जाड़ों में नाक का बंद हो जाना एक बहुत ही आम समस्या है। इससे हमको नाक बहना, जुकाम, सिरदर्द आदि अनेकों स्वास्थ्य-सम्बन्धी परेशानियाँ होने लगती हैं। नाक बहने में आप आयुर्वेदिक उपचार का सहारा आसानी से ले सकते हैं, क्योंकि इसका कोई दुष्प्रभाव नहीं होता। यहाँ पर हम आपको कुछ लाभकारी और जाने-माने प्राकृतिक उपायों के बारे में बता रहे हैं, जो कि जुकाम और बहती नाक के लिए फायदेमंद हैं:
आयुर्वेद में भाँप लेने नाक में हुए जमाव और बन्द नाक से राहत पाने का एक तेजी से काम करने वाला तरीका माना गया है। भाँप लेने के लिए आप पुदीने की मसली हुई पत्तियाँ अथवा पेपरमिंट या यूकेलिप्टस के तेल की कुछ बूँदें उबलते हुए पानी में डालकर कुछ देर के लिए इसकी वाष्प में गहरी साँसें ले सकते हैं। इससे आपको नाक की हर प्रकार की समस्या से तुरन्त राहत मिलेगी।
सरसों के तेल को साँस और नाक को अवरोध करने वाली समस्याओं, जैसे साइनस और नाक बन्द होने आदि में बहुत असरदार माना जाता है। गर्म सरसों के तेल की कुछ बूँदें नाक में डालने से जुकाम में बहुत राहत मिलती है। आप अधिक फायदों के लिए इसमें कुछ लहसुन की कलियाँ डालकर एक मिनट तक हल्की आँच पर रखकर इस बेहतर दवा भी तैयार तक सकते हैं। तैयार हुए तेल की 2-3 बूँदें एक-एक करके अपनी नाक के दोनों छिद्रों में डालें। इस आयुर्वेदिक दवा के उपयोग से आपको बहुत आराम मिलेगा।
भरी हुई या बन्द नाक के लिए, या साइनस की शिकायत के लिए आप कोई भी आयुर्वेदिक चाय पी सकते हैं। बबूने के फूल (कैमोमिल) की चाय, ग्रीन टी और नींबू की चाय इसमें फायदेमंद रहती है। आप आसानी से नींबू की चाय बनाकर इसमें शहद मिलकर पी सकते हैं। यह बन्द नाक या जुकाम से आराम पाने का सबसे सरल तरीका है।
एक ख़ास आयुर्वेदिक विधि से तैयार किया गया जीवा अनु तेल आपको बन्द नाक से तुरन्त आराम दिला सकता है। यह सिरदर्द, माइग्रेन, टॉर्टिकलीस इत्यादि में भी बहुत फायदेमन्द है।
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