कोलेस्ट्रॉल एक प्रकार का फैटी एसिड है, जो लिवर में बनता है। यह विटामिन डी, पित्त व अम्लों के संश्लेषण के साथ-साथ हार्मोन्स व कोशिका झिल्लियों के निर्माण और शरीर के बहुत से अन्य कार्यों में उपयोगी भूमिका निभाता है। और इसीलिए, इसके असंतुलन से बीमारियाँ बढ़ती हैं।
खराब भोजनशैली, मोटापा, धूम्रपान, मधुमेह, व्यायाम की कमी आदि कोलेस्ट्रॉल बढ़ने के लिए उत्तरदायी कुछ कारक हैं।
आयुर्वेद कोलेस्ट्रॉल को शरीर के विभिन्न परिसंचरण स्रोतों (सर्कुलेटरी चैनलों) के लुब्रिकेटर के रूप में देखता है। चूँकि यह स्रोतों शरीर में संवाहक का काम करते हैं, शरीर को स्वस्थ और चालू रखने के लिए इनका लचीला और नम होना जरूरी है।
आयुर्वेदा कोलेस्ट्रॉल को खराब नहीं मानता, मगर जब शरीर में अमा मौजूद हो तब यह खतरनाक हो सकता है। 'अमा' एक चिपचिपा द्रव्य है जो शरीर में प्रवेश कर रही अशुद्धियों के कारण बनता है। यदि इसको ख़त्म ना किया जाए तो यह वसा संचित करने वाली कोशिकाओं में मिलकर 'अमाविष' बनाता है और स्त्रोतों को नुकसान पहुचाता है। इसके कारण कोलेस्ट्रॉल का लेवल बढ़ जाता है और साथ ही, आघात और उच्च रक्त चाप की शिकायत होने की भी सम्भावना रहती है।
कोलेस्ट्रॉल का लेवल कम करने के लिए यह जरूरी नहीं है कि आप कम कोलेस्ट्रॉल वाला भोजन ही करें। ऐसा आहार लें, जो पूरे शरीर में वसा को नियंत्रित रखे। नीचे दिए गए तरीकों से आप इसे काबू में कर सकते हैं -
यह आयुर्वेदिक दवा कोलेस्ट्रॉल लेवल को कम करने में बेहद कारगर है। गुग्गुलु मोटापे को काम करता है, रोग-प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है और पाचन तंत्र को दुरुस्त करता है। गर्भावस्था में इसका इस्तेमाल न करें।
दिल से सम्बंधित समस्याओं में यह बहुत गुणकारी है। यह अवरुद्ध रक्त कोशिकाओं को खोलता है और कोलेस्ट्रॉल की परेशानियों को कम करता है।
रोज़ सुबह उबले हुए पानी के साथ धनिये के बीज खाने से कोलेस्ट्रॉल का असर कम होता है। यह आपका पाचन भी अच्छा रखता है और शरीर से विषैले पदार्थ निकाल स्वास्थ्य अच्छा करता है।
नित्य समय से व्यायाम करना शरीर के लिए बहुत आवश्यक है। यह वजन कम करता है और पाचन क्रिया अच्छी करता है। व्यायाम वसा और कोलेस्ट्रॉल की मात्रा को कम करने में पूर्णतया सक्षम है। जो लोग मोटापे से ग्रस्त होते हैं, उनका कोलेस्ट्रॉल स्तर भी ज्यादा होता है। नित्य व्यायाम करने से उनका शरीर सुडौल बनता है और कोलेस्ट्रॉल भी घट जाता है।
8-10 गिलास पानी रोज़ पीने से स्वास्थ्य अच्छा रहता है। यह शरीर में से सारे विषैले पदार्थ निकालने में और आपको तंदरुस्त रखने में सहायक है।
आयुर्वेद के सभी उपाय प्राकृतिक होते हैं और इनके दुष्परिणाम नहीं होते, इसलिए सबको इसे अपनाकर देखना चाहिए।
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