पुदीने की मसली हुई पत्तियाँ या पेपरमिंट/यूकेलिप्टस के तेल की कुछ बूँदें:
आयुर्वेद में भाँप लेने नाक में हुए जमाव और बन्द नाक से राहत पाने का एक तेजी से काम करने वाला तरीका माना गया है। भाँप लेने के लिए आप पुदीने की मसली हुई पत्तियाँ अथवा पेपरमिंट या यूकेलिप्टस के तेल की कुछ बूँदें उबलते हुए पानी में डालकर कुछ देर के लिए इसकी वाष्प में गहरी साँसें ले सकते हैं। इससे आपको नाक की हर प्रकार की समस्या से तुरन्त राहत मिलेगी।
सरसों के तेल में लहसुन:
सरसों के तेल को साँस और नाक को अवरोध करने वाली समस्याओं, जैसे साइनस और नाक बन्द होने आदि में बहुत असरदार माना जाता है। गर्म सरसों के तेल की कुछ बूँदें नाक में डालने से जुकाम में बहुत राहत मिलती है। आप अधिक फायदों के लिए इसमें कुछ लहसुन की कलियाँ डालकर एक मिनट तक हल्की आँच पर रखकर इस बेहतर दवा भी तैयार तक सकते हैं। तैयार हुए तेल की 2-3 बूँदें एक-एक करके अपनी नाक के दोनों छिद्रों में डालें। इस आयुर्वेदिक दवा के उपयोग से आपको बहुत आराम मिलेगा।
नींबू की चाय:
भरी हुई या बन्द नाक के लिए, या साइनस की शिकायत के लिए आप कोई भी आयुर्वेदिक चाय पी सकते हैं। बबूने के फूल (कैमोमिल) की चाय, ग्रीन टी और नींबू की चाय इसमें फायदेमंद रहती है। आप आसानी से नींबू की चाय बनाकर इसमें शहद मिलकर पी सकते हैं। यह बन्द नाक या जुकाम से आराम पाने का सबसे सरल तरीका है।
जीवा अनु तेल:
एक ख़ास आयुर्वेदिक विधि से तैयार किया गया जीवा अनु तेल आपको बन्द नाक से तुरन्त आराम दिला सकता है। यह सिरदर्द, माइग्रेन, टॉर्टिकलीस इत्यादि में भी बहुत फायदेमन्द है।