यह सच हैं, कि आज का आधुनिक मनुष्य प्रौद्योगिकी पर निर्भर है। वह सदा जीवन में और ज्यादा प्राप्त करने की लालसा में लगा हुआ है। आज की तेजी से भागती दुनिया में तनाव से बचना संभव नही है। ऐसी दुनिया से बचना तब ही संभव है, जब हम एकान्तवास मे रहते हो अन्यथा इससे बचाव संभव नहीं है। अतः हमारा उद्देश्य तनाव को अच्छी तरह से संभालने का होना चाहिये।
आप पूरा दिन विभिन्न कार्य में उलझे हो सकते है, जैसे प्रातः 9 बजे से सायं 5 बजे तक नौकरी अथवा व्यापार में, अपने बच्चां की देखभाल करने के लिये या दर्जनो अलग अलग कार्य प्रभावी ढंग से करने के लिये। तनाव हमें अलग-अलग तरीको से प्रभावित कर सकता है। यह कई प्रकार का हो सकता है, जैसे - कार्य का, शारीरिक, या रिश्ते का तनाव। यदि आप ज्ञान, बुद्धि या समझदारी से इस तनाव को संभाले तो इसका आपके स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव नही होगा। तनाव में उलझना इससे निकलने की कुंजी नही है। वास्तव में यदि आप तनाव को प्रभावी ढंग से सभांल सकते हैं, तो यह आपको मजबूत बनाने मे मदद करेगा। यह आपको जीवन में और अधिक कुशल व सफल बना देगा।
हमारा प्राकृतिक व बुनियादी सिद्धान्तों से दूर होना एवं तनाव को संभालने के लिये हमारी असमर्थता स्वास्थ्य सम्बन्धी विकारों को जन्म देती हैं। उच्च रक्तचाप इन्हीं में से एक है। उच्च रक्तचाप गंभीर परेशानियां जैसे स्ट्रोक, दृष्टिरोग, लीवर की परेशानी, दिल का दौरा, रक्त के जमाव के कारण हार्ट फेल होना, संवहनी मनोभ्रंश, ऐआरटिक ऐन्यरिजय आदि का कारण हो सकता है।
उच्च रक्तचाप के लक्षणः
- प्रातः काल सिर में दर्द विशेषकर सिर के पीछे,
- गर्दन की मांसपेशियों में अकडन,
- दिल की धड़कन,
- अनिंद्रा की समस्या,
- शरीर मे अनपेक्षित गर्मी,
- लगातार चिन्ता और भय,
यदि आप या आपके परिवार का कोई सदस्य उच्च रक्तचाप से पीड़ित हो, तो संभव है कि आप राहत पाने के लिये लगातार गोलियां खा रहे हो, हालांकि यह समस्या का दीर्घकालिक समाधान नही है। यह समस्या का कुछ समय के लिये इलाज मात्र करता है, ये इसे स्थायी रूप से ठीक नही करता है।
डॉक्टर दादी का उपचार
आप चिन्ता मत करो, क्योकि अपने कालातीत आयुर्वेदिक घरेलू उपचारों के साथ डाक्टर दादी सदा आपके साथ है। उनके उच्च रक्तचाप के निदान में उपयोगी कुछ घरेलू नुस्खे अग्रलिखित हैंः-
- 3-4 लहसुन की कलियां व 10-12 तुलसी के पत्ते और थोडी सी गेहूं घास लेकर इनका रस निकाल ले तथा दिन मे एक बार पियें।
- एक छोटी चम्मच प्याज का रस व एक छोटी चम्मच शहद मिलाकर एक सप्ताह तक दिन में एक बार पिये और यदि सुधार लगे तो कुछ और दिन इसका सेवन कर सकते हैं।
- एक बडे तांबे के बर्तन में पानी भरकर पूरी रात के लिये रखे तथा प्रातः काल उठकर तीन चार गिलास पानी पिये।
- प्रतिदिन 2-3 कच्ची लहसुन की कलियां खाये। यह पल्स की गति को नियन्त्रित कर, हृदय गति को संतुलित करेगा।
- चार चम्मच पानी में चार तुलसी के तथा दो नीम के पत्ते लेकर पीस ले इस मिश्रण को प्रातः एक गिलास पानी के साथ सेवन करें।
- प्रातः काल नाश्ते में पपीता खाये व इसके दो घन्टे बाद तक कुछ नही खाये। स्थिति में सुधार होने पर एक माह तक इस आहार को जारी रखें।
- प्रातः काल नाश्ते में गाजर, चुकन्दर, खीरे व पपीते का रस सेवन करे।
नोटः
इन नुस्खों को आजमाने से पहले किसी विशेषज्ञ की सलाह अवश्य ले लें। कृपया याद रखें, घरेलू उपचार को दवाओं के स्थान पर प्रयुक्त नहीं किया जा सकता। अगर इससे आपकी हालत में सुधार नहीं आता है, तो किसी चिकित्सक की मदद अवश्य लें।