंधी परेशानियों, अवसाद, अकेलापन, असफल संबंधों और टूटे हुए घरों की ओर जा रही हो।
यह जरूरी है कि खूबसूरती की तलाश से पहले आप अपनी जीवनशैली की नियमितता को बनाए रखें। आयुर्वेद सेहत और सुंदरता पाने के लिए आहार नियम की सलाह देता है जो आपके हिसाब से होती है, इसमें संपूर्ण आहार, जीवनशैली, आदतें, ध्यान, व्यायाम, सामान्य जड़ी बूटियों का इस्तेमाल, घरेलू उपचार, मालिश और नई ऊर्जा पाने के उपचार शामिल होते हैं।
आयुर्वेद का संबंध अंदरूनी और बाहरी सुंदरता के साथ-साथ उस शारीरिक संतुलन से भी होता है जो इंसान को सच में खूबसूरत बनाता है। यह हमेशा कहता है कि खूबसूरती का मतलब सामान्य शारीरिक सेहत और दैनिक देखभाल है, ना कि कॉस्मेटिक मुखौटा लगा लेना। अच्छे खानपान और जीवनशैली की आदतें, साथ ही खुद की देखभाल की समझ ही हमारे अंदर की असली खूबसूरती बाहर लेकर आती है।
To Know more , talk to a Jiva doctor. Dial 0129-4040404 or click on ‘Speak to a Doctor
under the CONNECT tab in Jiva Health App.
SHARE:
TAGS:
पित्त का रामबाण इलाज: आयुर्वेदिक उपचार
AYURVEDIC MEDICINE FOR MOUTH ULCER
What is Jiva's Ayunique Treatment Protocol?
Why Choose Jiva For Your Next Ayurvedic Treatment?
Lifestyle & Ayurveda: Understanding the Connection
Is Ayurveda Right For You?
Is Ayurvedic Treatment Effective?
Get The Best Ayurvedic Treatment In India
Why Does Ayurveda Recommend Occasional Fasting?
आँखों के नीचे से काले घेरों को ख़त्म करने के घरेलू और प्राकृतिक उपाय