परंपरागत और चिकित्सकीय गुणों से भरपूर औषधि अदरक आयुर्वेद के हिसाब से एक अद्भुत मसाला है, जो कि अपने चिकित्सीय, औषधीय और स्वादवर्द्धक खूबियों की वजह से लंबे समय से विख्यात है। इसके कुछ लाभ नीचे दिए गए हैं:
अदरक अपने परेशानियों से राहत देने वाले गुणों के कारण जानी जाती है। यह आँतों में गैस और सूजन आदि को ठीककर खराब पेट को स्वस्थ रखती है। जैसा कि कहा जाता है कि उपचार सबसे अच्छा बचाव है, अदरक के कुछ टुकड़ों पर नमक छिड़ककर आहार से पहले खाना चाहिए। इससे मुँह में लार का प्रवाह बढ़ाता है और पाचन में आसानी होती है, जिससे पेट से जुडी सभी समस्याएँ ठीक हो जाती हैं ।
यह अद्भुत मसाला कई तरीके के जी मचलने और उल्टी को रोकता है, जिसमें गर्भवती महिला की सुबह की समस्याएँ (मॉर्निंग सिकनेस), यात्रा के समय जी घबराना, कीमोथेरेपी रोगियों में जी मिचलना जैसी समस्याएँ भी आती हैं। तो अगली बार जब आपको उल्टी जैसा महसूस हो, तो तुरंत ही कुछ अदरक के टुकड़े खा लें।
अदरक हमारे शरीर की रोग प्रतिरोधक शक्ति को बढ़ाने के लिए जानी जाती है। यह सर्दी, बंद गला और फ्लू आदि से लड़ने में हमारी मदद करती है। अदरक शरीर की माइक्रोसरकुलेटरी नलियों को साफ़ करती है, जो कि साइनस के जुकाम के दौरान इक्ट्ठी हो जाती हैं। यह श्वसन के ऊपरी पथ पर से संक्रमण के लक्षणों को शांत करने में भी मदद करती है। अदरक में नींबू मिलाकर पीने से सामान्य सर्दी, जुकाम आदि को आसानी से ठीक किया जा सकता है।
आयुर्वेद में अदरक बहुत तरीकों से इस्तेमाल की जाती है, क्योंकि इसमें बहुत से औषधीय गुण होते हैं। तो कोशिश करें कि आप इस मसाले को अपने आहार में जरूर जोड़ें, ताकि पेट में जलन, अत्यधिक कफ, बहती नाक, दर्द और ज़ुकाम आदि में राहत मिल सके।
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