तो, आप इसका इलाज कैसे करेंगे? आयुर्वेद के विशेषज्ञों से विचार-विमर्श करके हमनें यह तीन लाभकारी घरेलू नुस्खे पता किये हैं, जो इर्रिटेबल बॉवेल से आराम दिलाते हैं -
अदरक का सेवन थोड़ा अधिक करें:
एक प्राकृतिक रेचक (लैक्सेटिव) होने के कारण अदरक कब्ज में बहुत आराम देती है। ये सूजन व जलन को कम करके पाचन को ठीक करती है। इसे कच्चा खायें या फिर दिन में दो बार अदरक की चाय पिएँ।
रात को अलसी की चाय पिएँ:
एक छोटी चम्मच अलसी के बीज को उबालें और उसमें एक कप पानी और एक नींबू मिलाकर चाय बना लें। ज्यादा फायदे के लिए इसे रात में पिएँ। इसमें सूजन-विनाशक और रेचक तत्व होने के कारण यह मल को मुलायम करके पाचन ठीक रखती है।
दही के साथ इसबगोल की भूसी:
दस्त और कब्ज होने पर भोजन के बाद एक छोटा चम्मच इसबगोल की भूसी को दही (योगर्ट) के साथ लें। यह एक रेशेदार आहार है, जो ज्यादा पानी को सोखकर मल के निष्कासन को नियमित करता है। इसीलिए, आपको इसे सीमित मात्रा में ही लिए लेना चाहिए।
इर्रिटेबल बोवेल सिंड्रोम (आई बी एस) के लिए उपलब्ध आयुर्वेदिक चिकित्सा बहुत प्रभावी है। आयुर्वेद के और फायदे जानने और इलाज के लिए आज ही जीवा डॉक्टर से संपर्क करें।