इन तरीकों से माइग्रेन आँखों की दृष्टि पर असर कर सकता है:
आँखों की ज्योति/आभा की समस्या:
अगर पीड़ित को नियमित सिर दर्द रहता है, तो आँखों की रोशनी या ज्योति की समस्या के कारण आपकी दृष्टि बाध्य हो सकती है। अगर ऐसा होता है, तो आपको काले धब्बे (ब्लाइंड स्पॉट्स) और चमकती हुई रोशनी का अनुभव होता है। सामान्यतः इससे आपकी दोनों आँखों पर असर पड़ता है।
आँखों का माइग्रेन (ऑक्युलर माइग्रेन):
माइग्रेन का एक ऐसा प्रकार भी है, जो आँखो को सबसे अधिक प्रभावित करता है। इसको ऑक्युलर माइग्रेन कहा जाता है। मोनोक्युलर, रेटिनल, विजुअल, ओफ्थैल्मिक माइग्रेन आदि इसके अन्य नाम हैं। इसके होने से आँखों में बहुत तेज़ दर्द और आभा का अहसास होता है। कभी-कभी ये सिर्फ एक आँख की रोशनी पर असर करता है और सामान्यतः आधा घंटे में या और अधिक समय में ठीक होता है।
यह स्पष्ट है कि माइग्रेन आपकी आँखों पर बहुत बुरा प्रभाव डालता है और रेटिनल माइग्रेन के कुछ कारण आंखों में रेटिना की रक्त वाहिकाओं की ऐंठन से जुड़े होते हैं। ऑक्युलर माइग्रेन का एक प्रमुख कारण रेटिना में फैली तांत्रिक कोशिकाओं में परिवर्तन भी हो सकता है।
वैसे ऑक्युलर माइग्रेन, माइग्रेन का सबसे असामान्य और कम पाया जाने वाला प्रकार है, परन्तु जिन व्यक्तियों को यह होता है, उन्हें दृष्टिहीनता का खतरा हमेशा ही बना रहता है। दर्द-निवारक दवाइयाँ भी इसके निवारण में कामयाब नहीं हो पातीं। इस समस्या का कोई जाना-माना उपचार नहीं है। कई लोगों का मानना है कि ट्राई-साइक्लिक एंटी-डिप्रेसेंट या एंटी-सीजर के सेवन से दृष्टि हीनता से बचा जा सकता है।
ऑक्युलर माइग्रेन में अँधा कर देने वाला तेज दर्द होता है, जिससे चक्कर आने की संभावना बढ़ जाती है। इससे मरीज को फोटोफोबिया भी हो सकता है, जिसके कारण उसे प्रकाश से डर लगने लगता है क्योंकि रोशनी यह दर्द बढ़ा सकती है। इसीलिए, यदि आपको लग रहा है कि आपको ऑक्युलर माइग्रेन होने की संभावना है, तो जल्दी ही डॉक्टर से संपर्क करें। हालाँकि इसकी कोई निश्चित दवाई तो नहीं है, परन्तु चिकित्सक आपको कुछ निवारक उपाय बताकर इसको बढ़ने से रोकने में आपकी मदद जरूर कर सकते हैं।
अगर आप तेज़ सिरदर्द से ग्रसित हैं, तो तुरंत ही जीवा के किसी डॉक्टर से संपर्क करें, ताकि इसे जड़ से खत्म करके आपकी दृष्टि को माइग्रेन के कुप्रभावों से बचाया जा सके।