आजकल बीमारी की सबसे बड़ी वजह है जीवनशैली। छोटी-छोटी चीज़ें जो हम अपनी रोज़ाना की ज़िंदगी में चुनते हैं उनका बड़ा दूरगामी असर पड़ता है। अनुचित जीवनशैली जैसे देर रात तक जगना, टीवी के सामने बैठे रहना, लैपटॉप और मोबाइलों में उलझे रहना, ज्य़ादा मात्रा में कैफ़ीन, शराब या ऊलजलूल खानपान शरीर के त्रिदोष को असंतुलित करता है, जिससे सेहत संबंधी दिक्कतें पैदा हो जाती हैं।
रोचक बात यह है कि हमारी जीवनशैली का असर हमारे जीवनसाथी और संतानोत्पत्ति पर भी पड़ता है। उदाहरण के लिए, अगर आप बीड़ी-सिगरेट पीते हैं तो आपकी सेहत पर बुरा असर पड़ता है, इसके साथ ही आप अपने जीवनसाथी को भी बीड़ी-सिगरेट के धुएँ से नुकसान पहुँचाते हैं। ठीक उसी तरह से अगर काम का तनाव आपके व्यक्तिगत जीवन पर असर डाल रहा है तो एक तरह से आप अपने जीवनसाथी पर भी ग़ैरज़रूरी तनाव थोप रहे हैं। (काम के तनाव को निपटने के बारे में ज्यादा जानने के लिए पढ़ें हमारा ब्लॉग: अपने काम का तनाव घर मत लाएँ: आयुर्वेद से तनाव कम करें)
एक दंपति की तरह जीवनसाथी की सेहत को बेहतर बनाए रखना भी ज़रूरी है। हम आपको अपनी ज़िंदगी में आयुर्वेद के तीन आसान उपाय बताते हैं, यह आपको और आपके संबंधों में ख़त्म हो चुकी ऊर्जा को वापस लाएगा।
एक दंपत्ति की तरह आपको आयुर्वेदिक मालिश से लाभ होगा। आयुर्वेदिक मालिश शरीर की शुद्धता के लिए बहुत असरदार है। यह शरीर के ऊतकों और पाचन तंत्र में मौजूद विषैले तत्वों को शरीर से निकाल फेंकता है। शरीर की ऊर्जा को संतुलित करने के साथ-साथ यह आपको शांत, तनाव मुक्त और नई ऊर्जा से भरता है। सप्ताह के अंतिम दिनों में या फिर जब भी आपको समय मिले अपने जीवनसाथी का तनाव खत्म करने के लिए उनकी सिर की मालिश करें। यह तनाव को दूर भगाने का एक बेहतरीन तरीका है। खासतौर से आयुर्वेदिक मालिश के तेल जैसे जीवा मसाज आयल और भृंगराज तेल ऑनलाइन खरीदा जा सकता है।
पूरी विश्व मानता है कि योग और प्राणायाम बहुत असरदार हैं। कई बार यह अकेले करना मुश्किल होता है। अपने जीवनसाथी के साथ योग और प्राणायम करने से ना सिर्फ दोनों को प्रेरणा मिलती है बल्कि प्रेम संबंध गहराता है। जब भी मुमकिन हो अपने पूरे परिवार के साथ इसे करें जिससे परिवार में प्रेम और सौहार्द बढ़े। एक दंपति की तरह देखें तो इससे आप दोनों के शरीर, मन और आत्मा एक लय में आ जाते हैं। एक युगल के रूप में योग और प्राणायम करने से आप और आपके जीवनसाथी के बीच के संबंध आत्मीय होने लगेंगे।
तनाव से मुक्ति पाने के लिए ध्यान लगाना बहुत असरदार होता है। आध्यात्मिक प्रेम ही सच्चा प्रेम है, इसका मतलब है दो आत्माओं के बीच का गहरा संबंध। यही वजह है कि पति-पत्नी को जीवनसाथी कहते हैं। ध्यान लगाना आध्यात्मिक प्रेम को बढ़ाने का एक बहुत ताकतवर तरीका है । आप शांतिपूर्ण तरीके से या फिर साथ में भजन-कीर्तन करके भी ध्यान लगा सकते हैं।
काम के सारे तनाव, आलोचनाओं और गुस्से को कुछ मिनटों के लिए अलग रख दें और इन आसान उपायों को अपनाकर जीवनसाथी के साथ आध्यात्मिक प्रेम को मजबूत बनाएँ।
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