Diseases Search
Close Button

खाँसी

Search Icon

सामान्य रूप से हर व्यक्ति प्रति मिनट लगभग 6-7 लीटर वायु साँस के द्वारा शरीर के अंदर लेता और बाहर छोड़ता है। मतलब प्रतिदिन करीब 11,000 लीटर वायु के सहारे एक सामान्य व्यक्ति खाने के बिना 10 दिनों तक जीवित रह सकता है परंतु प्राणवायु के बिना वह 1 मिनट भी नहीं जी सकता तो सोचिए आपने अपने जीवन काल में कितनी वायु का शरीर में आदान-प्रदान किया होगा। जब इस वायु द्वारा कोई भी ऐसी चीज़ जैसे कीटाणु, धूल, धुआँ आदि विकृत पदार्थ हमारे गले, श्वास नलिका या फेफड़ों में फँस जाते हैं तब हमारा शरीर उसे बाहर फेंकने के लिए सहज प्रतिक्रिया के रूप में खाँसी उत्पन्न करता है। उसी तरह जब इन बाहî चीज़ों के कारण हमारे गले, श्वास नलिका, फेफड़ों में लाली, सूजन आ जाती है तब उत्तेजना स्वरूप में खाँसी होती है।

खाँसी होने के कारण:

खाँसी यह एक बीमारी तो है ही, साथ ही यह बहुत सारी दूसरी बीमारियों के लक्षण स्वरूप में भी दिखाई देती है। जैसे कैंसर, दमा, एलर्जी, टीबी आदि। ज़्यादातर खाँसी बरसात, ठंडी के मौसम में, ठंडा-गर्म खाना या पीना, धूल-धुआँ या किसी अन्य चीज़ से एलर्जी के कारण, दूषित जल-भोजन, भोजन में फलों और सब्जियों की कमी, पाचन क्रिया में गड़बड़ी, मीठी या तली हुई चीजें खाने से, धूम्रपान, शराब, तम्बाकू का सेवन करने के कारण होती है।

यह मुख्य रूप से दो प्रकार की होती है:

  • सूखी खाँसी

  • कफ युक्त खाँसी

जो खाँसी 3 सप्ताह से ज्यादा दिनों तक रहती है, उसे पुरानी खाँसी कहते हैं। इसका जल्द से जल्द डॉक्टर द्वारा इलाज करवाना चाहिए।

क्या न करें:

  • ठंडी हवा में न जाएं, ए.सी. में देर तक न बैठें।

  • दिन में न सोएं व रात में देर तक न जागें

  • भूख न रहने पर खाना न खाएं।

  • सूर्यास्त पश्चात् न खाएं।

  • मल-मूत्र वेगों का धारण न करें।

  • प्रकृति के विरूद्ध खान-पान व आचरण को न अपनाएं।

  • एलर्जी उत्पन्न करने वाले कारणों से बचकर रहें।

घरेलू उपचार:

  • 1 गिलास गुनगुने पानी में आधा चम्मच हल्दी डालकर गरारे करें। इससे गले से आ रही सूखी खाँसी में लाभ होगा।

  • 1 गिलास गुनगुने दूध में आधा चम्मच सोंठ का चूर्ण डालकर सुबह सेवन करें।

  • 2 चम्मच अदरक (10मि.ली.) का रस, 2 चम्मच तुलसी के पत्तों का रस को 1 चम्मच शहद में मिलाकर दिन में 3-4 बार सेवन करें।

  • लंबे समय तक 1-2 इलायची या लौंग चबाने से भी खाँसी में राहत मिली है।

  • 1 इंच अदरक के टुकड़े को छीलकर, उस पर थोड़ा सेंधा नमक लगाकर चबाएं।

  • 1/2 चम्मच हरड़ पाउडर व 1/2 चम्मच आंवला पाउडर गर्म पानी के साथ सोते समय लें।

  • रात भर भिगोए हुए 8-10 मुनक्के को दिन में काली मिर्च चूर्ण के साथ मिलाकर खाएं।

  • गले और छाती पर गर्म तिल तेल में नमक मिलाकर लगाएं। उसके बाद गर्म पानी की भाप नाक और मुँह खोलकर लें। इससे छाती में भरा कफ पिघलकर बाहर निकलने में मदद मिलती है, छाती हल्की लगती है।

  • भुना हुआ अजवायन एक सूती कपड़े / रूमाल में बांधकर सूंघे या 1 चम्मच इसी का सेवन करें।

  • अदरक का रस 2 चम्मच (10मि.ली.) को 1 चम्मच शहद के साथ मिलाएं, दिन में 3-4 बार सेवन करें।

नोटः

ऊपर बताएं गए उपायों को प्रयोग करने के साथ-साथ रोग की गंभीरता के अनुरूप डॉक्टर की सलाह लेनी भी आवश्यक है।

To Know more , talk to a Jiva doctor. Dial 0129-4040404 or click on ‘Speak to a Doctor
under the CONNECT tab in Jiva Health App.

SHARE:

TAGS:

Related Disease

Our Happy Patients

  • Sunita Malik - Knee Pain
  • Abhishek Mal - Diabetes
  • Vidit Aggarwal - Psoriasis
  • Shanti - Sleeping Disorder
  • Ranjana - Arthritis
  • Jyoti - Migraine
  • Renu Lamba - Diabetes
  • Kamla Singh - Bulging Disc
  • Rajesh Kumar - Psoriasis
  • Dhruv Dutta - Diabetes
  • Atharva - Respiratory Disease
  • Amey - Skin Problem
  • Asha - Joint Problem
  • Sanjeeta - Joint Pain
  • A B Mukherjee - Acidity
  • Deepak Sharma - Lower Back Pain
  • Vyjayanti - Pcod
  • Sunil Singh - Thyroid
  • Sarla Gupta - Post Surgery Challenges
  • Syed Masood Ahmed - Osteoarthritis & Bp

Signup For Jiva Newsletter

Subscribe to the monthly Jiva Newsletter and get regular updates on Dr Chauhan's latest health videos, health & wellness tips, blogs and lots more.

Please fill your Name
Please fill your valid email
Book Free Consultation Call Us